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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-बांग्लादेश के मध्य समझौते

  • 07 Sep 2022
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बांग्लादेश की भौगोलिक अवस्थिति, भारत बांग्लादेश समझौते, भारत- बांग्लादेश संबंध।मेन्स के लिये: भारत के लिये बांग्लादेश का आर्थिक महत्त्व, भारत और बांग्लादेश के मध्य हस्ताक्षरित समझौतों के रुझान, संबंधों में विद्यमान चुनौतियाँ।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया है और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ वार्ता की है।

  • भारत और बांग्लादेश ने नदी जल के बँटवारे से लेकर अंतरिक्ष तक के क्षेत्रों में सहयोग के लिये सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं और नई कनेक्टिविटी तथा ऊर्जा पहल का अनावरण किया है।

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बैठक की मुख्य विशेषताएँ:

  • दोनों पक्षों ने सात समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किये, जिसमें शामिल हैं:
    • सीमा पार से कुशियारा नदी से जल की निकासी।
      • समझौते से भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा।
    • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग।
    • माल ढुलाई जैसे क्षेत्रों में रेलवे द्वारा उपयोग की जाने वाली सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों पर सहयोग।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग।
    • भारत में बांग्लादेश रेलवेकर्मियों और बांग्लादेशी न्यायिक अधिकारियों का प्रशिक्षण।प्रसार भारती और बांग्लादेश टेलीविजन के मध्य प्रसारण में सहयोग।
  • थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट:
    • दोनों देशों ने भारत से रियायती वित्त पोषण के साथ बांग्लादेश के खुलना डिवीज़न में बनाई जा रही मैत्री सुपर थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट की पहले यूनिट का अनावरण किया।
    • यूनिट को अगस्त 2022 में बांग्लादेश के पाॅवर ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज़ गया था और पूर्ण होने पर यह परियोजना 1,320 MW विद्युत् उत्पन्न करेगी।
  • रुश्पा रेल ब्रिज:
    • 5.13 किलोमीटर के रूपशा रेल पुल का भी उद्घाटन किया गया, जो 64.7 किलोमीटर के खुलना-मोंगला बंदरगाह ब्रॉड गेज रेलवे परियोजना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
    • पुल का निर्माण 389 मिलियन डॉलर के भारतीय ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) के साथ किया गया था।
    • यह बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह मोंगला के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।
  • ऋण और अग्रिम:
    • भारत ने बांग्लादेश में विकास परियोजनाओं के लिये 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रियायती ऋण प्रदान किया है, जिसमें शामिल हैं:
      • खुलना और ढाका, चिलाहाटी और राजशाही के बीच रेल संपर्क।
      • 312 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से मोंगला बंदरगाह को दर्शन-गेज से जोड़ना।
      • ईंधन के परिवहन की सुविधा के लिये पार्बतीपुर-कौनिया रेल परियोजना 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाई जा रही है।
      • बांग्लादेश के सड़क नेटवर्क की मरम्मत और रखरखाव के लिये 41 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सड़क निर्माण उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति।
  • रक्षा खरीद:
    • वर्ष 2018 में भारत ने बांग्लादेश को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रक्षा ऋण (LOC) प्रदान किया है।
    • मई 2018 में कोलकाता के रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ने युद्धपोतों के डिज़ाइन और निर्माण में सहायता एवं जानकारी प्रदान करने के लिये बांग्लादेश के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे।
    • ढाका ने सैन्य प्लेटफार्मों और प्रणालियों की एक इच्छा सूची साझा की है जिसे उसके सशस्त्र बल भारत से खरीदना चाहेंगे।
      • बांग्लादेश सेना ने तीन वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी है:
        • 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर 5 ब्रिज लेयर टैंक (बीएलटी -72)
        • 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर 7 पोर्टेबल स्टील ब्रिज (बेली)
        • 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर 1 माइन सुरक्षात्मक वाहन
      • अन्य प्रस्तावित खरीद में शामिल हैं:
        • ऑफ-रोड व्हीकल्स, भारी रिकवरी वाहन, आर्मड इंजीनियर परिक्षण वाहन और बुलेट प्रूफ हेलमेट।
        • बांग्लादेश मशीन टूल्स फैक्ट्री के लिये ऑटोमोबाइल असेंबलिंग यूनिट का आधुनिकीकरण और विस्तार, विस्फोटकों, कच्चे माल और उपकरणों की आपूर्ति
      • बांग्लादेश नौसेना ने एक लॉजिस्टिक जहाज़, फ्लोटिंग डॉक, तेल टैंकर और एक महासागर जाने वाले टग (Tug) की खरीद का प्रस्ताव दिया है।

बांग्लादेश के साथ CEPA पर भारत का दृष्टिकोण:

  • परिचय:
    • भारत के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश जल्द ही एक द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर बातचीत शुरू करेंगे।
    • CEPA द्वारा वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है, जिसका एक प्रमुख उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर को कम करना है।
    • बांग्लादेश वर्ष 2026 तक एक विकासशील राष्ट्र बनने की तैयारी कर रहा है, जिसके बाद यह अब व्यापार लाभों के लिये अर्हता प्राप्त नहीं कर सकता है, जो वर्तमान में कम-से-कम विकसित देश के रूप में प्राप्त है; वह एक वर्ष के भीतर CEPA प्राप्त करने का इच्छुक है।
  • भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंध:
    • वित्त वर्ष 2021-22 में बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत के लिये सबसे बड़ा व्यापार भागीदार तथा विश्व भर में भारतीय निर्यात के लिये चौथा सबसे बड़ा गंतव्य के रूप में उभरा है।
    • वित्त वर्ष 2020-21 में बांग्लादेश का निर्यात 66% से अधिक 9.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
    • कोविड-19 से संबंधित व्यवधानों के बावजूद, द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 में 10.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 44% बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 18.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
    • बांग्लादेश को भारत का निर्यात:
      • कच्चा कपास, गैर-खुदरा शुद्ध सूती धागा और बिजली
    • बांग्लादेश से भारत का आयात:
      • शुद्ध वनस्पति तेल, बिना बुने हुए पुरुषों के सूट और कपड़ा स्क्रैप।

 मुद्दे जिनका समाधान दोनों देशों को करना चाहिये:

  • पानी के बँटवारे, बंगाल की खाड़ी में महाद्वीपीय शेल्फ जैसे मुद्दों को हल करने, सीमा विवाद की घटनाओं को शून्य पर लाने और मीडिया को प्रबंधित करने से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने के प्रयास होने चाहिये।
    • बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि दोनों देश तीस्ता नदी के पानी के बंँटवारे के मुद्दे को सुलझा लेंगे, इस मामले पर एक समझौता वर्ष 2011 से लंबित है।
  • बांग्लादेश ने पहले ही असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने पर चिंता जताई है, जो असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान करने और अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिये एक अभ्यास है।
  • वर्तमान में, बांग्लादेश बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक सक्रिय भागीदार है, जिस पर दिल्ली ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
  • सुरक्षा क्षेत्र में, बांग्लादेश भी पनडुब्बियों सहित चीनी सैन्य वस्तुसूची का एक प्रमुख प्राप्तकर्त्ता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार मूल्य में लगातार वृद्धि हुई है।
  2. "कपड़ा और कपड़े से निर्मित वस्तुएँ" भारत व बांग्लादेश के बीच व्यापार की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु है।
  3. नेपाल पिछले पांँच वर्षों में दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश रहा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • वाणिज्य विभाग के आंँकड़ों के अनुसार, एक दशक (वर्ष 2007 से वर्ष 2016) के लिये भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय व्यापार मूल्य क्रमशः 3.0, 3.4, 2.1, 3.8, 5.2, 4.5, 5.3, 7.0, 6.3, 4.8 (अमेरिकी डाॅलर में) था जो व्यापार मूल्य की प्रवृत्ति में निरंतर उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। समग्र वृद्धि के बावजूद इसे व्यापार मूल्य में लगातार वृद्धि के रूप में नहीं कहा जा सकता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • निर्यात में 5% से अधिक और आयात में 7% से अधिक की हिस्सेदारी के साथ बांग्लादेश, भारत के लिये एक प्रमुख कपड़ा व्यापार भागीदार देश रहा है। भारत का बांग्लादेश को सालाना कपड़ा निर्यात औसतन 2,000 मिलियन डॉलर और आयात 400 डॉलर (वर्ष 2016-17) का है। अत: कथन 2 सही है।
  • आंँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016-17 में बांग्लादेश, दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है, इसके बाद नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, भूटान, अफगानिस्तान और मालदीव का स्थान है। भारतीय निर्यात का स्तर भी इसी क्रम का अनुसरण करता है। अत: कथन 3 सही नहीं है।

प्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)

  1. बांग्लादेश
  2. कंबोडिया
  3. चीन
  4. म्यांँमार
  5. थाईलैंड

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 5

उत्तर: (c)

व्याख्या :

  • मेकांग-गंगा सहयोग (MGC) पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, साथ ही परिवहन और संचार में सहयोग के लिये छह देशों- भारत और पाँच आसियान देशों, अर्थात् कंबोडिया, लाओस, म्याँमार, थाईलैंड और वियतनाम द्वारा संचालित एक पहल है। इसे वर्ष 2000 में लाओस के वियनतियाने (Vientiane) में प्रारंभ किया गया था।
  • गंगा और मेकांग दोनों ही नदियों में प्राचीन सभ्यताएँ पनपी हैं, अत: MGC पहल का उद्देश्य इन दो प्रमुख नदी घाटियों में बसे लोगों के बीच संपर्कों को सुविधाजनक बनाना है।
  • MGC वर्षों से सदस्य देशों के बीच विद्यमान सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों का भी संकेत है।
  • अतः विकल्प (c) सही है।

प्रश्न. उन परिस्थितियों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये जिनके कारण भारत को बांग्लादेश के उदय में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करना पड़ा। (मेन्स-2013)

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

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