इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


सामाजिक न्याय

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना

  • 22 Aug 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना

मेन्स के लिये:

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम' (Employees' State Insurance Corporation- ESIC) की 182वीं बैठक के दौरान ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ (Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojana- ABVKY) के पात्रता मानदंडों में महत्त्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • ESIC, द्वारा किये गए ये बदलाव COVID-19 महामारी द्वारा प्रभावित श्रमिकों को राहत प्रदान करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।
  • कर्मचारी राज्य बीमा निगम, एक बहुआयामी सामाजिक प्रणाली है जो श्रमिक आबादी को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य करती है।

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना:

  • अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना का प्रारंभ 1 जुलाई, 2018 को किया गया था।
  • योजना के तहत बीमित व्यक्तियों को बेरोज़गारी की दशा में नकद मुआवजा प्रदान किया जाता है।
  • योजना का कार्यान्वयन ‘कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम' द्वारा किया जा रहा है।
  • योजना को प्रारंभ में दो वर्ष के लिये पायलट आधार पर शुरू किया गया था।

ESIC बैठक में लिये प्रमुख निर्णय:

  • ABVKY, योजना को एक वर्ष की अवधि अर्थात 30 जून 2021 तक के लिये विस्तारित करने का निर्णय लिया है।
  • जिन श्रमिकों ने COVID-19 महामारी के दौरान अपना रोज़गार खो दिया है, उन्हें योजना के तहत विद्यमान शर्तों एवं राहत की राशि में छूट देने का निर्णय लिया गया है।
  • योजना के तहत दी जाने वाली छूट की शर्तें 24 मार्च, 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि के लिये उपलब्ध रहेगी।
  • 1 जनवरी, 2021 से 30 जून, 2021 की अवधि के दौरान योजना मूल पात्रता शर्तों के साथ उपलब्ध होगी।

पात्रता मानदंडों में बदलाव:

मूल योजना के तहत मानदंड संशोधित मानदंड
  • योजना के तहत प्रतिदिन की औसत कमाई के 25% (पिछली चार योगदान अवधि के लिये) तक राहत प्रदान की जाती है।
  • बीमित व्यक्ति के जीवनकाल में एक बार में अधिकतम 90 दिनों की बेरोज़गारी के लिये भुगतान किया जाता है।
  • बेरोज़गारी के 90 दिनों के बाद राहत भुगतान किया जाएगा।
  • कर्मचारी के संबंध में योगदान, नियोक्ता द्वारा भुगतान या देय होना चाहिये।
  • बीमित व्यक्ति को दो वर्ष की न्यूनतम अवधि के लिये बीमा योग्य रोज़गार में होना चाहिये। बीमित व्यक्ति को पूर्ववर्ती चार योगदान अवधि के दौरान कम-से-कम 78 दिनों का योगदान होना चाहिये।
  • अधिकतम 90 दिनों की बेरोज़गारी के लिये, योजना के तहत भुगतान राशि को औसत मज़दूरी के 25% से बढ़ाकर 50% तक बढ़ा दिया गया है।
  • पहले बेरोज़गारी के 90 दिनों के बाद राहत भुगतान किये जाने के बजाय अब 30 दिनों के बाद भुगतान किया जाएगा।
  • बीमित व्यक्ति अंतिम नियोक्ता द्वारा अग्रेषित किये जा रहे दावे के बजाय सीधे ESIC शाखा कार्यालय में दावा प्रस्तुत कर सकता है और भुगतान सीधे बीमित व्यक्ति के बैंक खाते में किया जाएगा।
  • बीमित व्यक्ति को उसकी बेरोज़गारी से पूर्व कम-से-कम दो वर्ष की अवधि के लिये बीमा योग्य रोज़गार में होना चाहिये तथा उसका बेरोज़गारी से ठीक पहले की योगदान अवधि में 78 दिनों से कम का योगदान नहीं होना चाहिये। बेरोज़गारी से 2 वर्ष पहले की शेष तीन योगदान अवधियों में से एक में न्यूनतम 78 दिनों का योगदान होना चाहिये।

योजना के तहत अन्य शर्तें:

  • ऐसे कर्मचारी जो कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम- 1948 की धारा 2 (9) के तहत कवर हैं।
  • बीमित व्यक्ति (Insured Person- IP) को राहत का दावा करने की अवधि के दौरान बेरोज़गार होना चाहिये।
  • बेरोज़गारी का कारण दुराचार, सेवानिवृत्ति या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नहीं होना चाहिये।
  • बीमित व्यक्ति के आधार कार्ड और बैंक खाते को उसके डेटाबेस से जोड़ा जाना चाहिये।
  • यदि बीमित व्यक्ति एक से अधिक नियोक्ता के लिये कार्य कर रहा है और उस कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत कवर किया गया है, तो उसे केवल तभी बेरोज़गार माना जाएगा, जब वह सभी नियोक्ताओं के यहाँ बेरोज़गार है।
  • बीमित व्यक्ति एक ही अवधि के लिये किसी भी अन्य नकद मुआवज़े और ABVKY के तहत राहत का एक साथ लाभ नहीं ले सकेगा।

स्रोत: पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow