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मर्चेंट डिजिटाइज़ेशन सम्मेलन- 2021

  • 04 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘बेटर दैन कैश अलायंस’ (UN-based Better Than Cash Alliance) द्वारा संयुक्त रूप से ‘मर्चेंट डिजिटाइज़ेशन सम्मेलन 2021: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना’ (Merchant Digitization Summit 2021: Towards Atmanirbhar (Self Reliance) Bharat) की मेज़बानी की गई।

  • इस सम्मेलन से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अग्रणी लोगों को साथ आने का मौका मिला है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र, हिमालय क्षेत्र और आकांक्षी ज़िलों के कारोबारियों को जवाबदेह डिजटलीकरण (Responsible Digitization) को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित करेगा।

प्रमुख बिंदु:

हाईलाइट्स :

  • उन महिला व्यापारियों को सशक्त बनाना जो अपने समुदायों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, डिजिटल इंडिया मिशन को प्राप्त करने में मदद करना इसकी प्राथमिकताओं में से एक है।
  • राष्ट्रीय भाषा अनुवाद अभियान (National Language Translation Mission) के तहत इसके प्रति विश्वास बढ़ाने हेतु डिजिटल भुगतान सूचनाओं के प्रसार और निजता नियमों आदि को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • अंतिम पायदान पर मौजूद व्यापारियों हेतु कनेक्टिविटी, स्मार्टफोन तक उनकी पहुंँच और डिज़िटल साक्षरता की चुनौतियों को दूर करने पर भी सम्मेलन में सहमति व्यक्त की गई।  
  • आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए जवाबदेह डिजिटलीकरण द्वारा ग्रामीण नेटवर्क में स्व-सहायता समूह और समुदाय के स्तर पर लोगों को शामिल करना।
    • इससे लाखों व्यापारियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करने हेतु  स्थानीय स्तर पर डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सकेगा  ताकि वे आसानी से कर्ज़ लेकर अपने व्यापार का विस्तार कर सकें।
  • भारत ने प्रतिमाह औसतन 2-3 बिलियन डिजिटल लेन-देन करने के बाद अब प्रतिदिन 1 बिलियन डिजिटल लेने-देन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। 
    • इसके तहत ग्राहक और कारोबारी के बीच हर माह 10-12 अरब डिजिटल लेन-देन का हस्तांतरण भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।

हाल की पहलें: 

  • डिजिटल भुगतान सूचकांक।
  • 'भुगतान अवसंरचना विकास कोष' योजना। 
  • मर्चेंट डिस्काउंट रेट में छूट।

बेटर दैन कैश अलायंस (BTCA):

  • BTCA के बारे में: BTCA सरकारों, कंपनियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच एक साझेदारी है जिसके तहत सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु डिजिटल भुगतानों को तीव्रता के साथ किया जाता है।
  •  स्थापना: इसे यूनाइटेड नेशंस कैपिटल डेवलपमेंट फंड, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सिटी ग्रुप, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क तथा  वीज़ा इंक द्वारा लॉन्च किया गया था।
    • इसकी मेज़बानी संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) के न्यूयॉर्क, बोगोटा, डकार, ढाका, किगाली, लंदन, मनीला और नई दिल्ली कार्यालयों द्वारा की जाती है।
    • इसका गठन वर्ष 2012 में किया गया था।
  • सदस्य: इस एलायंस में 75 सदस्य हैं जो दक्षता, पारदर्शिता, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भुगतानों को डिजिटल बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं तथा उन अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण में मदद करते हैं जो डिजिटल और समावेशी हैं।
    • इसके सदस्य नकदी के भौतिक लेन-देन को समाप्त नहीं करना चाहते हैं, बल्कि एक ज़िम्मेदार डिजिटल भुगतान विकल्प प्रदान करना चाहते हैं जो “नकदी से बेहतर” है।
    • वित्तीय समावेशन हेतु भुगतान को डिजिटाइज़ करने तथा विश्व के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता की कहानियों को साझा करने के उद्देश्य से भारत वर्ष 2015 में बेटर दैन कैश अलायंस का सदस्य बन गया।

भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) 

  • फिक्की एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना वर्ष 1927 में की गई थी।
  • यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना शीर्ष व्यापारिक संगठन है जिसका इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम से निकटता से जुड़ा है, इसका औद्योगीकरण तथा  उद्भव सर्वाधिक तीव्र गति से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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