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जैव विविधता और पर्यावरण

ब्लू फ्लैग तटों का विरोध

  • 24 Apr 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ओडिशा सरकार की पाँच समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग प्रमाणन (Blue Flag Certification) प्राप्त करने की योजना का मछुआरों द्वारा विरोध किया गया था।

  • ओडिशा ने वर्ष 2020 में पुरी के गोल्डन तट हेतु प्रमाणन प्राप्त करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिये तीन ज़िलों में पाँच और समुद्र तटों को विकसित करने की योजना बनाई है।

प्रमुख बिंदु:

मछुआरों की मांग:

  • प्रमाणीकरण के लिये प्रस्तावित भूमि का उपयोग मछुआरों द्वारा अपनी नौकाओं हेतु लंगर डालने के लिये किया जाता है।
    • मछुआरे, मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लंगर के लिये एक स्थायी समुद्री मुहाने की मांग कर रहे हैं।
  • उनकी मांग है कि आजीविका के संरक्षण को सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
  • इसके अलावा वे एक नए मछली पकड़ने के जेट्टी (Jetty) को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं।

 ब्लू फ्लैग प्रमाणन (Blue Flag Certification):

  • ब्लू फ्लैग समुद्र तटों को विश्व का सबसे स्वच्छ समुद्र तट माना जाता है।
  • ब्लू फ्लैग विश्व के मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक पर्यावरण-लेबल में से एक है जिसे समुद्र तटों, मैरिन और स्थायी नौका विहार पर्यटन ऑपरेटरों को प्रदान किया जाता है।
  • प्रमाणन के लिये मानदंड:
    • ब्लू फ्लैग हेतु अर्हता प्राप्त करने के लिये कठोर पर्यावरणीय, शैक्षिक, सुरक्षा और अभिगम्यता मानदंडो की एक शृंखला को पूरा करना तथा बनाए रखना आवश्यक है।
    • ब्लू फ्लैग प्रमाणीकरण हेतु अर्हता प्राप्त करने के लिये लगभग 33 मानदंड हैं-
      • जैसे कि पानी की गुणवत्ता के कुछ मानकों को पूरा करना, अपशिष्ट निपटान की सुविधा होना, दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील या उनकी सहायता करना, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण का होना और समुद्र तट के मुख्य क्षेत्रों में पालतू जानवरों की पहुँच न होना। 
    • कुछ मानदंड स्वैच्छिक हैं और कुछ अनिवार्य होते हैं।
  • संगठन (Organisations):
    • समुद्र तटों और मरीन्स के लिये ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फॉर एन्वायरमेंटल एजुकेशन (Foundation for Environmental Education-FEE) द्वारा प्रदान किया जाता है।
      • FEE की स्थापना वर्ष 1985 में फ्राँस में की गई थी।
  • ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन की तरह ही भारत ने भी अपना इको-लेबल बीच एन्वायरमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विसेज़’ (Beach Environment and Aesthetics Management Services- BEAMS) लॉन्च किया है।

 इको-लेबल बीच एन्वायरमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विस (BEAMS):

  • इको-लेबल बीच एन्वायरमेंट एंड एस्थेटिक्स मैनेजमेंट सर्विस, एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (Integrated Coastal Zone Management- ICZM) परियोजना के तहत आती है।
  • इसे सोसाइटी ऑफ इंटीग्रेटेड कोस्टल मैनेजमेंट (Society of Integrated Coastal Management- SICOM) और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Union Ministry of Environment, Forest and Climate Change - MoEFCC) द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • BEAMS कार्यक्रम के उद्देश्य है:
    • तटीय जल प्रदूषण को न्यून करना
    • समुद्र तट सुविधाओं के सतत् विकास को बढ़ावा देना
    • तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण
    • स्वच्छता के उच्च मानकों को मज़बूत करना और उन्हें बनाए रखना
    • तटीय वातावरण और नियमों के अनुसार समुद्र तट के लिये स्वच्छता और सुरक्षा।
  • भारत में आठ समुद्र तट हैं जिन्हें ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त हुआ है:
    • शिवराजपुर, गुजरात
    • घोघला, दमन व दीव
    • कासरकोड, कर्नाटक
    • पदुबिद्री तट, कर्नाटक
    • कप्पड़, केरल
    • रुशिकोंडा, आंध्र प्रदेश
    • गोल्डन बीच, ओड़िसा
    • राधानगर तट, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

Blue-Flag

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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