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भारतीय अर्थव्यवस्था

ई-श्रम पोर्टल

  • 30 Aug 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

ई-श्रम पोर्टल

मेन्स के लिये

ई-श्रम पोर्टल का महत्त्व और भारत में असंगठित क्षेत्र की स्थिति, सरकार द्वारा इस संबंध में शुरू की गई पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने ‘ई-श्रम पोर्टल’ लॉन्च किया है।

प्रमुख बिंदु

  • ‘ई-श्रम’ पोर्टल के विषय में:
    • उद्देश्य: देश भर में कुल 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों जैसे- निर्माण मज़दूरों, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कामगारों को पंजीकृत करना।
      • इसके तहत श्रमिकों को एक ‘ई-श्रम कार्ड’ जारी किया जाएगा, जिसमें 12 अंकों का एक विशिष्ट नंबर शामिल होगा।
      • यदि कोई कर्मचारी ‘ई-श्रम’ पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपए का पात्र होगा।
    • पृष्ठभूमि: ई-श्रम पोर्टल का गठन सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय के बाद किया गया है, जिसमें न्यायालय ने सरकार को जल्द-से-जल्द असंगठित श्रमिकों की पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया था, ताकि वे विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
    • क्रियान्वयन: देश भर में असंगठित कामगारों के पंजीकरण का कारण संबंधित राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा किया जाएगा।
  • भारत में असंगठित क्षेत्र की स्थिति: 
    • श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने असंगठित श्रम बल को चार समूहों के अंतर्गत वर्गीकृत किया है:
      • पेशा/व्यवसाय
        • इसके तहत छोटे एवं सीमांत किसान, भूमिहीन खेतिहर मज़दूर, बटाईदार, मछुआरे, पशुपालन और बीड़ी बनाने के कार्य में संलग्न लोग शामिल हैं।
      • रोज़गार की प्रकृति:
        • संलग्न खेतिहर मज़दूर, बंधुआ मज़दूर, प्रवासी श्रमिक, ठेका और आकस्मिक मज़दूर इस श्रेणी में शामिल हैं।
      • विशेष रूप से व्यथित श्रेणी
        • इस श्रेणी में ताड़ी टैपर, मैला ढोने वाले, सिर के भार के वाहक, पशु चालित वाहनों के चालक, लोडर और अनलोडर शमिल हैं।
      • सेवा श्रेणी
        • इसमें दाई, घरेलू कामगार, मछुआरे, महिलाएँ, नाई, सब्जी और फल विक्रेता, समाचार पत्र विक्रेता आदि शामिल हैं।
    • ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण’ (PLFS 2018-19) के अनुसार, 90% श्रमिक यानी 465 मिलियन में से 419 मिलियन श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में संलग्न हैं।
    • महामारी के दौरान रोज़गार की मौसमी प्रकृति और औपचारिक कर्मचारी-नियोक्ता संबंधों की कमी के कारण ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनौपचारिक श्रमिकों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
  • असंगठित क्षेत्र का समर्थन करने के लिये पूर्व में की गई पहलें:

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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