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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

नेशनल सेलर्स ऑन-बोर्डिंग अभियान

  • 31 Jan 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?
भारत सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रीय खरीद पोर्टल (National Procurement Portal of India) के रूप में सरकार ई-बाज़ार (Government e Marketplace-GeM) की परिकल्पना की गई है। GeM निरंतर विकसित तकनीकी चुनौतियों और हितधारकों की आकांक्षाओं के साथ तालमेल स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। इस क्रम में सरकार द्वारा GeM के तीसरे संस्करण को तैयार किया गया है। 

प्रमुख बिंदु

  • GeM 2.0 को अगस्त 2016 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था।
  • इस कार्यक्रम की सफलता का मुख्य कारण बड़े पैमाने पर रूपांतरण कार्यक्रम रहा है।
  • इसी क्रम में GeM 3.0 न केवल मानकीकृत और समृद्ध कैटलॉग प्रबंधन (enriched catalogue management) उपलब्ध कराएगा, बल्कि शक्तिशाली खोज इंजन (search engine), वास्तविक समय मूल्य तुलना (real time price comparison), टेम्पलेट-आधारित बोली और आरए सृजन,  एकत्रीकरण की मांग (demand aggregation), ई-ईएमडी, ई-पीबीजी (Performance Bank Guarantee -PBG), उपयोगकर्त्ता रेटिंग, उन्नत एमआईएस और विश्लेषिकी जैसी बहुत सी सेवाएँ भी प्रदान करेगा।

GeM 3.0 संस्करण में कुछ उल्लेखनीय संवर्द्धन किये गए हैं-

  • सभी सरकारी एजेंसियों में बाज़ार आधारित सामान्य आवश्यकताएँ।
  • प्रायोगिक मूल्य की तुलनात्मकता को सक्षम करने वाले उत्पादों और सेवाओं के विनिर्देशों का मानकीकरण ।
  • सभी श्रेणियों में पूरी तरह से पारदर्शी लेन-देन
  • सार्वभौमिक सेवा स्तरों और तुलनात्मक मूल्य सक्षमता के माध्यम से सामान्य मानकों को स्थापित किया गया है।
  • वेबसाइट पर उपयोगकर्त्ता के रेटिंग आधारित प्रदर्शन के अनुरूप ओपन और डायनामिक बाज़ार स्थान (Open and dynamic market place) सुनिश्चित करना। 

नेशनल सेलर्स ऑन-बोर्डिंग अभियान (National Sellers On-boarding Campaign)

  • 3.0 संस्करण के लिये नेशनल सेलर्स ऑन-बोर्डिंग अभियान शुरू किया गया है ताकि GeM 2.0 से GeM 3.0 में स्थानांतरण के लिये विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया जा सके।
  • तकरीबन 20 राज्यों की राजधानियों में GeM एमएसपी (Managed Services Provider -MSP) प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • इसके साथ-साथ कुछ व्यावसायिक समूहों जैसे- सीआईआई, एसोचैम और पीएचडीसीआईआई को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 
  • हाल ही में इसके अंतर्गत लगभग 200 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। जीईएम अधिकारियों और प्रशिक्षण दल द्वारा विक्रेताओं को नए पोर्टल पर पंजीकरण करने तथा उत्पादों को सूचीबद्ध करने के संबंध में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया। 
  • स्पष्ट रूप से जीईएम 3.0 ने बेहतर तकनीक और उत्कृष्ट क्षमता के साथ डिजिटल परिवर्तन को बल प्रदान किया है।
  • इसने राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा मंच प्रदान किया है जिससे सभी उत्पादों और सेवाओं के लिये विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को एक साथ लाया गया है।
  • जहाँ एक ओर इससे सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा वहीं, दूसरी ओर उद्यमशीलता के डिजिटल प्रारूप को भी प्रोत्साहन प्राप्त होगा। 
  • यह पहल एमएसएमई, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं की आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
  • जैसा कि डिजिटल इंडिया का लक्ष्य, कम-से-कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अधिकतम पारदर्शिता लाने के लिये सेलर्स ऑन-बोर्डिंग कैम्पेन को लॉन्च किया गया है। 
  • वस्तुतः इसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं की खरीद को सुगम बनाते हुए समस्त प्रक्रिया को डिजिटल रूप प्रदान करना है। 

डिजिटल इंडिया 

  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम देश को एक सशक्त डिजिटल समाज और ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था में बदलने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। 
  • डिजिटल भारत यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सरकारी सेवाएँ नागरिकों के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हों। इससे सार्वजनिक जवाबदेही को भी बढ़ावा मिलेगा। 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के नौ स्तम्भ–

प्रमुख बिंदु

  • भारत को डिजिटल रूप से सशक्‍त समाज और ज्ञानपूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में परिवर्तित करने के लिये एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम के रूप में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की परिकल्‍पना की गई है।
  • ज्ञानपूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिये और समस्‍त सरकार की समकालिक और समन्वित भागीदारी द्वारा प्रत्‍येक नागरिक के लिए सुशासन लाने के उद्देश्‍य से इस कार्यक्रम के अधीन विभिन्‍न पहलों को शामिल किया गया है।
  • यह कार्यक्रम इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्‍न केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्‍य सरकारों के सहयोग से तैयार और समन्वित किया गया है।
  •  प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की निगरानी समिति के अध्‍यक्ष हैं, इसलिये डिजिटल इंडिया के अधीन गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है।
  •  सभी वर्तमान और आगामी ई-शासन पहलों को डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के अनुसार संशोधित और पुन: तैयार किया गया है।
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