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शासन व्यवस्था

डिजिटल इंडिया भाषिनी

  • 26 May 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डिजिटल इंडिया भाषिनी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, MSME, ग्राम पंचायत, ऑप्टिकल फाइबर।

मेन्स के लिये:

भारत का डिजिटल इंडिया विज़न, प्रौद्योगिकी मिशन, सरकारी नीतियांँ और हस्तक्षेप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल सरकार।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया भाषिनी-भारत के लिये भाषा इंटरफेस (BHASHINI- BHASHa INterface for India) हेतु रणनीति को आकार देने के उद्देश्य से शोधकर्त्ताओं और स्टार्टअप के साथ एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया।

  • सरकार का उद्देश्य स्टार्टअप्स के नवाचार, विकास और प्रौद्योगिकी की खपत को एकीकृत करना है।

डिजिटल इंडिया भाषिनी

  • परिचय: 
    • डिजिटल इंडिया भाषिनी भारत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नेतृत्व वाला भाषा अनुवाद मंच है।
    • एक भाषिनी प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) संसाधनों को MSME (मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम), स्टार्टअप एवं व्यक्तिगत इनोवेटर्स को सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराएगा।
    • भाषिनी प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का हिस्सा है। 
      • इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जैसे-जैसे और अधिक भारतीय इंटरनेट से जुड़ें, वे अपनी भाषाओं में वैश्विक सामग्री का उपयोग करने में सक्षम हों।
  • महत्त्व:
    • डिजिटल समावेश:
      • यह भारतीय नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में देश की डिजिटल पहल से जोड़करशक्त करेगा जिससे डिजिटल समावेशन की ओर अग्रसर हो सकें।
      • यह स्टार्टअप्स की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा। 
    • डिजिटल सरकार:
      • मिशन केंद्र/राज्य सरकार की एजेंसियों और स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना व पोषण करेगा, साथ ही भारतीय भाषाओं में नवीन उत्पादों तथा सेवाओं को विकसित एवं स्थापित करने के लिये सहयोग करेगा।
        • डिजिटल सरकार के लक्ष्य को साकार करने के लिये यह एक बड़ा कदम है।
    • भारतीय भाषाओं में विषय-वस्तु का विस्तार:
      • इसका उद्देश्य जनहित, विशेष रूप से शासन और नीति, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्रों में इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं में विषय-वस्तु को पर्याप्त रूप से बढ़ाना है ताकि नागरिकों को अपनी भाषा में इंटरनेट का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।

डिजिटल इंडिया विज़न के लिये भारत की पहल:

  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम:
    • डिजिटल इंडिया का उद्देश्य विकास के नौ स्तंभों जैसे- ब्रॉडबैंड हाइवे, मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुँच, पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम, ई-गवर्नेंस: प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार, ई-क्रांति: सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी, सभी के लिये सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, नौकरियों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी, अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम पर बल देता है।
  • डिजिटल उद्यमिता:
    • पूरे भारत में 3.7 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSCs) की स्थापना ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल उद्यमिता को प्रोत्साहित किया है और आम आदमी के लिये डिजिटल सेवाओं तक बेहतर पहुँच बनाई है।
  • डिजिटल सेवाएँ :
    • ई-अस्पताल, भीम-UPI, ऑनलाइन छात्रवृत्ति, डिजिलॉकर, उमंग एप, ई-कोर्ट, टेली लॉ, ई-वे बिल आदि जैसी डिजिटल सेवाओं के परिणामस्वरूप नागरिकों के लिये जीवनयापन की सुगमता में सुधार हुआ है।
  • आधार (UID-Aadhaar):
    • भारत 129 करोड़ आधार धारकों के साथ दुनिया में एक अद्वितीय डिजिटल पहचान के मामले में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
  • इंडिया स्टैक:  
    • इंडिया स्टैक ‘प्लेटफॉर्म’ और ‘एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ (APIs) का एक समूह है, जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप तथा डेवलपर्स को एक अद्वितीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देता है ताकि भारतीय समस्याओं को भौतिक उपस्थिति रहित, कागज़ रहित और कैशलेस सेवा वितरण के माध्यम से हल किया जा सके।
  • राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला (NDEAR):  
    • सरकार ने डिजिटल प्राथमिकता के संदर्भ में एक राष्ट्रीय डिजिटल शैक्षिक वास्तुकला की स्थापना की घोषणा कर शिक्षा के लिये देश के डिजिटल बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर अधिक जोर दिया है, जहाँ डिजिटल वास्तुकला न केवल शिक्षण और सीखने की गतिविधियों का समर्थन करेगी बल्कि यह केंद्र एवं राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की शैक्षिक योजनाओं, प्रशासनिक गतिविधियों का समर्थन करेगी।
  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM):  
    • इसका उद्देश्य देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे का समर्थन करने के लिये आवश्यक आधारभूत ढाँचे का विकास करना है।
  • डिजिटल इंडिया भाषिनी: 
    • यह भारत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित भाषा अनुवाद मंच है। इसका उद्देश्य इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं में सामग्री को पर्याप्त रूप से बढ़ाना है।

यू.पी.एससी. सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं?  (2018)

  1. भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन, जैसा कि चीन ने किया।
  2. एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें।
  3. हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक केंद्रों में वाई-फाई की सुविधा प्रदान करना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) 

व्याख्या:

  • डिजिटल इंडिया को 7 अगस्त, 2014 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसे विभिन्न मंत्रालयों और सरकारों के सभी स्तरों पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MeitY) द्वारा किये जा रहे समग्र समन्वय के साथ लागू किया जाना है।
  • प्रत्येक नागरिक के लिये डिजिटल अवसंरचना एक मुख्य उपयोगिता के रूप में: नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति के लिये एक मुख्य उपयोगिता के रूप में उच्च गति युक्त इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करना इसका एक प्रमुख उद्देश्य है। अत: कथन 3 सही है।
  • इसमें विदेशी बहुराष्ट्रीय निगमों को प्रोत्साहित करने के लिये स्वयं की इंटरनेट कंपनियों और नीतिगत ढाँचे की स्थापना करने का कोई प्रावधान नहीं है जो हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के भीतर बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना कर वृहत् मात्रा में आँकड़े एकत्र कर सकें। अतः कथन 1 और 2 सही नहीं हैं।

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. आधार कार्ड का उपयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी होने के बाद आधार संख्या को जारीकर्त्ता प्राधिकारी द्वारा समाप्त या निष्क्रिय नहीं किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d)

  • भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) 12 जुलाई, 2016 को आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन करते हुए ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ के अधिकार क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
  • UIDAI को भारत के सभी निवासियों को एक 12-अंकीय विशिष्ट पहचान (UID) संख्या (आधार) प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है।
  • आधार प्लेटफॉर्म सेवा प्रदाताओं को निवासियों की पहचान को सुरक्षित और त्वरित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रमाणित करने में मदद करता है, जिससे सेवा वितरण अधिक लागत प्रभावी एवं कुशल हो जाता है। भारत सरकार और UIDAI के अनुसार आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • हालाँकि UIDAI ने आकस्मिकताओं का एक सेट भी प्रकाशित किया है जो उसके द्वारा जारी आधार अस्वीकृति के लिये उत्तरदायी है। मिश्रित या विषम बायोमेट्रिक जानकारी वाला आधार निष्क्रिय किया जा सकता है। आधार का लगातार तीन वर्षों तक उपयोग न करने पर भी उसे निष्क्रिय किया जा सकता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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