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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 17 अक्टूबर, 2018

  • 17 Oct 2018
  • 5 min read

भारतीय विश्वविद्यालयों हेतु QS रैंकिंग

  • हाल ही में QS (Quacquarelli Symonds) ने अपनी पहली भारत-विशिष्ट रैंकिंग, इंडिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग की शुरुआत की है। यह भारतीय संस्थानों के लिये विशेष रूप से रैंकिंग का पहला संस्करण है। 
  • QS द्वारा आयोजित यह दूसरी देश-विशिष्ट रैंकिंग है। पहली रैंकिंग चीन के लिये जारी की गई थी।
  • QS यूनाइटेड किंगडम आधारित एक वैश्विक उच्च शिक्षा कंपनी है जो QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी करती है।
  • इस रैंकिंग के अंतर्गत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), मुंबई ने शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि दूसरे स्थान पर भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंगलुरु है।
  • इस रैंकिंग में शीर्ष 75 भारतीय विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। 
  • रैंकिंग में प्रयुक्त संकेतक इस प्रकार हैं- अकादमिक प्रतिष्ठा (30 प्रतिशत), नियोक्ता प्रतिष्ठा (20 प्रतिशत), संकाय-छात्र अनुपात (20 प्रतिशत), संकाय के प्रति सदस्य शोध संख्या (20 प्रतिशत), अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का अनुपात (2.5 प्रतिशत) तथा अंतर्राष्ट्रीय संकाय का अनुपात (2.5 प्रतिशत)।

पंडवानी गायिका तीजन बाई

  • हाल ही में छत्तीसगढ़ की लोक गायिका तीजन बाई को उनकी पंडवानी कला के लिये जापान का सबसे बड़ा सम्मान ‘फुकुओका कला एवं संस्कृति पुरस्कार’ प्रदान किया गया है।
  • इससे पहले यह पुरस्कार भारतीय संगीतकार ए.आर. रहमान को दिया गया था।
  • तीजन बाई को मिलने वाला यह पुरस्कार पूर्वी एशिया में भारत की मज़बूत एवं उदार शक्ति को प्रतिबिंबित करता है।

पंडवानी का परिचय

  • पंडवानी (शाब्दिक अर्थ 'पांडवों के गीत') एक लोक रंगमंच का स्वरूप है। इस स्वरूप में एक हाथ में एकतारा या तानपुरा तथा दूसरे हाथ में कभी-कभी खड़ताल के साथ अभिनय और गायन शामिल होता है।
  • यह ग्रामीण मनोरंजन है, जो छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों में लोकप्रिय है।
  • संगीत नाटक अकादमी (संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्तर की अकादमी) ने इस नाटक-कला के दस्तावेज़ीकरण तथा इसे बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी ली है।

गायल (गौर) या मिथुन (Bos Frontalis)

  • हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के राजकीय पशु मिथुन (Bos frontalis) की बड़ी संख्या में हत्या के मुद्दे ने असम और अरुणाचल प्रदेश के अंतर-राज्य सीमा पर ग्रामीणों के बीच तनाव उत्पन्न कर दिया है।
  • मिथुन या गायल (Bos frontalis) को भारतीय गौर या बिजोन (Bison) का वंशज माना जाता है। यह न्यिशि, अपतानी, गालो, मिश्मी, आदि, शेरडुकपेन और अरुणाचल प्रदेश के अन्य समुदायों के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इन्हें पवित्र माना जाता है क्योंकि सभी अनुष्ठानों में मिथुन की बलि देना अनिवार्य है।
  • इसे 'पहाड़ों का पशु' तथा 'पहाड़ों का जहाज' के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह ठंड और नरम मौसम पसंद करता है तथा जंगल की पत्तियों, झाड़ियों एवं घास पर निर्भर रहता है। इस प्रजाति की प्रजनन क्षमताकाफी उच्च होती है। 
  • इसे IUCN द्वारा सुभेद्य पशु के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
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