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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

डबल एस्ट्रॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट: नासा

  • 12 Nov 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डबल एस्ट्रॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट, नासा, फाल्कन 9 रॉकेट

मेन्स के लिये:

ग्रह रक्षा प्रणाली का महत्त्व और आवश्यकता

चर्चा में क्यों?

नासा जल्द ही ‘डबल एस्ट्रॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट’ (DART) नाम से अपना पहला ग्रह रक्षा परीक्षण मिशन लॉन्च करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • मिशन का उद्देश्य:
    • यह मिशन भविष्य में पृथ्वी की ओर किसी क्षुद्रग्रह/एस्ट्रॉयड के आने की स्थिति में तैयार की जाने वाली नई तकनीक का परीक्षण करेगा।
    • इसका उद्देश्य नई विकसित तकनीक का परीक्षण करना है, जो एक अंतरिक्षयान को क्षुद्रग्रह से टकराकर उसकी दिशा को बदलने की अनुमति देगा।
      • अंतरिक्षयान के क्षुद्रग्रह से टकराने के बाद वैज्ञानिक पृथ्वी पर मौजूद दूरबीनों से क्षुद्रग्रह के प्रक्षेपवक्र पर इसके प्रभाव का अध्ययन करेंगे।
      • ‘DART’ अंतरिक्ष में किसी क्षुद्रग्रह की गति को बदलने हेतु गतिज प्रभावकारी तकनीक का पहला परिक्षण होगा।
    • इस अंतरिक्षयान का लक्ष्य एक छोटा सा चंद्रमा है, जिसे ‘डिमोर्फोस’ (ग्रीक भाषा में ‘दो रूपों वाला’) कहा जाता है।
      • डिमोर्फोस, ‘डिडिमोस’ (ग्रीक भाषा में ‘जुड़वाँ’) नामक एक बड़े क्षुद्रग्रह की परिक्रमा करता है।
    • यह एक आत्मघाती मिशन है और अंतरिक्षयान पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
    • अंतरिक्षयान और क्षुद्रग्रह की टक्कर 26 सितंबर से 1 अक्तूबर, 2022 के बीच होने की संभावना है।
  • मिशन के विषय में
    • ‘DART’ एक कम लागत वाला अंतरिक्षयान है।
    • इसमें दो सोलर ऐरेज़ शामिल हैं और अंतरिक्षयान के संचालन के लिये ये हाइड्राज़ीन प्रणोदक का उपयोग करटे हैं।
    • इसमें लगभग 10 किलोग्राम ‘ज़ेनॉन’ (Xenon) भी होता है जिसका उपयोग नए थ्रस्टर्स को प्रदर्शित करने के लिये किया जाएगा, जिसे ‘नासा इवोल्यूशनरी ज़ेनॉन थ्रस्टर-कमर्शियल (NEXT-C)) कहा जाता है।
      • NEXT-C ग्रेडेड आयन थ्रस्टर सिस्टम प्रदर्शन और अंतरिक्षयान एकीकरण क्षमताओं का एक संयोजन प्रदान करता है, जो इसे अंतरिक्ष रोबोट मिशन के लिये विशिष्ट रूप से अनुकूल बनाता है।
    • अंतरिक्षयान में एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजर होता है जिसे ‘डिडिमोस रिकोनिसेंस एंड एस्ट्रॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन’ (DRACO) कहा जाता है।
      • ‘DRACO’ से प्राप्त इमेज वास्तविक समय में पृथ्वी पर भेजी जाएंगी और डिमोर्फोस (लक्ष्य क्षुद्रग्रह) के प्रभाव स्थल और सतह का अध्ययन करने में मदद करेंगी।
    • साथ ही यह मिशन ‘LICIACube’ (लाइट इटालियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग ऑफ एस्ट्रॉयड) नामक एक छोटा उपग्रह या क्यूबसैट भी ले जाएगा।
      • ‘LICIACube’ से टक्कर के परिणामस्वरूप उत्पन्न प्रभाव और इससे निर्मित क्रेटर की छवियों को कैप्चर करेगा।
  • ‘डिमोर्फोस’ के चयन का कारण:
    • डिडिमोस’ परीक्षण मिशन के लिये एक आदर्श निकाय है, क्योंकि यह एक ‘एक्लिप्सिंग बाइनरी’ है जिसका अर्थ है कि इसमें एक चंद्रमा है जो नियमित रूप से क्षुद्रग्रह की परिक्रमा करता है और जिसे मुख्य क्षुद्रग्रह के सामने से गुज़रने पर देखा जा सकता है।
    • पृथ्वी पर मौजूद दूरबीन यह समझने के लिये इसका अध्ययन कर सकते हैं कि डिमोर्फोस को डिडिमोस की परिक्रमा करने में कितना समय लगता है।

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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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