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ड्रग नियामक ने जारी की चेतावनी

  • 05 Jul 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के शीर्ष दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drug Standard Control Organisation- CDSCO) ने चिकित्सीय उपकरणों के संबंध में साइबर सुरक्षा जोखिमों/खतरों के संदर्भ में चेतावनी जारी की है।

प्रमुख बिंदु

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration- FDA) ने अमेरिकी चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्त्ता मेडट्रॉनिक (Medtronic) द्वारा निर्मित इंसुलिन पंप के कुछ मॉडलों से जुड़ी साइबर सुरक्षा के जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी की थी।

CDSCO के अनुसार, चिकित्सा उपकरण के कुछ मॉडल हैकर्स के लिये सुभेद्य (Vulnerable) हैं।

एक अनधिकृत व्यक्ति अपने तकनीकी कौशल और उपकरणों के सहयोग से सेटिंग्स को बदलने और इंसुलिन डिलीवरी को नियंत्रित करने के लिये किसी नजदीकी इंसुलिन पंप से वायरलेस से जुड़ सकता है।

भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। अतः इस समस्या के बढ़ने ख़तरा भी ज़्यादा है।

प्रभावित मॉडल जिसके बारे में चेतावनी जारी की गई है इनमें मिनिमेड पैराडिग्म (Minimed Paradigm) की श्रृंखला (MMT-715, MMT-712 और MMT-722) तथा मिनिमेड पैराडिग्म वेओ (MMT-754) इंसुलिन पंप शामिल हैं।

कंपनी की प्रतिक्रिया

  • हालाँकि मेडट्रॉनिक इंडिया ने स्पष्ट किया है कि जिन मिनिमेड पैराडिग्म श्रृंखला की दवाओं के बारे में चेतावनी जारी की गई है वे मॉडल वर्ष 2012 और उससे पहले के हैं।
  • वर्तमान में कंपनी को अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा सेटिंग बदलने या इंसुलिन वितरण को नियंत्रित करने की कोई पुष्ट रिपोर्ट नहीं मिली है।
  • मेडट्रॉनिक ने अपने ग्राहकों और उनके डॉक्टरों को अपने इंसुलिन पंप का उपयोग करते समय सुरक्षा सावधानी बरतने की सलाह दी जो कि केवल एक सुरक्षा सूचना है।
  • भारत में मेडट्रॉनिक समस्या के पूर्व सक्रिय नियामकों और अन्य संबंधित हितधारकों को सूचना प्रदान कर रहा था साथ ही शोधकर्ताओं, डॉक्टरों और रोगियों के साथ उनके प्रश्न या चिंताओं के संबंध में जानकारी देने की प्रक्रिया में संलग्न था।
  • कम्पनी के अनुसार, भारत में अब तक किसी भी मरीज़ में इस प्रकार के समस्या सामने नही आई है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सुझाव

  • इंसुलिन पंप का मॉडल और सॉफ्टवेयर संस्करण साइबर सुरक्षा जोखिमों/खतरों से प्रभावित है या नहीं, इसकी छानबीन मरीज़ों और उनकी देखभाल करने वालों को अवश्य करनी चाहिये।
  • बेहतर साइबर सुरक्षा संरक्षण वाले मॉडल प्राप्त करने के लिये अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से इंसुलिन पंप एवं उपकरणों को नियंत्रण में रखने, पंप क्रमांक नम्बर को मरीज़ों से साझा करने तथा किसी गड़बड़ी के दौरान सूचनाओं, अलार्मों अथवा चेतावनी देने के संदर्भ में बात करना चाहिये।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन

Central Drug Standard Control Organisation- CDSCO

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट ऑफिस और सात प्रयोगशालाएँ हैं।
  • विज़न: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना।
  • मिशन: दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना।
  • ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 एंड रूल्स 1945 (The Drugs & Cosmetics Act,1940 and rules 1945) के तहत CDSCO दवाओं के अनुमोदन, क्लिनिकल परीक्षणों के संचालन, दवाओं के मानक तैयार करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण और राज्य दवा नियंत्रण संगठनों को विशेषज्ञ सलाह प्रदान करके ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रवर्तन में एकरूपता लाने के लिये उत्तरदायी है।

स्रोत- द हिन्दू

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