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भारतीय अर्थव्यवस्था

गैस इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिये निवेश

  • 24 Dec 2020
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

सरकार वर्ष 2024 तक देश में गैस क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने और वर्ष 2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में गैस की हिस्सेदारी 15% तक बढ़ाने के उद्देश्य से लगभग 60 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करेगी।

  • वर्तमान में देश के कुल ऊर्जा मिश्रण गैस की हिस्सेदारी केवल 6% है

प्रमुख बिंदु

प्रस्तावित अवसंरचना योजना:

  • इसमें पाइपलाइन, LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) टर्मिनल और CGD (सिटी गैस वितरण) नेटवर्क शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय गैस ग्रिड को पूरा करने के लिये लगभग 14,300 किलोमीटर अतरिक्त पाइपलाइनों को विकसित करने की परिकल्पना की गई है जो कि विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
  • वर्तमान में, देश में 6 LNG पुनः गैसीकरण टर्मिनल परिचालित हैं।
    • सरकार आगे भी देश भर में 1,000 LNG ईंधन स्टेशनों के निर्माण की योजना बना रही है।
  • 400 ज़िलों में फैले 232 भौगोलिक क्षेत्रों में CGD परियोजनाओं के कवरेज का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें देश के भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 53% और कुल जनसंख्या के 70% को कवर करने की क्षमता है।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड: 

  • वर्ष 2000 में जब एक राष्ट्रीय गैस ग्रिड (National Gas Grid- NGG) की अवधारणा की संकल्पना की गई थी, तब से भारत ने 16,000 किमी. से अधिक गैस नेटवर्क का निर्माण किया है। हाल की पहलों में शामिल हैं:
    • प्रधानमंत्री उर्जा गंगा परियोजना: यह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करती है।
    • उत्तर-पूर्व क्षेत्र (NER) गैस ग्रिड: यह असम, सिक्किम, मिज़ोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय से होकर गुज़रेगी।

सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) नेटवर्क:

  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) अधिनियम, 2006 के तहत, PNGRB देश के एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र (GA) में एक सिटी गैस वितरण (City Gas Distribution-CGD नेटवर्क विकसित करने के लिये संस्थाओं को प्राधिकार देता है।
  • CGD सेक्टर के चार अलग-अलग खंड हैं, कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) को मुख्य रूप से वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (Piped Natural Gas- PNG) का उपयोग घरेलू, वाणिज्यिक तथा औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है।

संबंधित सरकारी नवाचार:

  • प्राकृतिक गैस विपणन सुधार: हाल ही में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने तेल और गैस के घरेलू अन्वेषण एवं उत्पादन को बढ़ाने के लिये अन्वेषण तथा लाइसेंसिंग क्षेत्र में सुधारों पर नीतिगत ढाँचे को मंज़ूरी दी है।
  • इंडियन गैस एक्सचेंज: देश में एक कुशल एवं मज़बूत गैस बाज़ार और गैस के कारोबार को बढ़ावा देने के लिये जून 2020 में भारत के पहले राष्ट्रीय स्तर के स्वचालित गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का अनावरण किया गया था।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना है।
  • Gas4India कैंपेन: यह लोगों को ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस का उपयोग करने के राष्ट्रीय, सामाजिक, आर्थिक एवं पारिस्थितिक लाभों से अवगत कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया एक मल्टीमीडिया, मल्टी-इवेंट अभियान है।
  • हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति (Hydrocarbon Exploration and Licensing Policy- HELP): यह हाइड्रोकार्बन के अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र में एक संविदात्मक और राजकोषीय मॉडल है। यह संपूर्ण अनुबंध क्षेत्र से सभी पारंपरिक और गैर-परंपरागत हाइड्रोकार्बन की खोज और उत्पादन के लिये एकल या सार्वभौमिक लाइसेंस प्रदान करता है।
  • इसके तहत संपीडित प्राकृतिक गैस आधारित सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहन दिया जाता है।

पारदेशीय गैस पाइपलाइन:

  • तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (TAPI) पाइपलाइन।
  • मध्य पूर्व से इंडिया डीप-वाटर पाइपलाइन तक।

प्राकृतिक गैस

  • प्राकृतिक गैस मुख्य रूप से पृथ्वी के नीचे जमा पेट्रोलियमसे निकाली जाती है। यह कच्चे तेल की परत के ठीक ऊपर स्थित होती है, क्योंकि गैसें तेल की तुलना में हल्की होती हैं।
  • उच्च तापमान और दबाव से पेट्रोलियम और कोयले के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से पृथ्वी के नीचे दबे पौधों और जानवरों के अवशेषों का रुपांतरण होता है।
  • भारत में, जैसलमेर, कृष्णा गोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा और मुंबई के कुछ अपतटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस संसाधन मौजूद हैं।
  • गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1984 में प्राकृतिक गैस के परिवहन और बाज़ार के लिये एक सार्वजनिक क्षेत्र के रूप में की गई थी।

गैस आधारित अर्थव्यवस्था की आवश्यकता:

ऊर्जा से युक्त:

  • प्राकृतिक गैस कैलोरी मान के संदर्भ में किसी भी जीवाश्म ईंधन से अधिक ऊर्जा का उत्पादन करती है।

स्वच्छ ईंधन:

  • पर्यावरण के अनुकूल, सुरक्षित और सस्ता ईंधन होने के कारण प्राकृतिक गैस कोयला एवं अन्य तरल ईंधनों की तुलना में एक बेहतर ईंधन है।

उत्सर्जन प्रतिबद्धताएँ:

  • भारत ने दिसंबर 2015 में COP-21 में पेरिस समझौते के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की, इसके अनुसार भारत वर्ष 2030 तक वर्ष 2005 के स्तर के 33% -35% तक कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।

विविध अनुप्रयोग:

  • प्राकृतिक गैस का उपयोग घरेलू रसोई ईंधन, परिवहन क्षेत्र के ईंधन के साथ-साथ उर्वरक उद्योगों और वाणिज्यिक इकाइयों के लिये ईंधन के रूप में किया जा सकता है।

प्रगति का सूचक:

  •  वैश्विक मोर्चे पर, प्राकृतिक गैस के प्रयोग से सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया भर में पहली बार प्राकृतिक गैस द्वारा उत्पादित विद्युत की मात्रा कोयले की तुलना में अधिक थी।

स्रोत-इंडियन एक्सप्रेस

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