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धरती के आकार के सात नए ग्रहों की खोज

  • 23 Feb 2017
  • 5 min read

अमेरिकी स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी के आकार एवं अन्य दूसरी विशेषताओं के आधार पर सात नए ग्रहों की खोज की गई हैं| इन ग्रहों पर पानी मिलने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है| इनमें से तीन ग्रहों पर न केवल जीवन के होने के साक्ष्य मिलने की सम्भावना है बल्कि ये बसने लायक भी हैं| 

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि इनकी स्थिति बृहस्पति (Jupiter) के आसपास मौजूद चंद्रमाओं से काफी मिलती हैं| 
  • ये सातों ग्रह एक दूसरे के काफी नज़दीक होने के साथ-साथ अपने तारे ट्रैप्पिस्ट-1 (TRAPPIST-1) के भी काफी नज़दीक स्थित हैं| यह तारा धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर है| यह आकार में एक छोटा और ठंडा तारा है|
  • गौरतलब है कि नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह बताया गया है कि नासा के स्पलिट्ज़र स्पेस दूरबीन और सतह से जुड़ी कुछ वेधशालाओं की सहायता से इन ग्रहों की खोज की गई है|
  • वस्तुतः तारा आकार में इतना छोटा और ठंडा है कि इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सातों ग्रहों का तापमान समशीतोष्ण होगा| अर्थात यहाँ तरल जल (Liquid Water) की उपस्थिति की भी संभावना व्यक्त की जा रही है जिसके कारण यहाँ जीवन की सम्भावना को भी बल मिलता है| 
  • संभवतः इन ग्रहों की सतह पर पर्याप्त वायुमंडलीय दबाव के कारण पानी मौजूद हो सकता है|

तारे का पारंपरिक आवासीय क्षेत्र

  • उल्लेखनीय है कि ट्रैप्पिस्ट-1 के तीन ग्रहों की अवस्थिति पारंपरिक आवासीय क्षेत्र (Habitable zone) में पाई गई हैं| ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी तारे के पारंपरिक आवासीय क्षेत्र में इतने अधिक ग्रहों को खोजा गया है|
  • ध्यातव्य है कि इस नई खोज के विषय में वैज्ञानिक केवल इसलिये उत्साहित नहीं हैं कि ये ग्रह धरती के आकार के हैं बल्कि उनकी प्रसन्नता का कारण यह है कि ट्रैप्पिस्ट-1 एक बेहद छोटा और धुंधला तारा है|
  • ऐसे में दूरबीन की सहायता से इसका अध्ययन करने में वैज्ञानिकों को उतनी परेशानी नहीं हुई जितनी उन्हें इससे अधिक चमकीले तारों का अध्ययन करते समय होती है|
  • उल्लेखनीय है कि इस शोध का अगला चरण भी आरंभ हो चुका है| इस अगले चरण में में वैज्ञानिकों द्वारा ऑक्सीजन और मिथेन जैसी महत्त्वपूर्ण गैसों की खोज की जा रही हैं| यदि यह खोज सफल हो जाती है तो इससे ग्रहों की सतह पर हो रही हलचल तथा बदलाव के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त हो सकती हैं|
  • इसके अतिरिक्त इससे इन ग्रहों के तापमान तथा इनकी रासायनिक संरचना के विषय में जानकारी प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है|

गृहों की कक्षीय अवधि 

  • गौरतलब है कि इन सात में से चार ग्रहों की कक्षीय अवधि क्रमशः 4.04 दिनों, 6.06 दिनों, 8.1 दिनों तथा 12.3 दिनों की हैं| इसके अतिरिक्त तीन ग्रहों में से दो ग्रहों की कक्षीय अवधि क्रमशः 1.51 दिनों तथा 2.42 दिनों की हैं|
  • इन सातों ग्रहों में से पाँच ग्रह पृथ्वी के आकार के हैं जबकि शेष दो ग्रहों का आकार पृथ्वी से थोड़ा छोटा तथा मंगल से थोड़ा बड़ा है| 
  • यदि बड़े पैमाने पर बात की जाए तो उक्त सात में से छह आंतरिक ग्रह न केवल  चट्टानी संरचना (Rocky Composition) के हैं बल्कि इनका घनत्व भी कम (Low density) है जो कि एक अस्थिर समृद्ध संरचना (Volatile rich composition) को दर्शाता है| यही कारण है कि यह कहना अभी मुश्किल होगा कि यह अस्थिर समृद्ध संरचना बर्फ की एक कठोर परत है अथवा वातावरण|
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