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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीयों द्वारा चुनिंदा अमेरिकी शेयरों में व्यापार

  • 09 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE IFSC), इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज़ अथॉरिटी (आईएफएससीए), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, गिफ्ट सिटी, लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम, भारतीय रिज़र्व बैंक।

मेन्स के लिये:

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और इसके लाभ, संसाधन जुटाना, महत्त्वपूर्ण संस्थान, पूंजी बाज़ार।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत में निवेशकों को एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE International Exchange- NSE IFSC) के माध्यम से चुनिंदा अमेरिकी शेयरों में व्यापार करने की अनुमति दी गई है।

  • वर्तमान में भारतीय निवेशक नामित ऑनलाइन मध्यस्थों के माध्यम से अमेरिकी स्टॉक खरीदते हैं, जिनके पास ऐसी सेवाओं की पेशकश करने के लिये भारतीय और अमेरिकी नियामकों से अनुमति होती है।

प्रमुख बिंदु

  • इसका मतलब है कि घरेलू निवेशक अमेज़न, अल्फाबेट, टेस्ला आदि जैसे अमेरिकी शेयरों को खरीद सकते हैं।
    • एक स्टॉक (जिसे इक्विटी के रूप में भी जाना जाता है) एक सुरक्षा है जो निगम के एक अंश के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है।
  • हालाँकि पेशकश अप्रायोजित डिपॉज़िटरी रसीदों के रूप में होगी।
    • उदाहरण के लिये टेस्ला का एक हिस्सा 100 एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों (NSE IFSC Receipts) के बराबर होगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्राधिकरण (IFSCA) ने पहले ही योजना को मंज़ूरी दे दी है।

विगत वर्षों के प्रश्न

हाल ही में भारतीय समाचारों में चर्चा में रहा एमसीएक्स-एसएक्स क्या है? (2009)

(a) एक प्रकार का सुपर कंप्यूटर
(b) चंद्रमा प्रभाव जाँच का शीर्षक
(c) शेयर बाज़ार
(d) परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी

उत्तर: (c)

विनिमय:

  • NSE IFSC (NSE International Exchange) 29 नवंबर, 2016 को निगमित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
  • गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) शहर में कार्यरत स्टॉक एक्सचेंजों को भारतीय रुपए के अलावा किसी भी मुद्रा में प्रतिभूतियों में व्यापार की पेशकश करने की अनुमति है।
  • तदनुसार एनएसई आईएफएससी जिसने 5 जून, 2017 को व्यापार शुरू किया, विभिन्न उत्पादों में अमेरिकी डॉलर में व्यापार की पेशकश करता है।
  • एनएसई आईएफएससी इंडेक्स डेरिवेटिव्स, स्टॉक डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, कमोडिटी डेरिवेटिव्स और डेट सिक्योरिटीज़ सहित विभिन्न उत्पादों में व्यापार की पेशकश करता है।

विगत वर्षों के प्रश्न

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)

भारत में स्टॉक एक्सचेंज और फ्यूचर्स मार्केट में लेन-देन पर कर है:

1. संघ द्वारा लगाया गया
2. राज्यों द्वारा एकत्रित

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1  
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)

एनएसई आईएफएससी रसीद:

  • यह एक गैर-प्रायोजित 'डिपॉजिटरी रसीद' की प्रकृति में एक परक्राम्य वित्तीय साधन है जिसका अर्थ है कि यह एक व्युत्पन्न उत्पाद है जिसके अंतर्गत निवेशक पंजीकृत ऑनलाइन मध्यस्थों के बिना सीधे शेयरों का व्यापार कर सकते हैं।
  • जैसे शेयर घरेलू स्तर पर खरीदे जाते हैं, वैसे ही शेयरों को अमेरिका में खरीदा जा सकता है और उनके एवज में रसीदें जारी की जा सकती हैं जिन्हें एनएसई आईएफएससी रसीद के रूप में जाना जाएगा।

लाभ:

  • एनएसई आईएफएससी द्वारा पेश किया गया बिज़नेस मॉडल न केवल भारतीय निवेशकों को अतिरिक्त निवेश का अवसर प्रदान करेगा बल्कि निवेश की पूरी प्रक्रिया को आसान और कम लागत पर बनाए रखेगा।
  • जब अमेरिकी बाज़ारों में अंतर्निहित शेयरों की तुलना की जाती है, तो निवेशक भिन्नात्मक मात्रा मूल्य (Fractional Quantity Value) में व्यापार करने में सक्षम होंगे।
  • निवेशक डिपॉज़िटरी रसीदों को अपने गिफ्ट सिटी डीमैट खातों में रखने में सक्षम होंगे और अंतर्निहित स्टॉक पर कॉर्पोरेट कार्रवाई लाभ के पात्र होंगे।
    • एक डीमैट खाता या डीमैटरियलाइज़्डखाता (Dematerialised Account) इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में शेयरों और प्रतिभूतियों को रखने की सुविधा प्रदान करता है।
    • कॉर्पोरेट कार्रवाई एक कंपनी द्वारा अपने निवेशकों को दिये गए लाभ हैं। ये या तो मौद्रिक लाभ जैसे- लाभांश, ब्याज या गैर-मौद्रिक लाभ जैसे- बोनस, अधिकार आदि हो सकते हैं।

निवेशक: 

  • भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति, अनिवासी भारतीय और भारत में निवास करने वाले व्यक्ति जो भारतीय रिज़र्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (LSR) में अनुमत सीमा तक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत विदेशी मुद्रा निवेश करने के लिये पात्र है।
    • भारत में फेमा की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य बाह्य व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाना था।
    • LRS ढांँचे के तहत आरबीआई किसी भी चालू या पूंजी खाते के लेन-देन हेतु निवासी व्यक्तियों को प्रति वित्तीय वर्ष 2,50,000 अमेंरिकी डाॅलर तक प्रेषण करने की अनुमति प्रदान करता है।
  • हालांँकि अमेरिका और कनाडा के निवासियों को इस उपकरण के माध्यम से निवेश करने की अनुमति नहीं है।

एक निवेशक के लिये संभावित जोखिम:

  • एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों (NSE IFSC Receipts) में निवेश करने पर जोखिम होता है। कुछ प्रमुख जोखिम इस प्रकार हैं:
    • सामान्य मूल्य और अस्थिरता जोखिम, तरलता का जोखिम, अंतर्निहित शेयर जोखिम, एनएसई आईएफएससी रसीद को रद्द करने तथा समाप्त करने का जोखिम, कर जोखिम, अन्य जोखिम जैसे- अप्रत्याशित घटना, कानून में परिवर्तन, निपटान, व्यापार आदि।

विगत वर्षों के प्रश्न

भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 

  1. खुदरा निवेशक डीमैट खाते के माध्यम से प्राथमिक बाज़ार में 'ट्रेज़री बिल' और 'भारत सरकार के ऋण बॉण्ड' में निवेश कर सकते हैं।
  2. 'निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-ऑर्डर मैचिंग' भारतीय रिज़र्व बैंक का एक सरकारी प्रतिभूति व्यापार मंच है।
  3. 'सेंट्रल डिपॉज़िटरी सर्विसेज़ लिमिटेड' को भारतीय रिज़र्व बैंक और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 1 और 2 
(c) केवल 3 
(d) केवल 2 और  3 

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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