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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत 22 ई.टी.एफ. क्या है?

  • 08 Aug 2017
  • 4 min read

संदर्भ
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा भारत 22 नामक एक नए ई.टी.एफ. की  घोषणा की गई| आइये इस लेख में भारत 22 से संबंधित महत्त्वपूर्ण पक्षों का अध्ययन करते हैं|

भारत 22 क्या है?

  • भारत 22 एक ई.टी.एफ. है, जिसके द्वारा उन सभी 22 स्टॉक एक्सचेंजों के प्रदर्शन पर नज़र रखी जाएगी, जिनके अंतर्गत भारत सरकार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के संबंध में विचार कर रही है| 
  • ई.टी.एफ.  (Exchange Traded Funds - ETF)  एक ऐसा साधन है, जिसके द्वारा निवेशकों एवं अन्य साधनों के माध्यम से पैसा एक स्टॉक के रूप में इकट्ठा किया जाता है|
  • यह सूचकांक (index) के रूप में प्रतिबिंबित होता है| एक ई.टी.एफ. इकाई उक्त फण्ड के एक हिस्से को प्रदर्शित करती है|
  • इसके अंतर्गत जारी की गई सभी इकाईयों को खरीदने एवं बेचने के लिये उन पर मूल्य अंकित कर उन्हें एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कर दिया जाता है| 
  • भारत 22 ई.टी.एफ. के अंतर्गत छ: क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा| इनमें बुनियादी सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफ.एम.सी.जी., औद्योगिक एवं उपयोगिताओं के विस्तार को शामिल किया गया है|
  • इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, खनिकों, निर्माण कंपनियों तथा प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के साथ-साथ सूटी ( (Specified Undertaking of Unit Trust of India - SUUTI) में सरकार की भागीदारी वाले अंशों को भी शामिल किया गया है|
  • ध्यातव्य है कि सूटी की सूचकांक में तकरीबन 40 फीसदी की भागीदारी है| इसके अंतर्गत एल. एंड टी., आई.टी.सी. एवं एक्सिस बैंक के शेयर भी शामिल हैं|
  • ई.टी.एफ.  का प्रबंधन आई.सी.आई.सी.आई. प्रुडेंशियल ए.एम.सी. (ICICI Prudential AMC) द्वारा किया जाएगा, जबकि एशिया सूचकांक इसका सूचकांक प्रदाता (provider) होगा| 
  • इस सूचकांक को प्रतिवर्ष पुनर्संतुलित किया जाएगा|

यह महत्त्वपूर्ण क्यों है?

  • ई.टी.एफ. तंत्र सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने हेतु तय किये गए विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त करने में एक कारगर तरीका साबित होगा|
  • ई.टी.एफ. तंत्र सरकार को एक बड़ी व्यवस्था में छोटी-छोटी भागीदारी रखने के लिये सुव्यवस्थित समाधान उपलब्ध कराता है|
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2014 में शुरू किये गए सी.पी.एस.ई ई.टी.एफ. के विपरीत भारत 22 ई.टी.एफ. का दायरा काफी बड़ा रखा गया है| वर्ष 2017-18 के लिये विनिवेश लक्ष्य को 72,500 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है|

निष्कर्ष
वस्तुतः बाज़ार की अच्छी स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार को जल्द से जल्द भारत 22 को लॉन्च कर देना चाहिये, ताकि बाज़ार के सकरात्मक रुख का असर सरकार द्वारा तय किये गए लक्ष्यों पर भी परिलक्षित हो सके| भारत 22 के आम आदमी के लिये भी एक सुरक्षित एवं उत्साहवर्धक पहल के रूप में साबित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है|

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