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जैव विविधता और पर्यावरण

रसायन और स्थिरता पर दूसरा बर्लिन फोरम

  • 12 Sep 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

रसायन और धारणीयता पर दूसरा बर्लिन फोरम, SAICM, UNEP, स्टॉकहोम कन्वेंशन, सीसा विषाक्तता, फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, सतत् विकास लक्ष्य

मेन्स के लिये:

SAICM बियॉन्ड 2020, रसायन तथा अपशिष्ट के सुदृढ़ प्रबंधन की आवश्यकता

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने रसायन और धारणीयता पर दूसरे बर्लिन फोरम- प्रदूषण मुक्त पृथ्वी की दिशा में हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लाभ के अंतर्गत बुलाए गए 'मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर उच्चस्तरीय संवाद' में भाग लिया।

  • शिखर सम्मेलन का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण राजनीतिक दिशा प्रदान करते हुए रासायनिक और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्त्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में साझा वैश्विक समझ को बढ़ावा देना है।

रसायन तथा धारणीयता पर दूसरा बर्लिन फोरम:

  • रसायन तथा धारणीयता पर दूसरा बर्लिन फोरम एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य रसायनों तथा अपशिष्ट के ठोस प्रबंधन के संबंध में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और प्राथमिकताओं पर राजनीतिक मार्गदर्शन एवं गति प्रदान करना है।
    • इसका आयोजन पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण (BMU) के लिये जर्मन संघीय मंत्रालय द्वारा किया गया था।
    • इसका उद्देश्य रसायन प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICCM5) की आगामी 5वीं बैठक के दौरान 'SAICM बियॉन्ड 2020' के लिये समर्थन जुटाना और उच्च स्तर की महत्त्वाकांक्षा सुनिश्चित करना भी है।
    •  रसायन और धारणीयता पर पहला बर्लिन फोरम ने रसायनों और अपशिष्ट पर विज्ञान-नीति इंटरफेस (SPI) की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

SAICM बियॉन्ड 2020:

  • अंतर्राष्ट्रीय रसायन प्रबंधन के लिये सामरिक दृष्टिकोण (SAICM), वर्ष 2006 में अपनाया गया, यह पूरे विश्व में रासायनिक सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक नीतिगत ढाँचा है।
    • इसका प्रारंभिक उद्देश्य "उनके पूरे जीवन चक्र में रसायनों का सुदृढ़ प्रबंधन करना था ताकि वर्ष 2020 तक रसायनों का उत्पादन और उपयोग ऐसे तरीकों से किया जाए जो पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर कम प्रतिकूल प्रभावों डालें।
    • SAICM का दायरा लगभग असीमित है, इसमें ज़हरीले रसायन और खतरनाक औद्योगिक गतिविधियाँ दोनों शामिल हैं। हालाँकि SAICM देशों पर कोई बाध्यकारी दायित्व नहीं थोपता है।
  • चूँकि SAICM का जनादेश वर्ष 2020 में समाप्त हो गया और स्थायी रसायन प्रबंधन का लक्ष्य हासिल नहीं हो सका, इसलिये पार्टियाँ एक अनुवर्ती प्रक्रिया- SAICM बियॉन्ड 2020 विकसित करने पर सहमत हुईं, जिसे वर्ष 2020 में ICCM 5 में अपनाया जाना था।
    • चूँकि कोविड-19 महामारी के कारण व्यक्तिगत बैठकें निलंबित कर दी गई हैं, जर्मनी सरकार की अध्यक्षता में UNEP द्वारा आयोजित ICCM5 का 5वाँ सत्र 25 से 29 सितंबर, 2023 तक विश्व सम्मेलन केंद्र बॉन (WCCB),जर्मनी में होगा। 

रसायन और अपशिष्ट के सुदृढ़ प्रबंधन का महत्त्व: 

  • परिचय: 
    • रसायन अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे- कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य और उपभोक्ता वस्तुओं के लिये आवश्यक हैं। हालाँकि अगर ठीक से प्रबंधन न किया जाए तो ये मानव स्वास्थ्य तथा  पर्यावरण के लिये जोखिम भी उत्पन्न करते हैं।
    • WHO की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि चयनित रसायनों के संपर्क के कारण वर्ष 2019 में 2 मिलियन लोगों की जान जा चुकी है और 53 मिलियन विकलांगता-समायोजित जीवन-वर्ष खो गए।
      • वर्ष 2019 में रासायनिक जोखिम के कारण होने वाली लगभग आधी मौतें सीसे के संपर्क में आने और उसके परिणामस्वरूप हृदय संबंधी बीमारियों के कारण हुईं।
  • रसायन और अपशिष्ट का सुदृढ़ प्रबंधन निम्नलिखित के लिये महत्त्वपूर्ण है:
    • मानव स्वास्थ्य सुरक्षा: उचित प्रबंधन खतरनाक रसायनों के जोखिम को कम करने में मदद करता है, जिससे तीव्र और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
      • यह हानिकारक रसायनों के साथ हवा, पानी और मिट्टी जैसे प्रदूषण को रोकता है जो अंतर्ग्रहण, साँस लेने या त्वचा के संपर्क के माध्यम से मानव स्वास्थ्य को हानि पहुँचा सकते हैं।
    • पर्यावरण संरक्षण: ग्रीनहाउस गैसों जैसे कुछ अपशिष्ट उत्पादों का उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन में योगदान कर सकती है, जिससे पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिये उचित अपशिष्ट प्रबंधन आवश्यक हो जाता है।
    • संसाधन दक्षता: उचित अपशिष्ट प्रबंधन मूल्यवान सामग्रियों की पुनर्प्राप्ति और पुनर्चक्रण, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं संसाधन निष्कर्षण की आवश्यकता को कम करने की अनुमति देता है।
      • कच्चे संसाधनों से नई सामग्री के उत्पादन की तुलना में पुनर्चक्रण और उचित अपशिष्ट निपटान से ऊर्जा की बचत हो सकती है।
    • आर्थिक लाभ: अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग उद्योग रोज़गार उत्पन्न करते हैं तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
      • उचित रासायनिक प्रबंधन खतरनाक पदार्थों के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज की लागत को भी कम कर देता है।
    • वैश्विक सहयोग: रसायन और अपशिष्ट सीमाएँ पार कर सकते हैं, जिससे वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है।
      • उदाहरण के लिये हाल ही में फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से निकलने वाले अपशिष्ट जल (ट्रिटियम के अंश के साथ) ने विश्व में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
      •   वैश्विक स्तर पर रसायनों और अपशिष्ट के प्रबंधन के लिये साझा ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देने हेतु सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है।
    • दीर्घकालिक स्थिरता: ज़िम्मेदार प्रबंधन, प्रदूषण को कम करके और पारिस्थितिक तंत्र पर रसायनों और अपशिष्ट के प्रभाव को कम कर भविष्य की पीढ़ियों के लिये एक स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करता है।

नोट: 

  • स्टॉकहोम कन्वेंशन एक वैश्विक संधि है जिसका उद्देश्य दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP), जो लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहने वाले व्यापक रसायन हैं और लोगों तथा वन्यजीवन दोनों के लिये जोखिम उत्पन्न करते हैं, से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करना है।
    • भारत ने वर्ष 2006 में कन्वेंशन की पुष्टि की, जो इसे एक डिफॉल्ट "ऑप्ट-आउट" स्थिति बनाए रखने की अनुमति देता है, जिसका अर्थ है कि कन्वेंशन अनुबंध में संशोधन भारत पर लागू नहीं होता है, जब तक कि यह स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र डिपॉज़िटरी के साथ अनुसमर्थन, स्वीकृति, अनुमोदन या परिग्रहण साधन जमा नहीं करता है।
  • रसायनों से संबंधित अन्य सम्मेलन हैं: बेसल कन्वेंशन (खतरनाक अपशिष्टों और उनके निपटान के सीमा पार आंदोलनों के नियंत्रण पर), मिनामाटा कन्वेंशन (पारा), रॉटरडैम कन्वेंशन (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कुछ खतरनाक रसायनों और कीटनाशकों के लिये पूर्व सूचित सहमति प्रक्रिया पर)।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से भारत के कुछ भागों में पीने के जल में प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं?

  1. आर्सेनिक 
  2. सारबिटॉल 
  3. फ्लूओराइड 
  4. फॉर्मलडिहाइड 
  5. यूरेनियम

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2, 4 और 5
(c) केवल 1, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: c

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