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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-जापान के विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता

  • 08 Oct 2020
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वाड (Quad), मालाबार अभ्यास, भारत और जापान के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास

मेन्स के लिये

भारत-जापान संबंध, साइबर सुरक्षा और भारत, क्वाड की भूमिका 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत-जापान के विदेश मंत्रियों की 13वीं रणनीतिक वार्ता के दौरान दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग ज्ञापन (MoC) पर हस्ताक्षर करने हेतु सहमति व्यक्त की है, जो कि भारत और जापान के बीच 5जी तकनीक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा।

  • ध्यातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी भारत और जापान के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर इस सहयोग ज्ञापन (MoC) पर हस्ताक्षर को मंज़ूरी दे दी है।

वार्ता के प्रमुख बिंदु

  • साइबर सुरक्षा के लिये सहयोग ज्ञापन
    • यह सहयोग समझौता (MoC) दोनों देशों के पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा, जिसमें साइबरस्पेस क्षेत्र में क्षमता निर्माण, महत्त्वपूर्ण अवसंरचना की सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग, साइबर सुरक्षा खतरों/घटनाओं के बारे में जानकारी साझा करने तथा उनका मुकाबला करने के लिये आवश्यक उपाय, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) की अवसंरचना की सुरक्षा से संबंधित साइबर खतरों से निपटने के लिये एक संयुक्त तंत्र का विकास करना आदि शामिल है।
  • सहयोग ज्ञापन का महत्त्व
    • कोरोना वायरस महामारी ने विश्व भर की कंपनियों को डिजिटल प्रोद्योगिकी और तकनीक पर काफी अधिक निर्भर बना दिया है, जिससे साइबर हमलों का खतरा भी काफी बढ़ गया है।
    • ऐसे में यदि भारतीय कंपनियों पर योजनाबद्ध तरीके से साइबर हमले किये जाते हैं, तो यह न केवल उन कंपनियों के लिये नुकसानदायक होगा, बल्कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। अतः इस प्रकार के समझौते भारत की सुरक्षा और विकास की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं।
    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साइबर सुरक्षा को लेकर जापान के साथ समझौते को एक ऐसे समय में मंज़ूरी दी है, जब भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध चल रहा है और संभावित साइबर हमले को रोकने की दृष्टि से सरकार ने चीन के 100 से अधिक मोबाइल एप्लीकेशन्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।
    • यह समझौता भारत में 5-जी तकनीक की दृष्टि से भी काफी महत्त्वपूर्ण है, कई जानकार मान रहे हैं कि भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के कारण संभवतः चीन की कंपनियों को भारत के 5-जी क्षेत्र में शामिल होने से रोक दिया जाए और यदि ऐसा होता है तो जापान की कंपनियों के माध्यम से उस खाली स्थान को भरा जा सकता है।

साइबर सुरक्षा का अर्थ?

  • सरल शब्दों में साइबर सुरक्षा का अभिप्राय किसी कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, नेटवर्क, प्रोग्राम या किसी अन्य उपकरण को किसी संभावित साइबर अपराध या हमले से बचाने की प्रक्रिया से है।
  • साइबर अपराध के मामलों में अपराधी किसी कंप्यूटर या अन्य उपकरण का उपयोग, उपयोगकर्त्ता की व्यक्तिगत जानकारी, गोपनीय व्यावसायिक जानकारी, सरकारी जानकारी या किसी डिवाइस को अक्षम करने के लिये कर सकता है। 
    • उपरोक्त सूचनाओं को ऑनलाइन बेचना या खरीदना भी एक साइबर अपराध ही है।
  • इस प्रकार के हमलों को प्रायः अवैध रूप से किसी संवेदनशील डेटा तक पहुँचने, उसे नष्ट करने या उससे पैसे प्राप्त करने के लिये डिज़ाइन किया जाता है।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर चर्चा
    • भारत और जापान के विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के दौरान दोनों देशों के लिये इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के महत्त्व पर भी चर्चा की गई।
    • ध्यातव्य है कि भारत और जापान दोनों की इंडो-पैसिफिक नीति और विज़न में काफी समानताएँ हैं, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति दोनों देशों के दृष्टिकोण कानून के शासन और संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान पर आधारित हैं।
    • भारत और जापान दोनों ही देशों के लिये इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करना आवश्यक है।
    • भारत ने नवंबर 2019 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) का शुभारंभ किया था, अब जापान ने इस पहल में अग्रणी साझेदार बनने और संयुक्त रूप से इंडो-पैसिफिक के लिये दोनों देशों के दृष्टिकोणों को आगे ले जाने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।

भारत-जापान संबंध में हालिया घटनाक्रम

  • ध्यातव्य है कि बीते दिनों भारत और जापान ने एक रसद समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के मध्य सेवाओं और आपूर्ति में समन्वय स्थापित करना था।
  • भारत और जापान दोनों ही ‘क्वाड’ (Quad) पहल का हिस्सा हैं।
    • ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (Quadrilateral Security Dialogue) अर्थात् क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मच है। 
    • हाल ही में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक टोक्यो (जापान) में आयोजित की गई है।
  • अक्तूबर 2018 में भारत के प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान ‘भारत-जापान डिजिटल साझेदारी’ (India-Japan Digital Partnership) की शुरुआत की गई।
  • अगस्त 2011 में भारत-जापान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (India-Japan Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) को लागू किया गया जो वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क प्रक्रिया तथा व्यापार से संबंधित अन्य मुद्दों को कवर करता है।
  • भारत व जापान के बीच जिमैक्स (JIMEX), शिन्यु मैत्री (SHINYUU Maitri) तथा धर्म गार्जियन (Dharma Guardian) नामक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों का आयोजन किया जाता है।
  • दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मालाबार अभ्यास (Malabar Exercise) में भी भाग लेते हैं।

आगे की राह

  • बीते कुछ दशकों में जापान नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में आ गया है और यही कारण है कि यदि भारत को आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में विकास करना है तो उसे जापान के साथ यथासंभव सहयोग करना होगा। 
  • कई जानकर मेक इन इंडिया (Make in India) को लेकर भारत और जापान के संबंधों में संभावनाएँ तलाश रहे हैं। भारतीय कच्चे माल और श्रम के साथ जापानी डिजिटल तकनीक का विलय कर संयुक्त उद्यम लगाए जा सकते हैं।
  • एशिया एवं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता से निपटने के लिये भारत और जापान दोनों के लिये एक-दूसरे के साथ सहयोग करना आवश्यक है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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