इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विद्युत उत्प्रेरक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण

  • 22 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उत्प्रेरक, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान

मेन्स के लिये:

नवीकरणीय ऊर्जा तथा भंडारण प्रौद्योगिकियों में तकनीक के प्रयोग से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (Institute of Nano Science and Technology-INST) के वैज्ञानिकों ने पर्यावरण के अनुकूल विद्युत-उत्प्रेरक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण विकसित किया है जिसकी लागत भी कम होगी ।

प्रमुख बिंदु:

  • यह शोध कार्य अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (American Chemical Society) द्वारा  ‘जर्नल इनआर्गेनिक केमिस्ट्री’ (Journal Inorganic Chemistry) में प्रकाशित किया गया है।
  • ऑक्सीजन अपचयन अभिक्रिया (Oxygen Reduction Reaction- ORR) के तहत विद्युत-उत्प्रेरक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण की खोज की गई है जो आयरन (Fe), मैंगनीज़ (Mn), नाइट्रोज़न (N) और कार्बन (C) पर आधारित है।
  • यह उपकरण मछली के गलफड़ाें से बनाया गया है जिसकी संरचना अद्वितीय छिद्रयुक्त (Unique Porous) होती है।
    • उष्म उपचार के बाद यह एक बेहतर इलेक्ट्रोड तथा विद्युत चालक (कार्बन नेटवर्क) की तरह कार्य करता है।
  • यह कम लागत वाली विद्युत-उत्प्रेरक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण प्लैटिनम-कार्बन उत्प्रेरक (Platinum On Carbon Catalyst) से बेहतर है। साथ ही इस उपकरण का pH मान एक से कम या 13 से ज्यादा या सात हो सकता है।
    • pH (हाइड्रोजन की क्षमता-Potential of Hydrogen):
      • pH जल की अम्लता और क्षारीयता (Acidic and Basic) मापने का पैमाना है। pH पैमाना 0-14 तक होता है। pH का मान 7 से कम होने पर जल अम्लीय, 7 से अधिक होने पर जल क्षारीय तथा 7 होने पर जल उदासीन होता है।

उत्प्रेरक (Catalyst):

  • वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के दौरान रासायनिक एवं मात्रात्मक रूप में बिना परिवर्तित हुए रासायनिक अभिक्रिया की दर में वृद्धि करते हैं, उत्प्रेरक कहलाते हैं।

वैज्ञानिकों का प्रयोग:

  • विद्युत-उत्प्रेरक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण की मदद से एक ज़िंक-एयर बैटरी (Zn−air battery) तैयार की गई जो एक लंबी अवधि के बाद भी चार्ज-डिस्चार्ज हो रही थी तथा यह उत्प्रेरक प्लैटिनम-कार्बन उत्प्रेरक से बेहतर कार्य करता है।
  • इस प्रयोग से वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि आयरन (Fe) और मैंगनीज़ (Mn) के कारण यह बेहतर कार्य करता है।

उपकरण के लाभ:

  • ‘जैव-प्रेरित कार्बन नैनोस्ट्रक्चर’ नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) और भंडारण प्रौद्योगिकियों (Storage Technologies) जैसे ईंधन सेल, जैव ईंधन सेल और मेटल-एयर बैटरी के उर्जा रूपांतरण में सहायक होंगी।

Equipment

नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy):

  • यह ऐसी ऊर्जा है जो प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है। इसमें सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जल शक्ति ऊर्जा और बायोमास के विभिन्न प्रकारों को शामिल किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि यह कभी भी समाप्त नहीं हो सकती है और इसे लगातार नवीनीकृत किया जा सकता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन, ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों (जो कि दुनिया के काफी सीमित क्षेत्र में मौजूद हैं) की अपेक्षा काफी विस्तृत भू-भाग में फैले हुए हैं और ये सभी देशों में काफी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं।

नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान

(Institute of Nano Science and Technology-INST):

  • मोहाली (पंजाब) स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INST) भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST)के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। 
  • इसकी स्थापना भारत में नैनो मिशन के अंतर्गत नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिये की गई है।
  • इसे सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत पंजीकृत किया गया था।

स्रोत: पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2