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डेली न्यूज़

सामाजिक न्याय

विश्व दृष्टि रिपोर्ट

  • 10 Oct 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये-

रिपोर्ट का मुख्य निष्कर्ष और आँकड़े

मेन्स के लिये-

चुनौतियाँ, मुद्दे, सुझाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health organisation-WHO) द्वारा दृष्टि पर पहली विश्व रिपोर्ट जारी की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व में लगभग 1 बिलियन से अधिक लोग दृष्टिहीनता से ग्रसित है।
  • 1.8 बिलियन लोग, प्रेस्बोपिया (एक ऐसी स्थिति जिसमें आस-पास की वस्तुओं को देखना कठिन होता है) से ग्रसित हैं।
    • यह रोग बढ़ती उम्र के साथ होता है।
  • दृष्टिहीनता आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निम्न आय वाले लोगों, महिलाओं, वृद्धों और विकलांगों आदि में अधिक पायी जाती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 2.6 बिलियन लोग दूर दृष्टि दोष (मायोपिया) से ग्रसित हैं इनमें से 312 मिलियन लोग 19 वर्ष से कम आयु के हैं।
  • रिपोर्ट में अन्य दृष्टि दोषों से जुड़े हुए आँकड़े जैसे-मोतियाबिंद (65.2 मिलियन), ग्लूकोमा (6.9 मिलियन), कॉर्नियल ओपेसिटी (4.2 मिलियन), डायबिटिक रेटिनोपैथी (3 मिलियन), ट्रेकोमा (2 मिलियन) भी शामिल हैं।
  • पश्चिमी और पूर्वी उप-सहारा अफ्रीका तथा दक्षिण एशिया के निम्न और मध्यम-आय वाले क्षेत्रों में दृष्टिहीनता की दर उच्च-आय वाले देशों की तुलना में आठ गुना अधिक है।
  • महिलाओं में विशेषकर मोतियाबिंद और ट्रेकोमैटस ट्राइकियासिस (Cataract and Trachomatous Trichiasis) की दर अधिक है।
  • ट्रेकोमा, आँख में बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। यह कई देशों में खत्म हो चुका है, भारत भी इन देशों में शामिल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
  • इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।

भारत के संदर्भ में

  • भारत में दृष्टिहीनता नियंत्रण के लिये चलाए गए राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Control of Blindness-NPCB) की इस रिपोर्ट में सराहना की गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, NPCB के तहत वर्ष 2016-2017 में, भारत में मोतियाबिंद से पीड़ित कुल 6.5 मिलियन लोगों की सर्जरी की गई।
  • साथ ही कहा गया कि वर्ष 2016-2017 के दौरान लगभग 32 मिलियन बच्चों की स्कूल में जाँच की गई और लगभग 750,000 चश्मे वितरित किये गए।

आगे की राह

  • दृष्टिहीनता विश्व में बड़े पैमाने पर है और एक लंबी समयावधि के बाद भी अनुपचारित है।
  • दृष्टिहीनता से ग्रसित लोगों को बिना वित्तीय रूकावट के आँखों की देखभाल करने में सक्षम किये जाने की आवश्यकता है।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के अंतर्गत हर देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा आँखों की देखभाल करना और देखभाल के लिये आवश्यक पैकेज कि व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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