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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

दिल्ली का पहला स्मॉग टॉवर

  • 06 Jan 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

CPCB, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, स्मॉग टॉवर, Particulate Matters,

मेन्स के लिये:

वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दे, वायु प्रदूषण से निपटने के लिये उठाए जाने वाले कदम, नागरिकों को स्वच्छ वायु प्रदान करने से संबंधित सरकार की रणनीतियाँ

चर्चा में क्यों?

शुक्रवार 3 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय राजधानी के लाजपत नगर में एक प्रोटोटाइप एयर प्यूरीफायर का उद्घाटन किया गया।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली के लाजपत नगर में इस पहले स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया।
  • यह टॉवर लाजपत नगर के ट्रेडर्स एसोसिएशन एवं गौतम गंभीर फाउंडेशन ने मिलकर लगवाया है। इस स्मॉग टॉवर की ऊँचाई लगभग 20 फीट है तथा इस स्मॉग टॉवर की लागत लगभग 7 लाख रुपए है।
  • नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिये स्मॉग टॉवर लगाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।
  • दिल्ली सरकार भी कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक स्मॉग टॉवर लगाने की योजना बना रही है। यह परियोजना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology-IIT) बॉम्बे, IIT- दिल्ली और मिनेसोटा विश्वविद्यालय (यूएसए) के बीच सहयोग पर आधारित है। गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) भी इस परियोजना में शामिल है।टॉवर में स्थापित फिल्टर में एक प्रमुख घटक के रूप में कार्बन नैनोफाइबर का उपयोग किया जाएगा और उसे इसकी परिधि के साथ फिट किया जाएगा। 20 मीटर (65 फीट) ऊँचा टॉवर हवा में मौजूद सभी आकार के कणों को आकर्षित कर साफ़ करेगा।
  • ध्यातव्य है कि टॉवर के शीर्ष में लगे पंखों के माध्यम से अत्यधिक मात्रा में हवा को एयर फिल्टर की तरफ खींचा जाएगा और दूषित वायु को शुद्ध किया जाएगा।

स्मॉग टॉवर क्या है?

  • स्मॉग टावर एक बहुत बड़ा एयर प्यूरीफायर है। यह अपने आसपास से प्रदूषित हवा या उसके कणों को सोख लेता है और फिर वापस पर्यावरण में साफ हवा छोड़ता है।

यह कैसे काम करता है?

  • लाजपत नगर में स्थापित स्मॉग टॉवर प्रतिदिन 6,00,000 क्यूबिक मीटर वायु का उपचार करने में सक्षम है और 75 प्रतिशत से अधिक पार्टिकुलेट कणों (Particulate Matters- PM) जैसे- PM 2.5 और PM 10 को एकत्र कर सकता है।
  • यह प्रदूषण स्तर को कम करेगा और चार आउटलेट इकाइयों के माध्यम से ताज़ी हवा को बाहर निकालने में मदद करेगा।

विश्व में स्मॉग टॉवर के अन्य उदाहरण

  • वर्षों से वायु प्रदूषण से जूझ रहे चीन के पास अपनी राजधानी बीजिंग और उत्तरी शहर शीआन में दो स्मॉग टॉवर हैं।
  • शीआन का टॉवर दुनिया का सबसे बड़ा टॉवर है और कथित तौर पर इसने अपने आसपास के क्षेत्र में लगभग 6 वर्ग किमी के क्षेत्र में पीएम 2.5 को 19% तक कम किया है।
  • जब से यह टॉवर लॉन्च किया गया है तब से 100 मीटर (328 फीट) ऊँचे इस टॉवर ने प्रतिदिन 10 मिलियन क्यूबिक मीटर स्वच्छ हवा का उत्पादन किया है और गंभीर रूप से प्रदूषित दिनों में स्मॉग को मध्यम स्तर के करीब लाने में सक्षम है।
  • बीजिंग में लगाया गया टॉवर, डच कलाकार डैन रूजगार्डे द्वारा बनाया गया है, यह टॉवर शुद्धिकरण के दौरान उत्पन्न कार्बन कचरे को रत्नों में परिवर्तित करने में सक्षम है। 30 मिनट तक संपीडित होने पर स्मॉग कण डॉर्क रत्नों में बदल जाते हैं, जिनका उपयोग छल्ले और कफलिंक के लिये किया जाता है।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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