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H10N3 बर्ड फ्लू का पहला मानव मामला

  • 04 Jun 2021
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये 

H10N3, बर्ड फ्लू, इंफ्लूएंज़ा, इंफ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार आदि

मेन्स के लिये 

बर्ड फ्लू संक्रमण, इसकी रोकथाम एवं नियंत्रण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चीन ने जिआंगसु प्रांत में बर्ड फ्लू के H10N3 स्ट्रेन के साथ मानव संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया है।

प्रमुख बिंदु

  • H10N3 इंफ्लूएंज़ा ए वायरस का एक उप-प्रकार है जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू वायरस के रूप में जाना जाता है।
  • H10N3 मुर्गियों में वायरस का एक कम रोगजनक या अपेक्षाकृत कम गंभीर कारक है और इसके बड़े पैमाने पर फैलने का जोखिम बहुत कम है। 
    • जानवरों में इस फ्लू का संक्रमण कोविड-19 के समान श्वसन कणों से हो सकता है।
  • यह स्ट्रेन सामान्य वायरस नहीं है, पिछले 40 वर्षों (2018 तक) में वायरस के लगभग 160 आइसोलेट्स की सूचना मिली है, वह भी ज़्यादातर एशिया और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में जंगली पक्षियों या जलपक्षी में।
    • अभी तक मुर्गियों में किसी भी स्ट्रेन का पता नहीं चला है।
  • चीन में एवियन इंफ्लूएंज़ा के कई अलग-अलग उपभेद हैं और कुछ छिटपुट रूप से उन लोगों को संक्रमित करते हैं जो आमतौर पर मुर्गी पालन करते हैं।
    • हालाँकि वर्ष 2016-2017 के दौरान H7N9 स्ट्रेन से लगभग 300 लोगों की मौत होने के बाद से बर्ड फ्लू के कारण मानव संक्रमण के मामलों की संख्या ज़्यादा नहीं है।

बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू के बारे में:

  • बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza- AI) के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक विषाणु/वायरस जनित बीमारी है जो भोजन के रूप में उपयोग होने वाले कई प्रकार की पक्षी प्रजातियों (मुर्गियों, टर्की, बटेर, गिनी मुर्गी आदि) के साथ-साथ पालतू और जंगली पक्षियों को भी प्रभावित करती है।
  • मनुष्यों के साथ-साथ कभी-कभी स्तनधारी भी एवियन इंफ्लूएंज़ा के संपर्क में आ जाते हैं।

इंफ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार:

  • इंफ्लूएंज़ा वायरस को तीन प्रकार A, B और C में बाँटा गया है।
  • केवल A प्रकार का इंफ्लूएंज़ा वायरस ही जानवरों को संक्रमित करता है जो कि एक जूनोटिक वायरस है अर्थात् इसमें जानवरों और मनुष्यों दोनों को संक्रमित करने की क्षमता होती है।
    • एवियन इंफ्लूएंज़ा वायरस के उप-प्रकारों में A(H5N1), A(H7N9), A(H9N2) और A(H10N3) शामिल हैं।
  • टाइप B और C ज़्यादातर मनुष्यों को संक्रमित करते हैं तथा ये केवल हल्के संक्रामक रोगों के कारक हैं।

वर्गीकरण:

  • इंफ्लूएंज़ा वायरस को दो सतह प्रोटीन, हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरामिनिडेस (NA) के आधार पर उप-प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
    • उदाहरण के लिये एक वायरस जिसमें HA7 प्रोटीन और NA9 प्रोटीन होता है, उसे सबटाइप H7N9 के रूप में नामित किया जाता है।
  • अत्यधिक रोगजनक एवियन इंफ्लूएंज़ा (Highly Pathogenic Avian Influenza- HPAI) ए (H5N1) वायरस मुख्य रूप से पक्षियों में पाया जाता है जो उनके लिये अत्यधिक संक्रामक होता है।
  • HPAI एशियन H5N1 विशेष रूप से मुर्गी पालन उद्योग हेतु एक घातक वायरस है।

प्रभाव:

  • एवियन इंफ्लूएंज़ा के प्रकोप से देश में विशेष रूप से मुर्गी पालन उद्योग में विनाशकारी परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।
  • इसकी वजह से किसानों को मुर्गी पालन उद्योग में मुर्गियों की उच्च मृत्यु दर (लगभग 50%) का सामना करना पड़ सकता है।

निवारण:

  • बीमारी या संक्रमण के प्रकोप से बचने हेतु उच्च स्तर के जैव सुरक्षा उपाय एवं साफ-सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है।

रोग का उन्मूलन:

  • जानवरों में संक्रमण का पता चलने पर रोग के नियंत्रण तथा उन्मूलन हेतु संक्रमित जानवर एवं उसके संपर्क में आए जानवरों को पकड़कर अलग रखने से स्थिति को शीघ्रता से नियंत्रित किया जा सकता है।

भारत की स्थिति:

  • दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच भारत के विभिन्न राज्यों में बर्ड फ्लू के ताज़ा मामले सामने आए जिससे पूरे देश में अफरातफरी मच गई।
  • वर्ष 2019 में भारत को एवियन इंफ्लूएंज़ा (H5N1) वायरस के संक्रमण से मुक्त घोषित किया गया था, इस संबंध में विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (World Organization for Animal Health) को भी अधिसूचित किया गया था।
    • OIE एक अंतर-सरकारी संगठन है जो विश्व में पशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने हेतु उत्तरदायी है। इस संगठन का मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में स्थित है।

स्रोत: द हिंदू

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