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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा शिक्षा हेतु मानव संसाधनों को सुदृढ़ बनाने की योजना

  • 08 Feb 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?
स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा शिक्षा को प्रोत्‍साहन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने चालू योजना को जारी रखने तथा स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा योजनाओं के लिये 2019-20 तक 14,930.92 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से मानव संसाधन के अतिरिक्‍त चरण प्रारंभ करने की स्‍वीकृति दी है।

प्रमुख विशेषताएँ
1. नए मेडिकल कॉलेज

  • वर्ष 2019-20 तक चरण-। के अंतर्गत पहले से स्‍वीकृत वर्तमान ज़िला/रेफरल अस्‍पतालों को जोड़कर 58 नए मेडिकल कॉलेजों की स्‍थापना से संबंधित चालू योजना को जारी रखना।
  • वर्ष 2021-22 तक चरण-।। के अंतर्गत वर्तमान ज़िला/रेफरल अस्‍पतालों को जोड़कर 24 नए मेडिकल कॉलेजों का चयन और स्‍थापना।
  • चरण-।। में प्रस्‍तावित 24 नए मेडिकल कॉलेजों के स्‍थानों का चयन चुनौती मोड में चिन्ह्ति कम सेवा वाले क्षेत्रों के अंदर किया जाएगा।
  • चरण-। के दौरान केंद्रीय हिस्‍से के अंतर्गत जारी योजना के लिये 5,587.68 करोड़ रुपए की राशि प्रस्‍तावित है।
  • चरण-।। में केंद्रीय हिस्‍से के रूप में 2021-22 तक 3,675 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इसमें से 2,600 करोड़ रुपए 2019-2020 तक खर्च किये जाएंगे।

2. मेडिकल सीटों में बढोतरी : वर्तमान राज्‍य सरकार/ केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों को उन्‍नत बनाने की केंद्र प्रायोजित जारी योजना के परिणामस्‍वरूप–

  • 2020-21 तक स्‍नातक (यूजी) की 10 हज़ार सीटों में वृद्धि।
  • 8,058 स्‍नातकोत्‍तर (पीजी) सीटें (2018-19 तक चरण-। में 4,058 तथा 2020-21 तक चरण-।। में 4,000)
  • यूजी सीटें बढ़ाने में केंद्रीय हिस्‍से की राशि 7,795 करोड़ रुपए है और यह राशि 2021-22 तक खर्च की जा सकेगी। इसमें से 4,536 करोड़ रुपए की राशि 2019-20 तक खर्च की जाएगी।
  • चरण-।। के अंतर्गत पीजी सीटों की वृद्धि पर केंद्रीय हिस्‍से के रूप में 3,024 करोड़ रुपए की राशि 2021-22 तक खर्च की जाएगी।
  • इसमें से 1,700 करोड़ रुपए 2019-20 तक खर्च किये जाएंगे। 317.24 करोड़ रुपए की शेष केंद्रीय हिस्‍से की राशि पीजी सीटों के पहले चरण के लिये खर्च की जाएगी।

3. नर्सिंग योजना : निम्‍नलिखित की स्‍थापना के लिये योजना जारी रखना और पूरी करना-

  • 112 ऑक्सिलियरी नर्सिंग तथा मिडवाईफरी (एएनएम) स्‍कूल।
  • वर्ष 2019-20 तक देश के कम सेवा वाले ज़िलों में 136 जनरल नर्सिंग मिडवाईफरी (जीएनएम) स्‍कूल।
  • नर्सिंग योजना 2019-20 तक 190 करोड़ रुपए से उन स्‍कूलों के लिये लागू और पूरी की जाएगी जहाँ कार्य प्रारंभ हो गए हैं।

प्रभाव
नए मेडिकल कॉलेजों की स्‍थापना तथा एमबीबीएस तथा पीजी सीटों की बढ़ोतरी से-

  • स्‍वास्‍थ्‍य पेशेवरों की उपलब्‍धता बढ़ेगी।
  • देश में मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान भौगोलिक वितरण नियंत्रित होगा।
  • देश में किफायती चिकित्‍सा शिक्षा को प्रोत्‍साहन मिलेगा।
  • ज़िला अस्‍पतालों की वर्तमान आधारभूत संरचना का उपयोग होगा। 
  • सरकारी क्षेत्र में तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा में सुधार होगा।
  • प्रत्‍येक 3-5 संसदीय क्षेत्रों में कम-से-कम एक मेडिकल कॉलेज और राज्‍य में कम-से-कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है।
  • यह पाया गया कि योजना के चरण-।। में 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्‍वीकृति की आवश्‍यकता होगी ताकि तीन संसदीय क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज हो जो कम सेवा वाले क्षेत्रों को कवर करे।
  • योजना के चरण-।। में नए मेडिकल कॉलेजों के लिये स्‍थानों का चयन चुनौती मोड में चिन्ह्ति ब्‍लॉकों के अंदर राज्‍य सरकारों द्वारा किया जाएगा।

लाभ
योजना के निम्‍नलिखित लाभ होंगे-

  • देश में एमबीबीएस की 10,000 तथा पीजी की 8,000 अतिरिक्‍त सीटें सृजित होंगी।
  • सरकारी और निजी क्षेत्र में सीट उपलब्‍धता संख्‍या में अंतर कम होगा।
  • सीटों की संख्‍या बढ़ने से डॉक्‍टरों/विशेषज्ञों/मेडिकल फैक्लटी की कमी दूर होगी और वांछित डॉक्‍टर आबादी अनुपात हासिल होगा।
  • सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी शिक्षण सुविधा उन्‍नत होगी।
  • अध्‍ययन के नए और ऊँचे पाठ्यक्रम शुरू होंगे।
  • चिकित्‍सा शिक्षा, चिकित्‍सा अनुसंधान तथा क्‍लिनिकल इलाज की गुणवत्‍ता में सुधार होगा।

पृष्‍ठभूमि
सतत् विकास लक्ष्‍य (Sustainable Development Goals -SDGs) 3 के अनुसार, सभी आयु के लोगों के स्‍वस्‍थ्‍य जीवन और चिकित्‍सा देखभाल को प्रोत्‍साहित करने के लिये सतत् विकास आवश्‍यक है और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organization) की सिफारिशों के अनुसार, 1000 की आबादी  पर एक डॉक्‍टर  होना चाहिये। स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में मानव संसाधनों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता तथा स्‍वास्‍थ्‍य में मानव संसाधन (Human Resources for Health - HRH) के लिये डब्‍ल्‍यूएचओ के मानकों को पूरा करने के लिये योजनाओं का प्रस्‍ताव किया गया है ताकि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में अधिक मानव संसाधन हो यानी देश में अधिक डॉक्‍टर और नर्स उपलब्‍ध हों।

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