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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

माइटोकॉन्ड्रियल DNA

  • 13 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

माइटोकॉन्ड्रियल DNA

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोधपत्र में इस बात का दावा किया गया है कि आधुनिक मानव की उत्त्पति लगभग 200,000 वर्ष पहले उत्तरी बोत्सवाना के आस-पास के क्षेत्र में हुई थी।

अध्ययन के बारे में

  • वैज्ञानिकों ने दक्षिणी अफ्रीका के खोएसान लोगों (KhoeSan peoples) के आनुवंशिक डेटा का अध्ययन किया, जिनके बारे में यह माना जाता है कि उनके पूर्वज हज़ारों वर्षों तक जीवित रहे।
  • शोधकर्त्ताओं ने मानव परिवार (Family) की शृंखलाओं के निर्माण के लिये अपने नए डेटा का उपयोग विश्व भर के लोगों के बारे में मौजूदा जानकारी के साथ मिलाकर प्रयोग किया।

माइटोकॉन्ड्रियल DNA

  • माइटोकॉन्ड्रियल DNA, माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर पाया जाने वाला छोटा गोलाकार गुणसूत्र (Chromosome) है।
  • कोशिकाओं में पाए जाने वाले माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा घर या पावर हाऊस कहा जाता है।
  • गौरतलब है कि माइटोकॉन्ड्रियल DNA माँ से संतान में स्थानांतरित होता है।
  • यह अध्ययन केवल माइटोकॉन्ड्रियल DNA पर केंद्रित था। इस तात्पर्य यह है कि इसमें पिता के DNA से संबंधित अध्ययन को शामिल नहीं किया गया था ।
  • नया अध्ययन मानव जीनोम की उत्पत्ति के बारे में जानकारी नहीं देता है बल्कि माइटोकॉन्ड्रियल DNA की उत्पत्ति वाले स्थान और समय के बारे जानकारी प्रदान करता है।
  • माइटोकॉन्ड्रियल DNA का अध्ययन क्यों किया गया था?
  • चूँकि माइटोकॉन्ड्रियल DNA केवल माताओं से प्राप्त होता है इसलिये इसकी वंशावली का अध्ययन अन्य जीनों की तुलना में बहुत सरल होता है।
  • इसका तात्पर्य यह है कि हमारी प्रत्येक आनुवंशिक सामग्री का एक अलग मूल (Origin) हो सकता है और साथ ही हमारे द्वारा इनकी प्राप्ति का तरीका भिन्न हो सकता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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