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वायु की गुणवत्ता सुधारने हेतु पाँच वर्ष पुरानी 'स्वच्छ वायु योजना' का पुनर्जीवन

  • 13 Feb 2017
  • 3 min read

सन्दर्भ

पाँच वर्षों तक ठन्डे बस्ते में रहने के उपरांत भूतपूर्व दिल्ली सरकार की महत्त्वाकांक्षी ‘प्रदूषण रोधी योजना’ को नया जीवन मिलने वाला है| वस्तुतः सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली की अशुद्ध वायु को शुद्ध करने हेतु एक नया रोडमैप तैयार करने के लिये ‘पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण की नियुक्ति की है|

पृष्ठभूमि

  • ध्यातव्य है कि पूर्व में यह योजना कैबिनेट स्तर तक तो पहुँच गई थी परन्तु राजनीतिक अवरोधों के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी| 
  • फरवरी 2012 में तैयार होने वाली इस योजना में ‘यांत्रिक या वैक्यूम आधारित स्ट्रीट सफाई’ (mechanical or vacuum based street sweeping) -एक ऐसा प्रस्ताव है जिसने हाल के महीनों में सतही स्तर पर सफलता अर्जित किये बिना ही वित्तीयन प्राप्त कर लिया था, को आरम्भ करने की आवश्यकता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया| 

प्रमुख बिंदु 

  • विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (Centre for Science and Environment – CSE) प्रमुख और पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण की प्रमुख सुनीता नारायण के अनुसार हाल के वर्षों में निर्मित यह एक सबसे व्यापक दस्तावेज है|
  • वस्तुतः दिल्ली शहर में वायु की गुणवत्ता को सुधारने हेतु आधुनिक समेकित रोडमैप को तैयार करने के लिये पर्यावरण मंत्रालय की 42 सूत्री कार्य योजना और विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की स्वयं की कार्य योजना को एक-साथ प्रभाव में लाया जाएगा|
  • विदित हो कि सुनीता नारायण स्वयं भी तत्कालीन सरकार की इस योजना के प्रारूप निर्माण में शामिल थीं, जिसका लक्ष्य दिल्ली में वर्ष 2017 तक परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (Ambient air quality standards) को प्राप्त करना है|
  • हाल ही में पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली सरकार को एक पार्किंग नीति (Parking Policy) तैयार करने का भी आदेश दिया है, जिसकी लगातार अनुपस्थिति के कारण जब वायु की गुणवत्ता बहुत खराब होगी तो श्रेणीबद्ध प्रतिकिया कार्य योजना (Graded Response Action Plan – GRAP ) के अंतर्गत पार्किंग के शुल्कों में बढ़ोतरी होगी| 

अंततः इस मुद्दे पर पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण की अगली बैठक में विचार किया जाएगा जिसे प्रदूषण के आपातकालीन स्तरों की जाँच करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP)  को लागू करने का कार्य सौपा गया है|

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