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भारतीय अर्थव्यवस्था

घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण

  • 23 Nov 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण

मेन्स के लिये:

घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण की आवश्यकता एवं उद्देश्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्री ने घरेलू कामगारों पर पहले अखिल भारतीय सर्वेक्षण की शुरुआत की।

  • स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसा राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया जा रहा है और इसे लगभग एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • सर्वेक्षण के मुख्य उद्देश्य हैं:
      • राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर घरेलू कामगारों की संख्या/अनुपात का अनुमान लगाना।
      • लिव-इन/लाइव-आउट घरेलू कामगारों का अनुमान।
      • परिवारों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यों में नियोजित घरेलू कामगारों की औसत संख्या।
    • इस सर्वेक्षण के मापन (Parameters) का उद्देश्य प्रमुख राज्यों में अलग-अलग ग्रामीण और शहरी प्रवासन, उनके प्रतिशत वितरण, उन्हें नियोजित करने वाले परिवारों तथा सामाजिक-जनसांख्यिकीय विशेषताओं के साथ घरेलू कामगारों की संख्या एवं अनुपात का अनुमान लगाना है।
    • इसमें भारत के 37 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 742 ज़िलों के 1.5 लाख घरों को शामिल किया जाएगा। 
    • घरेलू कामगारों के लिये सर्वेक्षण पाँच राष्ट्रीय नौकरियों के सर्वेक्षणों में से एक है जिसे  समय-समय पर आयोजित किया जाएगा और यह आगामी राष्ट्रीय रोज़गार नीति के लिये महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा।
      • अन्य चार सर्वेक्षण- ‘प्रवासी श्रमिकों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण’, ‘पेशेवरों द्वारा उत्पन्न रोज़गार का अखिल भारतीय सर्वेक्षण’ और ‘परिवहन क्षेत्र में उत्पन्न रोज़गार का अखिल भारतीय सर्वेक्षण’, ‘अखिल भारतीय त्रैमासिक रोज़गार सर्वेक्षण’ (AQEES) हैं।
  • सर्वेक्षण की आवश्यकता:
    • घरेलू कामगार (DWs) अनौपचारिक क्षेत्र में कुल रोज़गार के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से के रूप में हैं। हालाँकि DWs के परिमाण और मौजूदा रोज़गार स्थितियों पर आँकड़ों की कमी है।
    • सर्वेक्षण का उद्देश्य घरेलू कामगारों से संबंधित अद्यतित डेटा रखना है।
    • सर्वेक्षण से सरकार को श्रम के कुछ विशेष और कमज़ोर वर्गों पर महत्त्वपूर्ण मुद्दों को समझने में मदद मिलेगी तथा प्रभावी नीति निर्माण के लिये मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
  • घरेलू कामगार:
    • परिचय:
      • एक परिवार से संबंधित किसी भी व्यक्ति को घरेलू कामगार के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा यदि पिछले 30 दिनों के दौरान कामगार द्वारा घर आने की आवृत्ति कम-से-कम चार दिन है और कामगार द्वारा उत्पादित वस्तुओं और/या सेवाओं का नकद या वस्तु के माध्यम से परिवार के सदस्यों द्वारा उपभोग किया जाता है।
    • घरेलू कामगारों की स्थिति:
      • ‘ई-श्रम पोर्टल’ के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, पंजीकृत 8.56 करोड़ अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों में से लगभग 8.8% घरेलू कामगारों की श्रेणी में आते हैं।
        • भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में लगभग 38 करोड़ कर्मचारी हैं।
      • ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण की मौजूदा दर से देश में 3-3.5 करोड़ घरेलू कामगार होंगे।
      • घरेलू कामगार, कृषि और निर्माण के बाद श्रमिकों की तीसरी सबसे बड़ी श्रेणी है।
      • भारत ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन कन्वेंशन’ C-189 (घरेलू कामगार कन्वेंशन, 2011) का एक हस्ताक्षरकर्त्ता है।
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