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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इसरो ने अपना टीवी चैनल लॉन्च करने के लिये सेट तैयार किया

  • 13 Aug 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इसरो ने विक्रम साराभाई के जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक समर्पित टीवी चैनल को लॉन्च करने की योजना बनाई है।

प्रमुख बिंदु

  • इस टीवी चैनल के माध्यम से दूर-दराज़ के इलाकों के बच्चों को विज्ञान के करीब लाने के लिये अलग-अलग भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित किये जाएंगे।

डॉ. विक्रम साराभाई 

  • भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के वास्तुकार,पहले इसरो प्रमुख और प्रसिद्ध ब्रह्मांडीय रे के जनक विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त,1919 को हुआ था।

प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • साराभाई कई संस्थानों के निर्माता और संवर्द्धक थे और पीआरएल इस दिशा में पहला क़दम था।
  • उन्होंने 11 नवंबर, 1947 को अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) की स्थापना की तथा पीआरएल में 1966-1971 तक सेवाएँ दीं।
  • वे परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष भी थे और उन्होंने कई सुविख्यात संस्थानों को स्थापित किया जो निम्न प्रकार से हैं:
  • भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम), अहमदाबाद विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (अपनी पत्नी के साथ मिलकर), तिरुवनंतपुरम स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर, अहमदाबाद फ़ास्टर ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफ़बीटीआर), कल्पकम वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रोजेक्ट, हैदराबाद यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल),जादूगुडा आदि।
  • डॉ. होमी जहाँगीर भाभा ने भारत में प्रथम राकेट प्रमोचन केंद्र की स्थापना में डॉ.साराभाई का समर्थन किया।
  • वर्ष 1966 में नासा के साथ डॉ.साराभाई के संवाद के परिणामस्वरूप जुलाई 1975-जुलाई 1976 के दौरा
  • उपग्रह अनुदेशात्मक दूरदर्शन परीक्षण (एसआईटीई) का प्रमोचन किया गया (तब डॉ. साराभाई का स्वर्गवास हो चुका था)।
  • डॉ. साराभाई ने भारतीय उपग्रहों के संविरचन और प्रमोचन के लिये परियोजना प्रारंभ की परिणामस्वरूप, प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट को, रूसी कॉस्मोड्रोम से 1975 में कक्षा में स्थापित किया गया।
  • वर्ष 1966 में सामुदायिक विज्ञान केंद्र की स्थापना अहमदाबाद में की गई उल्लेखनीय है कि यह केंद्र अब विक्रम साराभाई सामुदायिक विज्ञान केंद्र कहलाता है।
  • इन कार्यक्रमों में अंतरिक्ष विज्ञान और वैज्ञानिक तकनीकों में हो रहे बदलावों से संबंधित कार्यक्रम दिखाए जाएंगे  साथ ही अगले साल साराभाई को श्रद्धांजलि देने हेतु चंद्रयान-2 मिशन का नाम भी विक्रम रखा जाएगा। 
  • गौरतलब है कि यह अंतरिक्ष यान जनवरी 2019 में चाँद की सतह पर जाएगा। 
  • इसरो के अध्यक्ष के.सिवान ने साराभाई के 99वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'हमने अंतरिक्ष कार्यक्रम के दूरदर्शी वास्तुकार और हमारे पहले अध्यक्ष डॉ. साराभाई की जन्मशताब्दी के अवसर पर सालभर के कार्यक्रम आयोजन की योजना बनाई है।
  • उन्होंने कहा कि श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र को सार्वजनिक रूप से खोल दिया जाएगा।
  • कई कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किये जाएंगे, उन्होंने कहा कि विज्ञान के प्रकाशकों द्वारा 100 लेक्चर देश भर में ग्लोबल स्पेस नेटवर्किंग बॉडी, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री संघ के सहयोग से आयोजित किए जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि इन योजनाओं में स्पेस क्लब, नॉलेज सेंटर, टॉक शो भी शामिल हैं।
  • कक्षा 8 से 10 के चयनित छात्रों को एक महीने के लिये इसरो में प्रशिक्षित किया जाएगा और देश भर की प्रयोगशालाओं और केंद्रों में ले जाया जाएगा तथा छात्रों को उपग्रह बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
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