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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चिलर स्टार लेबलिंग कार्यक्रम

  • 15 Sep 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने देश भर में कम ऊर्जा खपत वाली चिलर प्रणालियाँ लगाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चिलर (Chiller) स्टार लेबलिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है।

कार्यक्रम के बारे में

  • चिलर स्टार लेबलिंग कार्यक्रम को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने तैयार किया है।
  • इस कार्यक्रम के तहत इनके द्वारा ऊर्जा की खपत करने की दृष्टि से इन्हें स्टार रेटिंग प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
  • आरंभ में इस कार्यक्रम को स्वैच्छिक आधार पर शुरू किया गया है और यह 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य रहेगा।

उर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)

  • भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के उपबंधों के अंतर्गत 1 मार्च, 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की स्थापना की।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढाँचे के अंदर स्व-विनियमन और बाज़ार सिद्धांतों पर महत्त्व देते हुए ऐसी नीतियों और रणनीतियों के विकास में सहायता प्रदान करना है जिनका प्रमुख उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की गहनता को कम करना है।

स्टार लेबलिंग प्रक्रिया

  • BEE ने इस पहल के तहत आसान एवं त्वरित मंज़ूरी के लिये एक ऑनलाइन पंजीकरण प्लेटफॉर्म विकसित किया है।
  • निर्मातागण चिलर उपकरण की उपयुक्त स्टार रेटिंग से लाभ उठाने के लिये ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।
  • नामित एजेंसियों से प्राप्त परीक्षण प्रमाण-पत्र के साथ-साथ BEE की ओर से निर्धारित सत्यापन हो जाने के बाद स्टार लेबल (1 से लेकर 5 तक) प्रदान किया जाएगा।
  • ‘5 स्टार’ प्राप्त करने वाले उपकरण को सबसे कम ऊर्जा खपत वाला चिलर माना जाएगा।

चिलर क्या है?

  • चिलर एक मशीन है जो वाष्प-संपीड़न (vapour-compression) या अवशोषण प्रशीतन चक्र (absorption refrigeration cycle) के माध्यम से द्रव से गर्मी को हटा देती है।
  • चिलर का व्यापक उपयोग भवनों में अंतर्निहित जगह के वातानुकूलन और औद्योगिक प्रक्रिया से जुड़ी कूलिंग में किया जाता है।

कार्यक्रम की आवश्यकता

  • चूँकि चिलर को ऊर्जा गहन प्रणाली माना जाता है, इसलिये वाणिज्यिक भवनों में 40 प्रतिशत से भी अधिक ऊर्जा की खपत चिलर ही करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए चिलर ऊर्जा की खपत को कम करना और इसके इस्तेमाल करने वालों के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है, ताकि लोग कम ऊर्जा खपत वाले चिलर का इस्तेमाल करने की ओर अग्रसर हो सकें।
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