इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

ओडिशा में परियोजना पीड़ितों से मिले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विशेष प्रतिनिधि

  • 18 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

ओडिशा के क्योंझर ज़िले में बनाई जा रही कानुपुर सिंचाई परियोजना के कारण ज़िले के लोगों को विस्थापन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी सिलसिले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने परियोजना स्थल पर पहुँचकर पीड़ितों की समस्याओं का संज्ञान लिया।

प्रमुख बिंदु:

  • मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधि ने चंपुआ उपखंड के अंतर्गत चमकपुर, कंदारा और बिरिकाला ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों से बातचीत की और ज़मीन एवं आवास के नुकसान के बदले प्रदान किये गए मौद्रिक मुआवजे के बारे में उनसे पूछा।
  • मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधि ने पीड़ितों की समस्याओं से ज़िला प्रशासन को अवगत कराने का निर्णय लिया है।

परियोजना के बारे में:

  • कानुपुर सिंचाई परियोजना की परिकल्पना बैतरणी नदी के एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत की गई है।
  • यह सिंचाई परियोजना ओडिशा के क्योंझर ज़िले में बनाई जा रही है, इससे लगभग 47,709 हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई किये जाने की उम्मीद है।
  • परियोजना के माध्यम से क्योंझर ज़िले के चंपुआ, झंपुरा, जोदा, पटना और क्योंझर प्रखंड के किसानों के लाभान्वित होने की संभावना है।

परियोजना से जुड़ी समस्याएँ:

  • परियोजना के कारण 1,787 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि और 172 हेक्टेयर वनभूमि क्षेत्र के डूबने की आशंका है।
  • 16 गाँवों के अनुमानित 3,577 लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ रहा है।
  • एक दशक से भी अधिक समय से चल रही पुनर्वास प्रक्रिया अभी भी अपूर्ण है।
  • जो लोग वापस आकर अपने गाँवों में रहे हैं वे मूल सरकारी कल्याण योजनाओं से वंचित हैं।
  • क्षतिपूर्ति का भुगतान न होने के कारण ग्रामीणों ने कई आंदोलन किये हैं।
  • ज़िला प्रशासन के अनुसार, 185 परिवारों से संबंधित बकाए के मुद्दों को सुलझाना शेष है, जबकि विस्थापित लोगों के मंच की कोर कमेटी ने दावा किया है कि यह संख्या 500 से अधिक थी।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow