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सामाजिक न्याय

विश्व स्वास्थ्य दिवस

  • 07 Apr 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व स्वास्थ्य दिवस, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) अधिनियम, 2019, प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना, प्रधानमंत्री- जन आरोग्य योजना, भारत का स्वास्थ्य सूचकांक, SAMRIDH पहल।

मेन्स के लिये:

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और इसका महत्त्व, भारत में वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य।

चर्चा में क्यों?

प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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विश्व स्वास्थ्य दिवस की मुख्य विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • इसका विचार की परिकल्पना वर्ष 1948 में आयोजित विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रथम विश्व स्वास्थ्य सभा में की गई थी, जिसे वर्ष 1950 में लागू किया गया।
    • प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्थापना दिवस (7 अप्रैल, 1948) की वर्षगाँठ पर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
    • इन वर्षों में इसने मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को प्रकाश में लाया है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य एवं उससे संबंधित समस्याओं पर विचार-विमर्श करना तथा विश्व में समान स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलान है।
  • 2022 के लिये थीम:
    • हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (Our Planet, Our Health)।

महत्त्व:

  • पर्यावरणीय कारणों से होने वाली मौत की घटनाओं में वृद्धि:
    • दुनिया भर में 13 मिलियन मौतें परिहार्य पर्यावरणीय कारणों से होती हैं।
      • इसमें जलवायु संकट भी शामिल है जो मानवता के समक्ष सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है।
  • बढ़ता वायु प्रदूषण:
    • 90% से अधिक लोग जीवाश्म ईंधन के जलने से प्रदूषित होने वाली अस्वास्थ्यकर वायु में साँस लेते हैं।
  • महामारी का प्रभाव:
    • महामारी ने समाज के सभी क्षेत्रों में सुभेद्यताओं को उजागर किया है और पारिस्थितिक सीमाओं को तोड़े बिना मौजूदा एवं भविष्य की पीढ़ियों के लिये समान स्वास्थ्य प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध स्थायी कल्याणकारी समाज बनाने की तात्कालिकता को रेखांकित किया है।
  • बढ़ती चरम मौसम की घटनाएँ:
    • चरम मौसम की घटनाएँ, भूमि क्षरण और पानी की कमी लोगों को विस्थापन के लिये मजबूर कर रही है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।
  • बढ़ता प्रदूषण और प्लास्टिक:
    • प्रदूषण और प्लास्टिक भी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं और इसने हमारी खाद्य शृंखला में अपनी जगह बना ली है।
  • आय का असमान वितरण:
    • अर्थव्यवस्था का वर्तमान स्वरूप आय, धन और शक्ति के असमान वितरण की ओर ले जाता है, जिसमें बहुत से लोग अब भी गरीबी और अस्थिरता में जी रहे हैं।

भारत में मौजूदा स्वास्थ्य कल्याण परिदृश्य:

  • यद्यपि पिछले पाँच वर्षों में भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तेज़ी से बढ़ा है (22% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर), किंतु कोविड-19 ने कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणाली, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी अवसंरचना की कमी और गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण की कमी जैसी चुनौतियों को उजागर किया है।
  • भारत का स्वास्थ्य देखभाल खर्च सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.6% है, जिसमें जेब खर्च के आलावा सार्वजनिक व्यय शामिल हैं।
    • केंद्र और राज्य दोनों का संयुक्त कुल सरकारी खर्च सकल घरेलू उत्पाद का 1.29% है।
    • भारत का स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च ब्रिक्स देशों में सबसे कम है। ब्राज़ील सबसे अधिक (9.2%) खर्च करता है, उसके बाद दक्षिण अफ्रीका (8.1%), रूस (5.3%), चीन (5%) का स्थान है।
  • भारत सरकार ने प्रमुख पहल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की है, जो सरकार द्वारा प्रायोजित विश्व की सबसे बड़ी गैर-अंशदायी स्वास्थ्य बीमा योजना है तथा माध्यमिक और तृतीयक सुविधाओं के साथ गरीब व कमज़ोर परिवारों को इन-पेशेंट स्वास्थ्य देखभाल (In-Patient Healthcare) तक पहुंँच प्रदान करती है।

स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित पहलें:

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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