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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अमरीका और रूस का पहला शिखर सम्मेलन:संभावित चर्चाएँ

  • 10 Jul 2018
  • 3 min read

संदर्भ

अमेरिका के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति पुतिन, हेलसिंकी में आयोजित दोनों देशों के होने वाले अपने पहले शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

संभावित चर्चाएँ

हथियारों की दौड़

  • हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन ने नए परमाणु हथियारों की एक श्रृंखला का अनावरण किया और पश्चिमी देशों की सरकारों को चेतावनी भी दी।
  • द रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर संधि को विस्तारित करने की दिशा में प्रगति के साथ ही यह वर्ष 2021 तक समाप्त हो जाएगा।
  • अतः रूस और अमेरिका द्वारा इन पक्षों पर चर्चा किये जाने की संभावना है।
  • साथ ही, न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर संधि के विस्तार के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की भी संभावना है।

न्यू स्टार्ट ट्रीटी (नई सामरिक शस्त्र कटौती संधि)

  • संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ (यूएसएसआर) के बीच एक द्विपक्षीय संधि थी।
  • इस संधि का उद्देश्य सामरिक आक्रामक हथियारों को सीमित करना था।
  • यह संधि फरवरी 2011 में प्रभावी हुई थी और इसने 1991 की स्टार्ट-1 संधि की जगह ली।
  • यह वाशिंगटन और मॉस्को को एक-दूसरे के परमाणु कार्यक्रमों पर नज़र रखने की अनुमति देती है।

प्रतिबंधों में राहत

  • वाशिंगटन ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र के कब्ज़े के आधार पर मॉस्को पर प्रतिबंध लगाए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि ये प्रतिबंध सीरिया के गृह युद्ध में रूस की भागीदारी और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के आधार पर लगाए गए हैं।
  • वर्ष 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया के कब्जे के बाद से नाटो गठबंधन ने पूर्वी यूरोप में सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है, जिससे रूस नाराज है।
  • अतः उम्मीद जताई जा रही है कि रूस अमेरिका से क्रीमिया पर मास्को के कब्जे को मान्यता देने और अमरिकी प्रतिबंधों को हठाने की मांग करेगा।

सीरियाई संघर्ष

  • इज़राइल अपनी सीमाओं के चारों ओर ईरानी बलों केएकत्र होने से  बारे में चिंतित है, क्योंकि सीरिया में संघर्ष बढ़ने पर वे इज़रायल की सीमाओं में प्रवेश करने लगते हैं।
  • संभवतः ट्रंप, ईरान की सैन्य उपस्थिति को रोकने के लिये पुतिन से अपने प्रभाव का उपयोग करने के लिये कहें।
  • हालाँकि,द रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन को इस कार्य को करने में मुश्किल होगी।
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