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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

  • 06 Feb 2023
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क, वेरिएशनल ऑटोएन्कोडर्स (VAE), कृत्रिम बुद्धिमत्ता हेतु राष्ट्रीय रणनीति।

मेन्स के लिये:

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग, जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,  कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैतिकता संबंधी मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Generative Artificial Intelligence- GAI) का उपयोग अभी भी अपने शुरुआती चरण में है लेकिन इसका प्रभाव बढ़ने की संभावना है क्योंकि प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास और सुधार जारी है।

  • भारत सरकार GAI प्रौद्योगिकियों के उद्भव और शिक्षा, विनिर्माण, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त एवं अन्य क्षेत्रों में उनके तेज़ी से प्रसार से अवगत है।

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:

  • परिचय: 
    • GAI कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तेज़ी से विकसित होने वाली शाखा है जो डेटा के अनुरूप प्रतिरूप और नियमों के आधार पर नई सामग्री (जैसे चित्र, ऑडियो, पाठ आदि) उत्पन्न करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • GAI के उदय का श्रेय उन्नत जेनरेटिव मॉडल के विकास को दिया जा सकता है, जैसे कि जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क्स (GANs) और वैरिएशनल ऑटोएन्कोडर्स (VAEs)।
      • इन मॉडलों को बड़ी मात्रा में डेटा के अनुसार प्रशिक्षित किया जाता है जिससे ये नए आउटपुट उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं जो प्रशिक्षण डेटा के समान होते हैं। उदाहरण के लिये प्रशिक्षित GAN चेहरों की नई यथार्थवादी दिखने वाली सिंथेटिक छवियाँ उत्पन्न कर सकता है। 
    • हालाँकि GAI, ChatGPT और डीप फेक से संबंधित है, शुरुआत में इस तकनीक का उपयोग डिजिटल छवि सुधार और डिजिटल ऑडियो सुधार में उपयोग की जाने वाली दोहराव वाली प्रक्रियाओं को स्वचालित करने हेतु किया गया था।
    • चूँकि मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग स्वाभाविक रूप से जेनरेटिव प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं, अर्थात् इन्हें GAI के प्रकार भी माना जा सकता है।
  • अनुप्रयोग: 
    • कला और रचनात्मकता:  
      • इसका उपयोग कला के अद्वितीय और अभिनव कार्यों को सृजित करने हेतु किया जा सकता है जो कलाकारों एवं रचनाकारों को नए विचारों का पता लगाने तथा पारंपरिक कला रूपों की सीमाओं को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
        • डीप ड्रीम जेनरेटर एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म है जो अतियथार्थवादी, सपनों जैसी छवियों को बनाने हेतु डीप लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
        • DALL·E2 - ओपन AI का यह AI मॉडल पाठ्य (टेक्स्ट) विवरण से नई इमेज उत्पन्न करता है।
    • संगीत:  
      • यह संगीतकारों और संगीत निर्माताओं को नई ध्वनियों और शैलियों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जिससे अधिक विविध एवं दिलचस्प संगीत बन सकता है। 
        • एम्पर म्यूज़िक- यह पहले से रिकॉर्ड किये गए नमूनों से संगीतमय ट्रैक बनाता है।
        • AIVA- विभिन्न रचना-पद्धति और शैलियों में मूल संगीत की रचना करने के लिये AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है। 
    • कंप्यूटर ग्राफिक्स:
      • यह नए 3D मॉडल, एनिमेशन और विशेष प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, जिससे फिल्म स्टूडियो तथा गेम डेवलपर्स को अधिक यथार्थवादी एवं आकर्षक अनुभव करने में मदद मिलती है।
    • स्वास्थ्य देखभाल:  
      • नई चिकित्सा इमेज और सिमुलेशन उत्पन्न करके चिकित्सा निदान एवं उपचार की सटीकता तथा दक्षता में सुधार करना।
    • विनिर्माण और रोबोटिक्स:
      • यह विनिर्माण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने तथा इन प्रक्रियाओं की दक्षता एवं गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। 
  • भारत के लिये महत्त्व:
    • NASSCOM के आँकड़ों के अनुसार, भारत में कुल AI रोज़गार लगभग 416,000 होने का अनुमान है।
    • इस क्षेत्र की विकास दर लगभग 20-25% होने का अनुमान है। इसके अलावा AI से वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की उम्मीद है।

GAI से संबंधित चिंताएँ:

  • सटीकता: 
    • सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह सुनिश्चित करना है कि GAI  द्वारा उत्पन्न आउटपुट उच्च गुणवत्तायुक्त और सटीक हो।  
    • इसके लिये उन्नत जेनरेटिव मॉडल के विकास की आवश्यकता है जो डेटा से सीखे गए पैटर्न और नियमों को सटीक रूप से कैप्चर कर सके।
  • पक्षपातपूर्ण GAI मॉडल:
    • GAI मॉडल को बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है और यदि वह डेटा पक्षपाती है, तो GAI द्वारा उत्पन्न आउटपुट भी पक्षपाती हो सकते हैं। यह भेदभाव को जन्म दे सकता है और मौज़ूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों को मज़बूत कर सकता है।
  • गोपनीयता:  
    • GAI मॉडल के प्रशिक्षण हेतु बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुँच की आवश्यकता होती है, जिसमें व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी शामिल हो सकती है।
    • इस बात का ज़ोखिम है कि इस डेटा का उपयोग अनैतिक उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जैसे लक्षित विज्ञापन या राजनीतिक हेरफेर के लिये।
  • उत्तरदायित्त्व:  
    • चूँकि GAI मॉडल नई सामग्री जैसे चित्र, ऑडियो या टेक्स्ट उत्पन्न कर सकते हैं इसलिये इसका उपयोग फ़ेक न्यूज़ या अन्य दुर्भावनापूर्ण सामग्री उत्पन्न करने हेतु किया जा सकता है, यह जाने बिना कि आउटपुट के लिये कौन उत्तरदायी है। इससे उत्तरदायित्त्व पर नैतिक दुविधा उत्पन्न हो सकती हैं।
  • स्वचालित यंत्र एवं रोज़गार को कम करना:  
    • GAI में कई प्रक्रियाओं को स्वतः संचालित करने की क्षमता है, जिससे उन क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों के रोज़गार का विस्थापन हो सकता है।  
    • यह रोज़गार के विस्थापन के लिये AI का उपयोग करने की नैतिकता और श्रमिकों तथा समाज पर संभावित प्रभाव के बारे में प्रश्न उठाता है। 

संबंधित भारतीय पहल:

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हेतु राष्ट्रीय रणनीति: 
    • सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुसंधान को स्वीकारने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हेतु राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की है।  
  • बहुविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन:  
    • इस मिशन के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) स्थापित किये गए हैं, जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों और टेक्नोक्रेट्स के निर्माण हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण प्रदान करना है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, एनालिटिक्स और नॉलेज समावेश प्लेटफॉर्म:
    • यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य भारत को AI के संबंध में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाना और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शहरीकरण तथा मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में बदलाव लाना है।

आगे की राह

  • GAI मॉडल की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार करने तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित नैतिक बाधाओं को दूर करने के लिये अधिक शोध एवं विकास की आवश्यकता है। इसमें नए एल्गोरिदम और मॉडल का विकास किया जाना शामिल है जो अपने आउटपुट के लिये अधिक पारदर्शी व जवाबदेह होंगे। 
  • यह सुनिश्चित करने के लिये नियमों और मानकों को लागू किया जाना चाहिये कि GAI का उपयोग जवाबदेह तथा नैतिक माध्यमों द्वारा लागू किया जाएगा। इसमें डेटा गोपनीयता, पक्षपात एवं उत्तरदायित्त्व के लिये दिशा-निर्देश शामिल किया जाना आवश्यक है, साथ ही यह सुनिश्चित करना भी आवशयक है कि GAI का उपयोग समाज के लाभ के लिये किया जाता है, न कि व्यक्तियों या समूहों के नुकसान के लिये।
  • उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों और नागरिक समाज सहित हितधारकों के बीच सहयोग, यह सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है कि GAI का उपयोग ज़िम्मेदार और नैतिक तरीकों से किया जाए।  
  • यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि GAI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिये उपयोग किया जाने वाला डेटा नैतिक और निष्पक्ष रूप से तटस्थ हो क्योंकि GAI मॉडल केवल उतने ही प्रभावी होते हैं जितना उन्हें डेटा के आधार पर प्रशिक्षित किया जाता है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाना शामिल है कि प्रशिक्षण के लिये उपयोग की जाने वाली जानकारी एकत्र करने के साथ ही इस तरह से लागू की जाती है जो लोगों की गोपनीयता का सम्मान करती है तथा पहले से मौज़ूद पूर्वाग्रहों पर आधारित नहीं होती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न 1. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमता निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना 
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना 
  3. रोगों का निदान 
  4. टेक्स्ट-से-स्पीच में परिवर्तन 
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)

 

कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 

संदर्भ/विषय 

1. 

बेल II प्रयोग 

कृत्रिम बुद्धि 

2. 

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी 

डिजिटल/क्रिप्टोकरेंसी

3. 

CRISPR–Cas9 

कण भौतिकी 

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: पी.आई.बी.

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