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चमड़ा उतारने की रसायन-रहित विधि, कम होगा प्रदूषण

  • 21 Aug 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित एंजाइमों के प्रयोग से चेन्नई स्थित -केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (Central Leather Research Institute-CLRI) के वैज्ञानिकों को बकरी की त्वचा से उसके बाल निकालने में सफलता मिली है। उल्लेखनीय है कि चमड़ा उद्योग में पशुओं के चमड़े से बाल निकालने के लिये अब तक रासायनिक विधि का प्रयोग किया जाता रहा है, जो कि चमड़ा उद्योग से होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं का एक प्रमुख कारण है।

अनुसंधान से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस अनुसंधान में एक बैक्टेरिया (बैसिलस क्रॉल्ब एमटीसीसी 5468) को  पृथक किया गया और फिर अध्ययन के लिये उसका इस्तेमाल किया गया। यह बैक्टेरिया एक ऐसा एंजाइम छोड़ता है जो कि जानवरों की त्वचा के एक विशेष प्रोटीन को निष्क्रिय कर देता है, जिससे उनके चमड़े से आसानी से बालों को अलग किया जा सके।

  • गौरतलब है कि इस बैक्टीरिया को चेन्नई के अदार क्षेत्र में स्थित बकिंघम नहर के आसपास की मिट्टी से प्राप्त किया गया है। इस बैक्टेरिया द्वारा छोड़े गए एंजाइम को पानी में मिलाकर जानवरों के चमड़ियों पर लगाया जाता है और जब कार्य समाप्त हो जाने के बाद इस जल का निस्तारण किया जाता है तो इसमें प्रदूषकों की मात्र काफी कम हो जाती है।

  • इस एंजाइम को विलेय सार पद्धति से तैयार किया जाता है। यह एंजाइम पानी में घुलनशील है। अतः इसका शुद्धिकरण भी आसानी से किया जा सकता है।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह शोध ?

  • चमड़ा उद्योग से निस्तारित प्रदूषित जल में क्रोमियम तथा पेंटा क्लोरोफिनॉल की मात्रा घातक स्तर तक होती है। यह प्रदूषित जल धीरे-धीरे भूगर्भ जलीय स्रोत के संपर्क में आकर उसे भी प्रदूषित कर देता है और इसका उपयोग करने वाले मानव, पशु, पक्षी तथा पेड़-पौधों में गंभीर रोग जैसे चर्मरोग, कैंसर, अल्सर की संभावना प्रबल कर देता है। इस विधि के प्रयोग से चमड़ा उद्योग से निस्तारित विषाक्त जल का अविषाक्तीकरण किया जा सकता है।

केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान क्या है?

  • केन्‍द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्‍थान की स्‍थापना 24 अप्रैल, 1948 को की गई। यह चमड़ा उद्योग में अनुसंधान, विकास,  शिक्षा और प्रशिक्षण के लिये एक समर्पित सरकारी संस्थान है। यहाँ चमड़ा प्रसंस्करण,  जूता डिज़ाइन, चमड़ा परिधान, सहायक उपकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बारे में सूचना प्रदान की जाती है। साथ ही यहाँ पर्यावरण प्रौद्योगिकी पर सूचना, केमिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग सेवाओं आदि की जानकारी भी प्रदान की जाती है।

केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्‍थान के उद्देश्य

  • चर्म अनुसंधान के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍टता प्राप्‍त करना।

  • चर्म क्षेत्र में एक राष्‍ट्रीय केंद्र निकाय के रूप में सेवा प्रदान करना।

  • चर्म संबंधित क्षेत्रों में शिक्षण एवं प्रशिक्षण में सीधी भूमिका निभाते हुए मानव संसाधन के विकास में योगदान देना।

  • प्रौद्योगिकी आवश्‍यकताओं का पूर्वानुमान प्रदान करना तथा उन्‍हें निर्धारित करना।

  • प्रौद्योगिकियों का विकास करना तथा प्रभावशाली विस्‍तार नेटवर्क के माध्‍यम से उद्योगों को प्रदान करना।

  • प्रौद्योगिकियों के लिये एक विश्‍वसनीय स्रोत का काम करना।

  • चर्म वस्‍तुओं का उपयोग करने वालों के लिये एक प्रौद्योगिकी सुपरमार्केट का काम करना।

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