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डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17 Nov, 2017

  • 17 Nov 2017
  • 13 min read

विश्व मधुमेह दिवस

  • प्रतिवर्ष 14 नवंबर को ‘विश्व मधुमेह दिवस’ मनाया जाता है। इसे मधुमेह से उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी खतरे के बारे में बढ़ती चिंताओं के प्रत्युत्तर में ‘इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन’ तथा ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा वर्ष 1991 में स्थापित किया गया।
  • वर्ष 2006 में एक संकल्प पारित करके इसे ‘संयुक्त राष्ट्र के एक आधिकारिक दिवस’ के रूप स्थापित किया गया। 
  • मधुमेह एक पुरानी बीमारी या स्थिति होती है, जब अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बना पाता है या जब शरीर इंसुलिन का अच्छा उपयोग नहीं कर पाता है तब यह समस्या उत्पन्न होती है।
  • इस वर्ष के ‘विश्व मधुमेह दिवस’ की थीम है- “महिला और मधुमेह - एक स्वस्थ भविष्य के लिये हमारा अधिकार”  (Women and diabetes - our right to a healthy future)।  
  • गौरतलब है कि ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा निम्नलिखित 7 दिवसों तथा दो सप्ताहों को ‘आधिकारिक दिवस एवं सप्ताह’ के रूप में स्वीकृत किया गया है – 

महिलाएँ और मधुमेह

  • आँकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में 199 मिलियन से भी अधिक महिलाएँ मधुमेह से पीड़ित हैं। इस संख्या के वर्ष 2040 तक बढ़कर 313 मिलियन होने का अनुमान है। 
  • विश्व स्तर पर महिलाओं की मृत्यु का नौवां बड़ा कारण मधुमेह है, जिससे हर साल तकरीबन 2.1 मिलियन महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। 
  • मधुमेह के कारण न केवल महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक कठिनाई होती है बल्कि मधुमेह की समस्या रहने पर गर्भधारण किये जाने के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं।


हुनर हाट

देश भर के हुनरमंद कारीगरों और तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा तैयार हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्कृष्ट नमूनों को ‘हुनर हाट’ के नाम से दिल्ली में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में शामिल किया गया है।

  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा यू.एस.टी.टी.ए.डी. (Upgrading the Skills & Training in Traditional Arts/Crafts for Development) योजना के अंतर्गत हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। 

उद्देश्य : 

  • इस योजना का उद्देश्य न केवल अल्पसंख्यक समुदायों की पारंपरिक कला और शिल्प की समृद्ध विरासत को सुरक्षित रखते हुए इसे बढ़ावा देना है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों हेतु रोज़गार के अवसर भी सुनिश्चित करना है।
  • यह इस मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। 
  • जहाँ एक तरफ हुनर हाट हुनरमंद कारीगरों और शिल्पियों को अपनी समृद्ध विरासत और कौशल का प्रदर्शन करने का एक मंच प्रदान करता है, वहीं दूसरी तरफ इसमें लगने वाली प्रदर्शनियों के माध्यम से इन कारीगरों और शिल्पियों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिनिधित्त्व भी प्रदान करता है।
  • इस बार हुनर हाट में 20 राज्यों और संघशासित प्रदेशों के करीब 130 कारीगर भाग ले रहे हैं, जिनमें 30 महिला कारीगर भी शामिल हैं।

इस बार क्या विशेष है?

  • इस बार का हुनर हाट पिछले के हुनर हाट से काफी अनोखा है, क्योंकि इस बार पहली बार इसमें दिल्ली के तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी शामिल किया गया है। इन उत्पादों में हाथ से बने फर्नीचर, हथकरघा, हस्तशिल्प, बैकरी का सामान, ऑर्गेनिक तेल, मसाले और अनाज शामिल हैं।

सुगम्‍य भारत अभियान

बाल दिवस के अवसर पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (M/o Social Justice and Empowerment) के विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण विभाग [Department of Empowerment of Persons with Disabilities (Divyangjan)] द्वारा आयोजित “सुगम्य भारत अभियान पर ड्राइंग एंड पेंटिंग प्रतियोगिता'' के विजेताओं को सम्मानित किया गया।


सुगम्य भारत अभियान

  • सुगम्‍य भारत अभियान (Accessible India Campaign) सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांगजन सशक्‍तीकरण विभाग का राष्‍ट्रव्‍यापी महत्त्वपूर्ण अभियान है। 
  • इस अभियान का उद्देश्‍य देश भर में दिव्‍यांगजनों के लिये एक बाधा रहित और सुखद वातावरण तैयार करना है। इस अभियान का शुभारंभ 03 दिसम्‍बर, 2015 को अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस के अवसर पर किया गया था।
  • यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के उस सिद्धांत पर आधारित है जिसमें किसी व्‍यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि उसकी सामाजिक व्‍यवस्‍था के तरीके के कारण विकलांगता निर्धारित की जाती है। 
  • दिव्‍यांग व्‍यक्तियों के लिये व्‍यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: सुगम्य वातावरण तैयार करना, सुगम्य परिवहन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना।

लक्ष्य : 

  • सुगम्‍य भारत अभियान के सुगम्‍य वातावरण निर्मित करने के लिये निम्‍नलिखित लक्ष्‍य निहित है :

♦ 50 शहरों में कम से कम 25 से 50 सबसे महत्त्वपूर्ण सरकारी भवनों का सुगम्‍य ऑडिट पूरा करना और इस वर्ष के अंत तक उन्हें पूरी तरह से सुगम्‍य बनाना। 
♦  राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और सभी राज्‍यों की राजधानियों के सभी सरकारी भवनों में से 50 प्रतिशत भवनों को दिसम्‍बर 2018 तक पूरी तरह से सुगम्‍य बनाना। 
♦  दिसम्‍बर 2019 तक राज्‍यों के उन दस सबसे महत्त्वपूर्ण शहरों/कस्‍बों के सरकारी भवनों का 50 प्रतिशत सुगम्‍य ऑडिट पूरा करना और उन्‍हें सुगम्‍य बनाना है जो (1) और (2) में कवर नहीं किये गए।

  • विभाग द्वारा ‘व्‍यापक सुगम्‍यता’ हासिल करने के लिये दिव्‍यांगजनों हेतु एक ऑनलाइन ‘’सुगम्‍य पुस्‍तकालय’’ का भी शुभारंभ किया गया है। विभाग द्वारा सुगम्‍य भारत अभियान के विभिन्‍न दृष्टिकोणों की जानकारी प्रदान करने के लिये मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्‍वर, चेन्‍नई और रांची में जागरूकता कार्यशालाएँ भी आयोजित की गई हैं।


राष्‍ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जन उपभोग की बहुत सी वस्‍तुओं की जी.एस.टी. दरों में भारी कटौती करने के बाद जी.एस.टी. के अंतर्गत राष्‍ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण (एन.ए.ए.) के गठन को मंज़ूरी दी है।

  • इस प्राधिकरण का उद्देश्‍य यह सुनिश्‍चित करना है कि जी.एस.टी. दरों में की गई कटौती का लाभ अंतिम उपभोक्‍ता तक कीमतों में कटौती के माध्‍यम से पहुँच पाए। 

गठन

  • इस प्राधिकरण में भारत सरकार के सचिव स्‍तरीय एक वरिष्‍ठ अधिकारी तथा केंद्र और/या राज्‍यों से 
  • चार तकनीकी सदस्‍य शामिल होंगे।
  • इसके अलावा इसके संस्‍थागत ढाँचे में एक स्‍थायी समिति, प्रत्‍येक राज्‍य में छानबीन समितियाँ और केन्‍द्रीय उत्‍पाद एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) में सेफ गार्डस महानिदेशालय को भी शामिल किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ध्यातव्य है कि हाल ही में जी.एस.टी. दरों में कुछ महत्त्वपूर्ण संशोधन करते हुए 178 वस्‍तुओं को 28 प्रतिशत की जी.एस.टी. दर की श्रेणी से घटाकर 18 प्रतिशत वाली श्रेणी में शामिल किया गया है। अब केवल 50 वस्तुएँ ही 28 प्रतिशत वाली जी.एस.टी. दरों में शामिल हैं। 
  • इसी तरह अनेक वस्‍तुओं में भी जी.एस.टी. की दरों में 18 से 12 प्रतिशत की कटौती की गई है, जबकि कुछ वस्‍तुओं को जी.एस.टी. से पूर्ण रूप से छूट दे दी गई है।

यह कैसे कार्यवाही करेगा?

  • प्रथम दृष्‍टया यदि किसी उपभोक्ता को ऐसा प्रतीत होता है कि उसे सरकार द्वारा जी.एस.टी. में किये गए संशोधनों का लाभ प्रात नहीं हो रहा है तो वह उस राज्य की स्‍थायी समिति के समक्ष मामले की विस्‍तृत जाँच हेतु आवेदन कर सकता है। 
  • यदि समिति द्वारा उक्त मामले की जाँच में मुनाफाखोरी की बात सामने आती है तो समिति द्वारा मामले की विस्तृत जाँच के लिये सी.बी.ई.सी. [केन्‍द्रीय उत्‍पाद एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) में सेफ गार्डस महानिदेशालय] को भेजी जा सकती है, जोकि अपनी जाँच रिपोर्ट एन.ए.ए. को भेजेगी।
  • यदि एन.ए.ए. यह पुष्टि करता है कि मुनाफाखोरी विरोधी उपायों को लागू करने की आवश्‍यकता है तो इसे आपूर्तिकर्त्ता/संबंधित व्‍यवसाय को वस्तुओं की कीमत घटाने अथवा उपभेाक्‍ता को वस्‍तुओं या सेवाओं को ब्याज सहित अधिक लाभ पर लौटाने का आदेश देने का अधिकार प्राप्‍त है। 
  • यदि उस अतिरिक्त लाभ को उपभोक्‍ता तक नहीं पहुँचाया जा सकता है तो इसे उपभोक्‍ता कल्‍याण निधि में जमा करने का आदेश दिया जा सकता है। 
  • बहुत गंभीर स्थिति में, न केवल एन.ए.ए. को चूककर्त्ता व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान पर जुर्माना लगाने का अधिकार है बल्कि जी.एस.टी. के अंतर्गत उसका पंजीकरण रद्द करने का भी अधिकार है।
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