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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY)

  • 17 Aug 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

मेन्स के लिये:

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 तक लगभग 20.32 लाख कोविड-19 परीक्षण और 7.08 लाख उपचार अधिकृत किये गए।

प्रमुख बिंदु

परिचय:

  • यह माध्यमिक देखभाल (जिसमें सुपर विशेषज्ञ शामिल नहीं है) के साथ-साथ तृतीयक देखभाल (जिसमें एक सुपर विशेषज्ञ शामिल है) हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करता है।
  • PMJAY के तहत लाभार्थियों को सेवा के बिंदु पर कैशलेस और पेपरलेस सेवाओं तक पहुँच प्रदान की जाती है।
  • स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, चिकित्सा और देखभाल, उपचार, दवाओं की लागत तथा निदान शामिल है।
    • पैकेज़्ड दरें (दरें जिनमें सब कुछ शामिल है ताकि प्रत्येक उत्पाद या सेवा के लिये अलग से शुल्क न लिया जाए)।
    • ये दरें लचीली होती हैं, लेकिन वे अस्पतालों द्वारा एक बार तय होने के बाद लाभार्थी से अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकते।
    • इस योजना में चिकित्सा प्रबंधन के लिये एक दैनिक सीमा भी निर्धारित की गई है।

लाभार्थी:

  • यह एक पात्रता-आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
    • एक बार डेटाबेस द्वारा पहचाने जाने के बाद लाभार्थी को बीमाकृत माना जाता है और वह किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में मान्य हो सकता है।

वित्तीयन:

  • इस योजना के लिये वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है- सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये अपनी विधायिका के साथ 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल तथा  उत्तराखंड में 90:10 एवं विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।

नोडल एजेंसी:

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से पीएम-जेएवाई के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में गठित किया गया है।
  • राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) राज्य में AB PM-JAY के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार राज्य सरकार का शीर्ष निकाय है।

चुनौतियाँ:

  • राज्यों का सहयोग
    • चूँकि ‘स्वास्थ्य’ राज्य का विषय है और राज्यों द्वारा इस योजना के लिये  40% वित्तपोषण का योगदान दिया जाएगा, इसलिये मौजूदा ‘राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं’ का ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के साथ समन्वय स्थापित करना महत्त्वपूर्ण होगा।
      • पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा और दिल्ली ने इस योजना को लागू नहीं किया है।
  • लागत का बोझ
    • देखभाल प्रदाताओं और केंद्र के बीच लागत एक विवादित क्षेत्र है तथा कई लाभकारी अस्पताल सरकार के प्रस्तावों को अव्यवहारिक मानते हैं।
  • अपर्याप्त स्वास्थ्य क्षमताएँ:
    • आवश्यक उपकरणों की कमी से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र की स्वास्थ्य क्षमताएँ निजी क्षेत्र के प्रदाताओं के साथ आवश्यक भागीदारी और गठबंधन की मांग करती हैं।
    • ऐसी परिस्थितियों में सेवाओं का प्रावधान तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब प्रदाताओं को उनकी सेवाओं के लिये जवाबदेह ठहराया जाए।
  • अनावश्यक उपचार:
    • ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017’ ने माध्यमिक और तृतीयक अस्पतालों से एक विशिष्ट शुल्क पर सेवाओं की ‘रणनीतिक खरीद’ का प्रस्ताव रखा है।
    • स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ अनुबंध, जिससे वित्तीय मुआवज़ा प्राप्त किया जाता है, के माध्यम से अधिसूचित दिशा-निर्देशों और मानक उपचार प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है, ताकि अनावश्यक उपचार की संभावना को रोका जा सके।

उपलब्धियांँ:

  • गरीबों के लिये  फायदेमंद:
    • योजना के कार्यान्वयन के पहले 200 दिनों में PM-JAY के तहत 20.8 लाख से अधिक गरीब और वंचित लोगों को लाभान्वित किया गया है, इसके तहत 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का मुफ्त इलाज कराया गया है।
  • कोविड -19 के समय PM-JAY का क्रियान्वयन:
    • योजना की शुरुआत से पीएम-जेएवाई की एक प्रमुख विशेषता पोर्टेबिलिटी है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि पीएम-जेएवाई-योग्य प्रवासी कार्यकर्त्ता  देश भर के किसी भी अस्पताल में योजना की सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, भले ही उनके निवास की स्थिति कुछ भी हो।

संबंधित योजनाएँ:

  • भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी पैकेज: चरण- II (ECRP-II पैकेज):
    • यह योजना कुछ केंद्रीय क्षेत्र के घटकों के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
    • इसे हाल ही में लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और मापने योग्य परिणामों के साथ प्रारंभिक रोकथाम, पहचान व प्रबंधन के लिये तत्काल प्रतिक्रिया हेतु स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी में तेज़ी लाना है।

आगे की राह: 

  •  भारत के अपने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्यों को पूरा करने में AB-PMJAY कार्यक्रम बड़े स्तर पर महत्त्वाकांक्ष‍ी प्रणालीगत सुधार का अवसर प्रस्तुत करता है।
    • इसके लिये लंबे समय से कम वित्तपोषित स्वास्थ्य प्रणाली में संसाधनों को शामिल करने की आवश्यकता होगी, यद्यपि यह योजना भारत को UHC की ओर निरंतर गति प्रदान करने के लिये है अतः इसके साथ शासन, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रबंधन के परस्पर संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये ।
    • भारत में स्वास्थ्य देखभाल पर सार्वजनिक व्यय वैश्विक स्तर पर सबसे निम्न है।
  • प्रौद्योगिकी और नवाचार का अच्छा उपयोग करने से स्वास्थ्य सेवा की समग्र लागत को और कम किया जा सकता है। एआई-पावर्ड मोबाइल एप्लीकेशन (AI-Powered Mobile Applications) उच्च गुणवत्तापूर्ण , कम लागत, स्मार्ट वेलनेस समाधान प्रदान कर सकते हैं। आयुष्मान भारत हेतु स्केलेबल (scalable) और इंटर-ऑपरेबल (Inter-Operable) आईटी प्लेटफॉर्म इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

स्रोत: द हिंदू 

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