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शासन व्यवस्था

गेहूँ निर्यात प्रतिबंध

  • 09 Jan 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY)

मेन्स के लिये:

गेहूँ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कारण, पूरे भारत में गेहूँ वितरण का वर्तमान परिदृश्य।

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत वितरण की आवश्यकताओं और गेहूँ के केंद्रीय स्रोत के आधार पर वर्तमान आपूर्ति को देखते हुए भारत सरकार गेहूँ के निर्यात पर प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है।

भारत में गेहूँ वितरण का वर्तमान परिदृश्य: 

  • चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक देश है लेकिन यह वैश्विक गेहूँ व्यापार का 1% से भी कम है। यह कमी गरीबों को सब्सिडी युक्त भोजन उपलब्ध कराने के कारण है।
  • इसके शीर्ष निर्यातक बाज़ार बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात (UAE) हैं।
  • भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अनुसार, गेहूँ का भंडार पिछले छह महीनों में 2 मिलियन टन प्रति माह की दर से घट रहा है और वर्तमान में छह वर्षों में सबसे कम है।  
    • सरकार गेहूँ का पर्याप्त भंडार होने के बाद ही इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • सरकार ने गेहूँ की कम खरीद तथा बढ़ती कीमतों के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिये कई उपाय किये हैं। इन उपायों में शामिल हैं:
  • वर्ष 2023 में गेहूँ का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है, जिससे बाज़ार में गेहूँ की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

गेहूँ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कारण:

  • वैश्विक स्तर पर गेहूँ की कीमत: भारत ने मई 2022 में गेहूँ के निर्यात को निलंबित कर दिया। सरकारी राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर गेहूँ की बढ़ती कीमतों ने न केवल भारत में बल्कि पड़ोसी और कमज़ोर देशों में भी खाद्य सुरक्षा पर दबाव डाला है।
    • हालाँकि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा ज़रूरतों को पूरा करने के लिये भारत सरकार द्वारा दिये गए आदेशों और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी
  • गेहूँ के उत्पादन पर प्रभाव: मार्च-अप्रैल 2022 में पूरे देश में हीट वेव और FCI द्वारा पर्याप्त बफर स्टॉक बनाने में असमर्थता तथा प्रतिबंध के कारण भी गेहूँ के उत्पादन में गिरावट आई।
  • मुद्रास्फीति में वृद्धि: भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) वर्ष 2022 की शुरुआत में 2.26% से बढ़कर मई 2022 में 14.55% हो गया। खुदरा मुद्रास्फीति भी अप्रैल, 2022 में खाद्य और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण आठ वर्षों में 7.79% पर पहुँच गई। 

  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत किये गए प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. केवल 'गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की श्रेणी में आने वाले परिवार ही सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र हैं।
  2. परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की सबसे अधिक उम्र वाली महिला ही राशन कार्ड निर्गत किये जाने के प्रयोजन से परिवार की मुखिया होगी। 
  3. गर्भवती महिलाएँ एवं दुग्ध पिलाने वाली माताएँ गर्भावस्था के दौरान और उसके छह महीने बाद तक प्रतिदिन 1600 कैलोरी वाला राशन घर ले जाने की हकदार हैं।

उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. आज भी भारत में सुशासन के लिये भूख और गरीबी सबसे बड़ी चुनौती है। मूल्यांकन कीजिये कि इन विशाल समस्याओं से निपटने में सरकारों ने कितनी प्रगति की है। सुधार के उपाय सुझाइये। (मुख्य परीक्षा, 2017)

प्रश्न. खाद्यान्न वितरण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये सरकार द्वारा कौन से सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं? (मुख्य परीक्षा, 2019)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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