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ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024

  • 10 Apr 2024
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व स्वास्थ्य संगठन, हेपेटाइटिस, राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम, भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम

मेन्स के लिये:

वैश्विक एवं भारतीय स्तर पर हेपेटाइटिस की व्यापकता, हेपेटाइटिस से निपटने की चुनौतियाँ और साथ ही वैश्विक लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट, 2024 में भारत को वायरल हेपेटाइटिस, विशेष रूप से हेपेटाइटिस B एवं C संक्रमण का सामना करने वाले देशों में से एक के रूप में सामने आया है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • भारत में हेपेटाइटिस की स्थिति:
    • भारत में व्यापकता:
      • भारत वायरल हेपेटाइटिस के सर्वाधिक मामलों वाले देशों में से एक है।
      • भारत में अनुमानित 2.9 करोड़ लोग हेपेटाइटिस B से तथा 0.55 करोड़ लोग हेपेटाइटिस C से संक्रमित हैं।
      • वर्ष 2022 में भारत में 50,000 से अधिक नए हेपेटाइटिस B मामले एवं हेपेटाइटिस C के 1.4 लाख नए मामले सामने आए।
      • इन वायरल हेपेटाइटिस संक्रमणों से वर्ष 2022 में भारत में 1.23 लाख लोगों की मृत्यु हो गई।
    • भारत में हेपेटाइटिस संक्रमण के कारक:
      • हेपेटाइटिस B तथा C दोनों संक्रमण विभिन्न माध्यमों से फैलते हैं, जिनमें माँ से बच्चे में संचरण, असुरक्षित रक्त संक्रमण, संक्रमित रक्त के साथ संपर्क एवं दवा उपयोगकर्त्ताओं के बीच सुईयों का लेनदेन करना शामिल है।
        • रक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल में प्रगति के बावजूद, भारत में माँ से बच्चे में हेपेटाइटिस B का संचरण संक्रमण का प्राथमिक माध्यम बना हुआ है।
    • निदान और उपचार कवरेज:
      • भारत में हेपेटाइटिस B के केवल 2.4% मामलों और हेपेटाइटिस C के 28% मामलों का ही निदान किया जाता है।
      • सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता के बावजूद, हेपेटाइटिस B के लिये 0% तथा हेपेटाइटिस C के लिये 21% उपचार कवरेज और भी कम है।
    • हेपेटाइटिस के परिणामों में सुधार में बाधाएँ:
      • राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की सीमित पहुँच और उपयोग।
      • कार्यक्रम के तहत किफायती निदान और उपचार सेवाओं तक पहुँच का विस्तार करने की आवश्यकता है।
      • स्वास्थ्य परिणामों और संचरण को कम करने के लिये, बीमारी के चरण की परवाह किये बिना, सभी निदान किये गए व्यक्तियों का उपचार करने की आवश्यकता है।
  • वैश्विक:
    • मृत्यु दर रुझान:
      • वायरल हेपेटाइटिस के कारण वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर तपेदिक के बराबर अनुमानित 1.3 मिलियन मौतें हुईं।
        • इन मौतें में से 83% हेपेटाइटिस B के कारण, जबकि 17% मौतें हेपेटाइटिस C के कारण हुईं।
      • मृत्यु दर में बढ़ोतरी लिवर कैंसर एवं हेपेटाइटिस के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि की ओर संकेत करती है।
      • नए वायरल हेपेटाइटिस संक्रमणों की संख्या वर्ष 2019 में 2.5 मिलियन से घटकर वर्ष 2022 में 2.2 मिलियन हो गई।
    • व्यापकता:
      • वैश्विक स्तर पर, वर्ष 2022 में अनुमानित कुल 304 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B और C से पीड़ित थे।
        • WHO के अनुमान से पता चलता है कि वर्ष 2022 में 254 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B से और 50 मिलियन लोग हेपेटाइटिस C से पीड़ित थे।
        • इसमें विशेषकर हेपेटाइटिस B से पीड़ित बच्चे कुल 12% थे
    • परीक्षण और उपचार को बढ़ाने में बाधाएँ:
      • फंडिंग की कमी और सीमित विकेंद्रीकरण ने परीक्षण सेवाओं के विस्तार को प्रतिबंधित कर दिया है।
      • कई देश अभी भी उपलब्ध जेनेरिक कीमतों पर हेपेटाइटिस की दवाएँ नहीं खरीद रहे हैं, जिससे इन दवाओं की कीमतें बढ़ रही हैं।
      • कुछ देशों में पेटेंट संबंधी बाधाएँ सस्ती हेपेटाइटिस C दवाओं तक पहुँच में बाधा बनी हुई हैं।

हेपेटाइटिस के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • हेपेटाइटिस संक्रामक वायरस (वायरल हेपेटाइटिस) और गैर-संक्रामक एजेंटों के कारण होता है, जिससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं, जिनमें से कुछ घातक हो सकती हैं।
    • हेपेटाइटिस वायरस के पाँच मुख्य प्रकार हैं: A, B, C, D, व E, इनमें प्रत्येक के संचरण, गंभीरता, भौगोलिक वितरण और रोकथाम के तरीके अलग-अलग हैं।
    • B व C लीवर सिरोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें लीवर ज़ख्मी तथा स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है), लीवर कैंसर और वायरल हेपेटाइटिस से संबंधित मौतों का सबसे आम कारण है।
    • कुछ अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस को टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है और टीकाकरण, नैदानिक ​​परीक्षणों, दवाओं एवं शिक्षा अभियानों के माध्यम से 2030 तक अनुमानित 4.5 मिलियन असामयिक मौतों को रोका जा सकता है।
    • WHO की वैश्विक हेपेटाइटिस रणनीति का लक्ष्य 2016 से 2030 के बीच नए हेपेटाइटिस संक्रमण को 90% और मौतों को 65% तक कम करना है।
  • लक्षण एवं गंभीरता:
    • हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E में हल्के या कोई लक्षण नहीं दिख सकते हैं।
    • हेपेटाइटिस A, B व C के लक्षणों में बुखार, अस्वस्थता, भूख न लगना, दस्त, मतली, पेट में परेशानी, गहरे रंग का मूत्र और पीलिया शामिल हैं।
      • क्रोनिक लिवर संक्रमण, सिरोसिस और लिवर कैंसर हेपेटाइटिस A, B व C के परिणामस्वरूप हो सकता है।
    • हेपेटाइटिस D पहले से ही हेपेटाइटिस B से संक्रमित लोगों में पाया जाता है और अधिक गंभीर संक्रमण व सिरोसिस की तीव्र प्रगति का कारण बन सकता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस D दुर्लभ है।
    • हेपेटाइटिस E के लक्षणों में हल्का बुखार, भूख में कमी, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, खुजली, त्वचा पर लाल चकत्ते, जोड़ों में दर्द, पीलिया, गहरे पीले रंग का मूत्र, पीला मल और हेपेटोमेगाली या तीव्र यकृत विफलता शामिल हैं।

Hapatitis

आगे की राह 

  • हेपेटाइटिस B से पीड़ित अनुमानित 40 मिलियन लोगों का उपचार और वर्ष 2026 तक हेपेटाइटिस C से पीड़ित 30 मिलियन लोगों का उपचार, उन्मूलन की दिशा में पुनः गति प्राप्त करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • वायरल हेपेटाइटिस से प्रभावित विशिष्ट उच्च जोखिम वाली आबादी तक पहुँचने के लिये लक्षित प्रयासों की आवश्यकता है।
  • सभी सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों की पहुँच में सुधार हेतु हेपेटाइटिस सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के समायोजन में एकीकृत करना।
  • फंडिंग और इसका दायरा बढ़ाकर तथा हितधारकों के बीच समन्वय बढ़ाकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का विस्तार एवं सुधार करना। कार्यक्रम के माध्यम से शीघ्र निदान और उपचार प्रारंभ करने को प्राथमिकता देना।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में वायरल हेपेटाइटिस के लिये परीक्षण और उपचार सेवाओं के विस्तार में आने वाली बाधाओं की जाँच कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? (2019)

(a) यकृतशोथ B विषाणु काफी कुछ HIV की तरह ही संचरित होता है।
(b) यकृतशोथ C का टीका होता है, जबकि यकृतशोथ B का कोई टीका नहीं होता है।
(c) सार्वभौम रूप से यकृतशोथ B और C विषाणुओं से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या HIV से संक्रमित लोगों की संख्या से कई गुना अधिक है।
(d) यकृतशोथ B और C विषाणुओं से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में अनेक वर्षों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित बीमारियों में से कौन-सी टैटू बनवाने के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचरित हो सकती है? (2013)

  1. चिकनगुन्या
  2. यकृतशोथ बी
  3. HIV-AIDS

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

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