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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

उइगर मुसलमानों के लिये उद्घोषणा

  • 25 Oct 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, उइगर मुसलमानों के लिये उद्घोषणा

मेन्स के लिये:

चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति एवं इनकी सुरक्षा के लिये वैश्विक प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 43 देशों ने एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें चीन से शिनजियांग में उइगर मुस्लिम समुदाय के लिये विधि के शासन के माध्यम से पूर्ण सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है।

  • इससे पहले मार्च 2021 में तुर्की में कई सौ उइगर मुस्लिम महिलाओं ने चीन के साथ तुर्की के प्रत्यर्पण समझौते के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मार्च निकाला था।

Urumqi

प्रमुख बिंदु:

  • क्या है यह उद्घोषणा?
    • इस उद्घोषणा पर अमेरिका और अन्य देशों ने चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा उइगर मुसलमानों के खिलाफ नृजातीय संहार का आरोप लगाते हुए हस्ताक्षर किये थे।
      • वर्ष 2019 और 2020 में इसी तरह की घोषणाओं ने शिनजियांग में अपनी नीतियों के लिये चीन की निंदा की, जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीजिंग पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है।
    • इसने मानवाधिकारों की रक्षा के लिये शिनजियांग तक संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की पहुँच स्थापित करने का भी आह्वान किया।
    • इसने शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में 'राजनीति संबंधी शिक्षा' शिविरों के एक बड़े नेटवर्क के अस्तित्व का उल्लेख किया, जहाँ एक लाख से अधिक लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है।
  • चीन का पक्ष:
    • चीन लंबे समय से नृजातीय संहार के आरोपों से इनकार करता रहा है। इसने इस उद्घोषणा की भी निंदा की और इसे चीन की छवि को चोट पहुँचाने की साजिश करार दिया।
    • चीन अपने शिविरों के 'शैक्षिक केंद्र' होने का दावा करता है, जहाँ उइगरों को व्यावसायिक कौशल सिखाकर उनके चरमपंथी विचारों को परिवर्तित किया जा रहा है।
      • हालाँकि वास्तव में इन शिविरों में क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है।
  • भारत का पक्ष:
    • उइगर संकट पर भारत सरकार ने लगभग चुप्पी साध रखी है।

उइगर मुस्लिम

  • परिचय:
    • उइगर मुख्य रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
      • उइगर अपनी स्वयं की भाषा बोलते हैं, जो कि काफी हद तक तुर्की भाषा के समान है और उइगर स्वयं को सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब पाते हैं।
    • उइगर मुस्लिमों को चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 55 जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
      • हालाँकि चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और यह अस्वीकार करता है कि वे स्वदेशी समूह हैं।
    • वर्तमान में उइगर जातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।
      • उइगर मुस्लिमों की एक महत्त्वपूर्ण आबादी पड़ोसी मध्य एशियाई देशों जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी रहती है।
      • शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन के भीतर एक स्वायत्त क्षेत्र है और यह क्षेत्र खनिजों से समृद्ध है तथा भारत, पाकिस्तान, रूस एवं अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ सीमा साझा करता है।
  • उइगरों का उत्पीड़न:
    • पिछले कुछ दशकों में चीन के शिनजियांग प्रांत की आर्थिक समृद्धि में काफी बढ़ोतरी हुई है और इसी के साथ इस प्रांत में चीन के हान समुदाय के लोगों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। 
      • ये लोग इस क्षेत्र में बेहतर रोज़गार कर रहे हैं जिसके कारण उइगर मुस्लिमों के समक्ष आजीविका एवं अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है।
      • इसी वजह से वर्ष 2009 में दोनों समुदायों के बीच हिंसा भी हुई, जिसके कारण शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर चीन के हान समुदाय से संबंधित थे। 
    • उइगर मुस्लिम दशकों से उत्पीड़न, ज़बरन नज़रबंदी, गहन जाँच, निगरानी और यहाँ तक ​​कि गुलामी जैसे तमाम तरह के दुर्व्यवहारों का सामना कर रहे हैं।
    • चीन का दावा है कि उइगर समूह एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहते हैं और पड़ोसी क्षेत्रों के साथ उइगर समुदाय के सांस्कृतिक संबंधों के कारण चीन के प्रतिनिधियों को भय है कि कुछ बाहरी शक्तियाँ शिनजियांग प्रांत में अलगाववादी आंदोलन को जन्म दे सकती हैं।

आगे की राह

  • चीन को अपने "पेशेवर प्रशिक्षण केंद्रों" को बंद करना चाहिये और धार्मिक एवं राजनीतिक कैदियों को जेलों व शिविरों से रिहा करना चाहिये। 
  • चीन को सही मायने में बहुसंस्कृतिवाद की अवधारणा को अपनाना चाहिये और उइगरों तथा चीन के अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को चीन के सामान्य नागरिक की तरह स्वीकार करना चाहिये। 
  • सभी देशों को उइगर मुस्लिमों को लेकर अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिये और शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिये चीन से तत्काल आग्रह करना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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