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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ज़िका वायरस

  • 22 Aug 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ? 

नैदानिक ​​अध्ययनों ने पहले ही जिसकी घोषणा कर दी थी कि एशियाई ज़िका वायरस के संक्रमण से गर्भवती महिलाओं (विशेष रूप से पहले और दूसरे त्रैमसिकों के दौरान) के भ्रूण में विसंगतियाँ पाई जाती है, अब प्रयोगशाला के अध्ययनों ने गर्भवती महिलाओं के गर्भधारण के पहले, द्वितीय और तीसरे त्रयी में रक्त के नमूनों का इस्तेमाल करते हुए उसकी पुष्टि की है कि पहले और दूसरे तिमाही के दौरान महिलाओं के गर्भ में पल रहा भ्रूण एशियाई ज़िका वायरस स्ट्रेन (Asian Zika virus strain) के प्रति अधिक संवेदनशील होता है।

प्रमुख बिंदु

  • “नेचर माइक्रोबायलॉजी” नामक एक पत्रिका में 21 अगस्त को प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि एशियाई ज़िका वायरस स्ट्रेन के संक्रमण से दो ऐसे जीन तैयार होते  हैं, जो गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के लिये उत्तरदायी होते हैं। 
  • इसके अलावा कुछ और भी प्रयोगात्मक सबूतों से यह स्पष्ट हो चुका है कि गर्भावस्था का प्रारंभिक चरण ज़िका के संक्रमण की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील होता है। 

अफ्रीकी - एशियाई ज़िका स्ट्रेन में अंतर 

  • दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय तथा अन्य स्थानों के विशेषज्ञों ने अफ्रीकी और एशियाई ज़िका वायरस का इस्तेमाल कर गर्भवती और सामान्य महिलाओं के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया। 
  • इस परीक्षण में यद्दपि दो नस्लों ने करीबी समानता (90%) साझा की है, तथा कुछ रक्त कोशिकाओं में अफ्रीकी स्ट्रेन की उपस्थिति एशियाई स्ट्रेन से काफी अधिक थी, तथापि  एशियाई स्ट्रेन में प्रतिरक्षा के दमन की अधिक क्षमता पाई गई।  
  • एशियाई स्ट्रेन द्वारा प्रतिरक्षा का दमन ज़िका वायरस को बढ़ने देता है और गर्भ में प्रवेश कर भ्रूण को नुकसान पहुँचाता है।  
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर स्वाभाविक रूप से प्रतिरक्षा क्षमता को दबा देती है, जिससे घटी हुई प्रतिरक्षा क्षमता गर्भवती महिलाओं को ज़िका संक्रमण के लिये अतिसंवेदनशील बना देती है। 
  • संक्रमण के बाद एशियाई स्ट्रेन प्रतिरक्षा क्षमता को और कम करने लगता है। इस तरह एशियाई स्ट्रेन अफ्रीकी स्ट्रेन की तुलना में अधिक खतरनाक साबित होता है।

ज़िका वायरस : एक नज़र

  • ज़िका विषाणु एडीज़ मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करता है। 
  • ज़िका का पहला मामला 1952 में आया था। वर्ष 2007 तक यह केवल अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता था। उसके बाद धीरे-धीरे यह अन्य स्थानों में भी फैलने लगा। 
  • 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये आपात घोषित कर दिया।   

गर्भवती महिलाओं में प्रभाव

यदि कोई गर्भवती महिला ज़िका संक्रमण का शिकार होती है तो उसके गर्भ में पल रहे शिशु को माइक्रोसिफेली नामक बीमारी का खतरा हो जाता है।
इस बीमारी में शिशु के मस्तिष्क का विकास रुक जाता है और वह असामान्य रूप से छोटा हो जाता है।

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