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जैव विविधता और पर्यावरण

अंटार्कटिका महाद्वीप में बढ़ती मानवीय गतिविधियाँ

  • 05 Aug 2020
  • 9 min read

प्रीलिम्स के लिये: 

अंटार्कटिक महाद्वीप 

मेन्स के लिये:

अंटार्कटिक क्षेत्र के संरक्षण में अंटार्कटिक संधि का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शोधकर्त्ताओं के एक दल द्वारा अंटार्कटिका महाद्वीप में  मानवीय गतिविधियों (Human Footprint) के कारण बंजर भूमि के संकुचन से संबंधित अध्ययन किया गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • विंट्स यूनिवर्सिटी (Wits University) के वैज्ञानिक तथा सह-लेखक बर्नार्ड डब्ल्यूटी कोएत्ज़ी (Bernard WT Coetzee) द्वारा इस अध्ययन को वैचारिक रूप प्रदान करने में मदद की गई तथा तथा इनके द्वारा अंटार्कटिका में मानव गतिविधियों की सीमा की मैपिंग करने के लिये कई स्रोतों से  स्थानिक डेटाबेस को प्राप्त किया गया।
  • अध्ययन में 2.7 मिलियन रिकॉर्ड से प्राप्त  किये गए डेटा के माध्यम से इस बात को समझाया गया कि किस प्रकार पिछले 200 वर्षों में अंटार्कटिका महाद्वीप में मानव गतिविधि बढ़ी है। 
  • अध्ययन के अनुसार, जब से अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज (200 वर्ष पूर्व) हुई है तब से इस  महाद्वीप पर मानव गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ी हैं। 
  • शोधकर्त्ताओं के दल द्वारा इस अध्ययन में अंटार्कटिक महाद्वीप में दो मुख्य चिंताओं को रेखांकित किया गया है-
    • पहला मानवीय गतिविधियों के कारण अंटार्कटिका के निर्जन क्षेत्र/बंजर भूमि क्षेत्र  तेज़ी से कम हो रहे हैं।
    • दूसरा इस क्षेत्र की जैव विविधता पर अतिरिक्त दबाव बना हुआ है।
  • इस शोध कार्य को ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। 
  • वैज्ञानिकों द्वारा इस अध्ययन के लिये अंटार्कटिका महाद्वीप में वर्ष 1819-2018 के मध्य की 2.7 मिलियन मानव गतिविधियों के रिकॉर्डों की मैपिंग की गई ताकि अंटार्कटिका महाद्वीप में जैव विविधता के साथ-साथ शेष बचे हुए निर्जन क्षेत्र की सीमा का आकलन किया जा सके।

शोध के प्रमुख बिंदु:

  • शोध के अनुसार, महाद्वीप के 99.6% क्षेत्र को अभी भी निर्जन क्षेत्र माना जा सकता है, लेकिन इस क्षेत्र में कुछ जैव विविधता अभी भी विद्यमान है। 
  • अध्ययन के अनुसार अंटार्कटिक महाद्वीप का  अपरिवर्तित आदिम क्षेत्र (Pristine areas) मानव हस्तक्षेप से मुक्त एक बहुत छोटे क्षेत्र (अंटार्कटिका के 32%से कम) को कवर करता है जो मानवीय गतिविधियों के कारण क्षीण हो रहा है ।
    • अध्ययन में बताया गया कि अंटार्कटिका में संरक्षित क्षेत्रों के जाल/नेटवर्क का तत्काल विस्तार करके इस प्रवृत्ति को उलट सकते हैं तथा महाद्वीप की जैव विविधता को सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • कोएत्ज़ी के अनुसार,  बंजर क्षेत्र के रूप में पहचाने गए क्षेत्र में वास्तव में व्यापक स्तर पर मानव गतिविधियाँ देखी गई हैं मुख्य रूप से बर्फ-मुक्त एवं  ऐसे तटीय क्षेत्रों में जहाँ अधिकांश जैव विविधता पाई जाती है।
    • इसका अर्थ है कि महाद्वीप के कई महत्वपूर्ण जैव विविधता वाले स्थानों पर ‘बंज़र  क्षेत्र’ विद्यमान नहीं है लेकिन यह अंतिम बंजर क्षेत्र को संरक्षित करने का एक अवसर है।
  • अध्ययन के अनुसार, महाद्वीप पर 16 प्रतिशत क्षेत्र की पहचान की गई जो पक्षियों के संरक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पक्षी संरक्षण के लिये पहचाने गए जिस क्षेत्र को संकट पूर्ण क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है वह अत्यधिक सूक्ष्म क्षेत्र में विद्यमान है।

अंटार्कटिक संधि:

  • इस संधि को वाशिंगटन संधि के नाम से भी जाना जाता है।
  • 1 दिसंबर, 1959 को वाशिंगटन में 12 देशों द्वारा अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किये गए तथा 23 जून, 1961 में इस संधि को लागू किया गया ।
  • भारत द्वारा वर्ष 1983 में इस संधि पर हस्ताक्षर किये गए।

संधि के प्रमुख प्रावधान:

अंटार्कटिक संधि से संबंधित प्रावधानों को निम्नलिखित अनुच्छेदों में वर्णित किया गया है जो इस प्रकार हैं-

अनुच्छेद (1)- अंटार्कटिका क्षेत्र का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये किया जाएगा।

अनुच्छेद (2)- संधि में शामिल देशों को अंटार्कटिका में स्वतंत्र वैज्ञानिक अन्वेषण की स्वतंत्रता होगी।

अनुच्छेद (3)-अंटार्कटिका क्षेत्र में वैज्ञानिक अन्वेषण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये योजनाओं और परिणामों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

अनुच्छेद (4)-अंटार्कटिका में प्रादेशिक संप्रभुता के लिये कोई नया दावा, या किसी मौजूदा दावे का विस्तार नहीं किया जाएगा।

अनुच्छेद (5)-अंटार्कटिका में कोई भी परमाणु विस्फोट और रेडियोधर्मी अपशिष्ट पदार्थ का निपटान निषिद्ध होगा।

अनुच्छेद (6)- संधि के प्रावधान 60 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के दक्षिण क्षेत्र में लागू होंगे।

अनुच्छेद (7)- संधि में शामिल प्रत्येक पर्यवेक्षक देशों को अंटार्कटिका के किसी भी या सभी क्षेत्रों में किसी भी समय पहुँच की पूर्ण स्वतंत्रता होगी। अंटार्कटिका के किसी भी या सभी क्षेत्रों में किसी भी समय हवाई निरीक्षण किया जा सकता है।

अनुच्छेद (8)- संधि में शामिल दशों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कर्मचारियों से संबंधित प्रावधान।

अनुच्छेद (9)- संधि में शामिल देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये बैठकों का प्रावधान। 

अनुच्छेद (10)- ऐसी किसी भी गतिविधि का विरोध करना जो अंटार्कटिका क्षेत्र में वर्तमान संधि के सिद्धांतों या उद्देश्यों के विपरीत हो।

अनुच्छेद (11)- संधि में शामिल देशों में किसी भी विवाद का निपटारा विचार-विमर्श, मध्यस्थता, सहमति द्वारा किया जाएगा।

अनुच्छेद (12)- हर 30 वर्षों पर संधि की समीक्षा का प्रावधान।

अनुच्छेद (13)-संधि की पुष्टि वर्तमान संधि हस्ताक्षरकर्त्ताओं राज्यों के अनुसमर्थन द्वारा होगी।

अनुच्छेद (14)- विभिन्न भाषाओं में सम्पन्न संधि के संस्करण समान रूप से मान्य होगें जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के अभिलेखागार में जमा किया जाएगा।

आगे की राह:

  • हालाँकि अध्ययन में  शुरुआती आँकड़ों/तथ्यों के आधार पर संतोषजनक स्थिति प्राप्त नहीं हुई थी, लेकिन बाद के परिणामों  के आधार पर कहां जा सकता है कि महाद्वीप के संरक्षण के लिये तीव्र गति से कार्रवाई करने के लिये काफी अवसर विद्यमान हैं।
  • अध्ययन में प्रयुक्त बड़े डेटा समूहों/बेस का उपयोग उन सूचनात्मक प्रश्नों के लिये एक गहरी समझ/दृष्टिकोण प्रदान करेगा जो पर्यावरण नीति निर्माताओं के समक्ष लंबे समय से कठिनाई उत्पन्न  करते हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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