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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 18 दिसंबर, 2017

  • 18 Dec 2017
  • 7 min read

डिजिटल करेंसी लाइटकॉइन आई.ओ.टी.ए. (IOTA) और रिप्पल (Ripple) को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बन गई है। हालाँकि बाज़ारी पूंजीकरण के मामले में अभी भी बिटकॉइन ही नंबर एक पर कायम है।

प्रमुख बिंदु

  • दूसरे एवं तीसरे नम्बर पर एथरियम (Ethereum) एवं बिटकॉइन कैश कायम है।
  • वर्तमान में लाइटकॉइन का मार्किट कैपिटलाइजे़शन 0.88 लाख करोड़ रुपए है। 
  • अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत तकरीबन 253 डॉलर है।  
  • सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जहाँ बिटकॉइन में एक साल के भीतर 1550 प्रतिशत की वृद्धि हुई है वहीं लाइटकॉइन में 5700 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई है। 

खोजकर्त्ता

  • लाइटकॉइन को गूगल के पूर्व कर्मचारी चार्ली ली द्वारा बनाया गया है।  
  • ये कॉइन बी.एस. में इंजीनियरिंग के पूर्व डायरेक्टर भी हैं।

आई.ओ.टी.ए. (IOTA)

आई.ओ.टी.ए. एक मुक्त स्रोत वितरित खात क्रिप्टोकरेंसी (open-source distributed ledger (cryptocurrency) है। यह आई.ओ.टी. (Internet of Things) पर सुरक्षित संचार और मशीनों के बीच भुगतान प्रदान पर केंद्रित क्रिप्टोकरेंसी है।
प्रमुख बिंदु

  • इसके अंतर्गत पारंपरिक ब्लॉकचेन  (blockchain) के बजाय निर्देशित एसाइक्लिक ग्राफ (directed acyclic graph - DAG) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। 
  • इसके तहत लेन-देन के आकार की परवाह किये बिना आई.ओ.टी.ए. का नि: शुल्क लेन-देन किया जाता हैं।
  • लेन-देन की पुष्टि का समय काफी तीव्र हैं, यह एक साथ असीमित संख्या में लेन-देन को व्यवस्थित कर सकता है, साथ ही इस सिस्टम को आसानी से मापा भी जा सकता है।

खोजकर्त्ता

  • आई.ओ.टी.ए. को वर्ष 2015 में डेविड सोंस्तेबो (David Sønstebø), सेर्गे इवैंचेग्लो (Sergey Ivancheglo), डोमिनिक स्किनर  (Dominik Schiener) और डॉ. सर्गेई पोपोव (Dr. Serguei Popov ) द्वारा स्थापित किया गया था

रिप्पल (Ripple)

रिप्पल (Ripple - XRP) एक पीयर-टू-पीयर समर्थित क्रिप्टोकरेंसी (peer-to-peer powered cryptocurrency) है, जिसे वेब के संबंध में सुरक्षित, तीव्र एवं प्रत्यक्ष भुगतान करने के लिये तैयार किया गया है।
प्रमुख बिंदु

  • यह आर.टी.जी.एस (real time gross settlements (RTGS), मुद्रा विनिमय और मनी ट्रांसफर की एक प्रणाली है।
  • इसका एक अन्य नाम रिप्पल ट्रांजेक्शन प्रोटोकॉल (Ripple transaction protocol (RTXP) या रिप्पल प्रोटोकॉल (Ripple protocol) है।
  • इसे एक वितरित खुले इंटरनेट प्रोटोकॉल (distributed open Internet protocol), सर्वसम्मति बही-खाते (consensus ledger) और एक्स.आर.पी. नामक इसकी मुद्रा के आधार पर निर्मित किया गया है।

खोजकर्त्ता

  •   रिप्पल भुगतान प्रोटोकॉल की स्थापना रियान फगर (Ryan Fugger), आर्थर ब्रिटो (Arthur Britto) तथा  डेविड स्वार्ट्ज (David Schwartz) द्वारा की गई थी

एथरियम (Ethereum)

एथरियम (Ethereum) एक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित एक खुला सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जो डेवलपर को विकेंद्रित अनुप्रयोगों को तैयार करने तथा लागू करने में सक्षम बनाता है।

प्रमुख बिंदु

  • बिटकॉन की तरह एथरियम भी एक वितरित सार्वजनिक ब्लॉकचेन नेटवर्क है।
  • हालाँकि, इन दोनों के बीच कुछ महत्त्वपूर्ण तकनीकी मतभेद भी है, इनमें सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि बिटकॉइन और एथरियम के उद्देश्य और क्षमता में काफी भिन्नता है। 
  • बिटकॉइन ब्लैकचेन टेक्नोलॉजी का एक विशेष अनुप्रयोग प्रदान करता है, जो कि इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम को उत्कर्षटता प्रदान करने के लिये एक पीयर-टू-पीयर व्यवस्था है, जो ऑनलाइन बिटकॉइन भुगतानों को सक्षम बनाती है।
  • हालाँकि जहाँ एक ओर बिटकॉइन ब्लॉकचेन का उपयोग डिजिटल मुद्रा (बिटकॉइन) के स्वामित्व को ट्रैक करने के लिये किया जाता है, वहीं दूसरी ओर एथरियम ब्लॉकचेन किसी भी विकेंद्रित आवेदन के प्रोग्रामिंग कोड को चलाने पर केंद्रित है।

खोजकर्त्ता

  • एथरियम की अवधारणा को सबसे पहले वर्ष 2013 में विटैलिक बटरिन (Vitalik Buterin), एक क्रिप्टोकरेंसी शोधकर्त्ता और प्रोग्रामर द्वारा प्रस्तावित किया गया था।

बिटकॉइन (Bitcoin)

बिटकॉइन्स, एक प्रकार की मुद्राएँ होती हैं, जिन्हें डिजिटली रूप से विकेन्द्रित प्रक्रियाओं जैसे-‘माइनिंग’(mining) के द्वारा प्राप्त किया जाता है|

प्रमुख बिंदु

  • बिटकॉइन मुद्रा के अंतर्गत लेन-देन एक साझी सार्वजनिक लेज़र तकनीक (जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है) के द्वारा किया जाता है|
  • इस लेज़र तकनीक में प्रत्येक लेन-देन प्रक्रिया दर्ज़ होती है, जिससे इसकी वैद्यता को प्रमाणित किया जा सकता है|
  • इस प्रक्रिया में लेन-देन बिटकॉइन की छोटी उप-इकाइयों (जिन्हें सातोशी कहा जाता है) के द्वारा किये जा सकते हैं| 
  • ध्यातव्य है कि 1 बिटकॉइन 10 लाख बिट्स से मिलकर बना होता है| काल्पनिक मुद्रा के रूप में बिटकॉइन 100 बिलियन डॉलर के आधे से भी कम बाज़ार (जिसमें 150 क्रिप्टोकरेंसी होती हैं) का संचालन करता है| 
  • वर्तमान में कुल बिटकॉइन व्यापार का 10% व्यापार भारत से होता है|
  • बिटकॉइन के संबंध में सबसे रोचक बात यह है कि इसकी आपूर्ति मात्रा सीमित (मात्र 21 मिलियन) है|

खोजकर्त्ता

  • इसकी स्थापना सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने की थी
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