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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-लाओस संबंध

  • 13 Jun 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

लाओस की अवस्थिति,  लाओस के वट फु (Vat Phu) स्थित प्राचीन शिव मंदिर

मेन्स के लिये:

भारत-लाओस संबंध 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री तथा लाओस के प्रधानमंत्री द्वारा फोन पर COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य तथा आर्थिक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा लाओस में महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में लाओस की ‘लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक’ (Lao People’s Democratic Republic- Lao PDR) सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई।
  • दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता तथा COVID-19 महामारी के प्रबंधन की दिशा में सर्वोत्तम प्रथाओं तथा अनुभवों को साझा करने पर सहमति व्यक्त की है। 
  • वार्ता के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक संबंधों की भी चर्चा की गई ।

लाओस:

Laos

  • लाओस, दक्षिण पूर्व एशिया में एकमात्र स्थलबद्ध (Landlocked) देश है।
  • मेकांग नदी यहाँ के कार्गो तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख मार्ग है। 
  • लाओस वर्ष 1953 में फ्रांँसीसी शासन की समाप्ति के बाद स्वतंत्र हुआ। परंतु लंबे समय तक साम्यवाद से प्रभावित रहा। 
  • लाओस वर्ष 1997 में ‘दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन’ (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) का तथा वर्ष 2013 में ‘विश्व व्यापार संगठन’ (World Trade Organisation- WTO) का सदस्य बना।
  • लाओस एक गरीब देश है जिसकी 80% जनसंख्या कृषि संबंधित कार्यों में संलग्न हैं। हालाँकि यहाँ जल विद्युत की अपार संभावना होने के कारण लाओस स्वयं को ‘दक्षिण पूर्व एशिया की बैटरी' (Battery of Southeast Asia) के रूप में देखता है।

भारत-लाओस संबंध:

  • राजनीतिक:
    • फरवरी, 1956 में दोनों देशों के मध्य राजनीतिक संबंधों की स्थापना के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष नेताओं द्वारा कई बार उच्च स्तरीय यात्राएँ की गई है।
    • सितंबर 2016 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वियतनाम की यात्रा की गई थी। इसके बाद जनवरी, 2018 में लाओस के प्रधानमंत्री द्वारा भारत की राजनीतिक यात्रा की गई।
    • 19-20 जुलाई, 2018 से ‘दिल्ली संवाद’ के 10वें  संस्करण में लाओस के उप विदेश मंत्री द्वारा हिस्सा लिया गया।
    • लाओ पीडीआर (Lao PDR) के प्रतिनिधिमंडल द्वारा 'ब्लू इकोनॉमी' पर भारत द्वारा आयोजित कार्यशाला में भाग लिया गया।
  • सुरक्षा:
    • वर्ष 1994 से 'भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग' (Indian Technical and Economic Cooperation- ITEC) समझौते के तहत दो सदस्यीय भारतीय सेना प्रशिक्षण दल ने लाओस के रक्षा कर्मियों के लिये प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है।
  • आर्थिक:
    • दोनों देशों द्वारा लाओस के लिये कृषि क्षेत्र से जुड़ी तीन त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (Quick Impact Projects- QIP) के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
    • भारत द्वारा वर्तमान में लाओस की अनेक परियोजनाओं के लिये ऋण देकर समर्थन दिया जा रहा है।

व्यापारिक:

व्यापार 

वर्ष 2017-2018 (मिलियन डॉलर में)

भारत का निर्यात 

25.00

भारत का आयात 

168.63

कुल व्यापार 

193.63

सांस्कृतिक संबंध:

  • भारत सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत प्रतिवर्ष लगभग 120 प्रकार की छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है।
  • वर्ष 2007 में दोनों देशों द्वारा लाओस के वट फु (Vat Phu) में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर; जो कि 'यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल' सूची में शामिल है, की पुर्नबहाली करने के लिये भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए थे। 
  • दोनों देश प्रचीन बौद्ध सभ्यता को साझा करते हैं। लाओ पीडीआर के राष्ट्रीय प्रतीक, थलंग लुपा स्तूप (That Luang Stupa); जो भगवान बुद्ध से संबंधित है, की पुर्नबहाली करने के लिये भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए थे। 

आगे की राह:

  • लाओस भारत के विस्तारित पड़ोस (Extended Neighborhood) का एक हिस्सा है क्योंकि केवल म्यांमार, लाओस को भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों से अलग करता है।
    • इसलिये हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि लाओस के लिये हमारी प्रस्तावित परियोजनाएँ समय पर पूरी हो।
  • भारतीय कंपनियाँ जो कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण के लिये निवेश करना चाहती हैं, उनके लिये लाओस एक बेहतर देश है। 

स्रोत: पीआईबी

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