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अल्ज़ाइमर रोग की नई वैक्सीन

  • 12 Jun 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में न्यू मक्सिको विश्वविद्यालय में अमेरिकी वैज्ञानिक एक टीम ने अल्ज़ाइमर (Alzheimer) के निवारण के लिये वैक्सीन के एक नए प्रसंस्करण की खोज की है।

प्रमुख बिंदु

  • यह वैक्सीन मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं को मृत होने से रोकेगी और मस्तिष्क के अन्य भागों में बनने वाले टाऊ टैंग्लेस (tau tangles) को भी कम करेगी, जिससे किसी चीज़ को याद करने और सीखने में सहायता मिलेगी।
  • इस वैक्सीन में वायरस के आकार के कणों का प्रयोग किया गया है जो टाऊ टैंग्लेस के विरुद्ध एंटीबॉडीज़ (Antibodies) का निर्माण करेंगे जिससे अल्ज़ाइमर रोग से छुटकारा मिलेगा। टाऊ टैंग्लेस के कारण ही अल्ज़ाइमर रोग मस्तिष्क में फैलता है।
  • अल्ज़ाइमर से ग्रसित रोगी के मस्तिष्क में टाऊ (Tau) प्रोटीन पाया जाता है। इसकी संरचना काफी जटिल होती है। यह तंत्रिका कोशिकाओं को आपस में जुड़ने एवं उनके बीच होने वाली अंतःक्रियाओं को बाधित करता है, जिस कारण व्यक्ति सही से संतुलन नहीं बना पाता है।
  • हालाँकि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भी टाऊ टैंग्लेस को नष्ट करने हेतु इनके विरुद्ध एंटीबॉडीज़ (Antibodies) का निर्माण करता है।

अल्ज़ाइमर क्या है?

  • अल्ज़ाइमर रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है जो मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट करता है। इसके कारण रोगी की शारीरिक और मानसिक स्थिति क्षीर्ण हो जाती है उसे कुछ भी याद नहीं रहता है, उसकी निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है, स्वभाव में लगातार परिवर्तन होता रहता है, आदि। प्रारंभ में ये लक्षण कम मात्रा में होते हैं लेकिन समय रहते इसका उपचार न कराया जाए तो यह गंभीर और असाध्य हो जाता है।
  • 55-60 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में अल्ज़ाइमर, डिमेंशिया (dementia) का प्रमुख कारण है। डिमेंशिया रोग मानसिक रोगों का एक समूह होता है जिसमें व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता घट जाती हैं।
  • यह रोग मस्तिष्क में एक विशेष प्रकार की टैंगल्स (Tangles) नामक प्रोटीन निर्माण के कारण होता है। जिसे टाइप-3 डायबिटीज़ के नाम से भी जानते हैं।
  • उम्र बढ़ने के साथ साथ इसका खतरा और बढ़ जाता है लेकिन कभी कभी लेकिन कभी-कभी में दुर्लभ आनुवंशिक परिवर्तनों के कारण इसके लक्षण 30 वर्ष की आयु के लोगो में भी देखने को मिल जाते है।
  • अल्ज़ाइमर एक असाध्य रोग है क्योंकि इसमें मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाएँ मृत हो जाती है, जो पुनः जीवित नहीं हो सकती हैं।
  • यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अल्ज़ाइमर होने का खतरा दोगुना होता है।

तथ्य और निष्कर्ष

  • वर्तमान में भारत में लगभग 4 मिलियन लोग डिमेंशिया से ग्रसित हैं जबकि वर्ष 2050 यह संख्या तीन गुनी होने की संभावना है।
  • वैश्विक स्तर पर डिमेंशिया से लगभग 44 मिलियन लोग ग्रसित हैं जो पूरी दुनिया के लिये एक मुख्य समस्या बन गई हैं, इसलिये शीघ्रता से इसकी पहचान करना आवश्यक है।
  • पश्चिमी देशों ने अल्ज़ाइमर रोग से ग्रसित लोगों की संख्या उच्च दर से बढ़ रही है लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण इस रोग का निदान समय पर हो जाता है, परंतु भारत जैसे देशों में इसे अक्सर उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया मानकर अनदेखा किया जाता है।

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

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