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डेली न्यूज़

कृषि

कीटनाशक अनुप्रयोग में ड्रोन का प्रयोग

  • 22 Dec 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ड्रोन, ड्राफ्ट ड्रोन नियम, 2021

मेन्स के लिये:

वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना, कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग और उसके फायदे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि में ड्रोन के अनुप्रयोग हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedures-SOPs) जारी की है।

प्रमुख बिंदु:

  • मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) के बारे में: कीटनाशक के इस्तेमाल के लिये ड्रोन विनियमन हेतु  SOP में शामिल हैं :
    • वैधानिक प्रावधान, उड़ान अनुमति, क्षेत्र दूरी संबंधी प्रतिबंध, वन वर्गीकरण, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर प्रतिबंध, ड्रोन का पंजीकरण, सुरक्षा बीमा, पायलट प्रमाणन, संचालन योजना, हवाई उड़ान क्षेत्र, मौसम की स्थिति जैसे महत्त्वर्ण पहलू।
    • ऑपरेशन से पहले, बाद में और ऑपरेशन के दौरान आपातकालीन प्रबंधन योजना के लिये मानक संचालन प्रक्रियाएँ
  • कीटनाशकों के अनुप्रयोग में ड्रोन प्रौद्योगिकी:
    • कीटनाशक: कीटनाशक बड़ी संख्या में कीटों से फसलों की सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण कृषि आदानों में से एक हैं तथा ये आवश्यक इनपुट के रूप में कार्य करते हैं जिससे किसानों को पर्याप्त लाभ मिलता है।
    • कीटनाशक का पारंपरिक छिड़काव: कीटनाशक स्प्रे के पारंपरिक तरीकों के कारण कई समस्याएँ पैदा होती हैं जैसे:
      • रसायनों का अत्यधिक प्रयोग स्प्रे की एकरूपता को कम करता है तथा अनावश्यक जमाव प्रदान करता है।
      • इनके अत्यधिक उपयोग के परिणामस्वरूप जल और मिट्टी प्रदूषण के साथ-साथ कीटनाशकों पर अधिक खर्च होता है।
      • पारंपरिक मैनुअल स्प्रेयर के साथ ऑपरेटरों की सुरक्षा भी एक प्रमुख चिंता का विषय है।
    • ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग: आधुनिक कृषि तकनीक के रूप में ड्रोन तकनीक के उपयोग का उद्देश्य कीटनाशकों और उर्वरक छिड़काव के माध्यम से उत्पादन को अधिक कुशल बनाना है।
      • इसका इस्तेमाल कृषि के कई क्षेत्रों में किया जा सकता है तथा यह न केवल क्षेत्र के भीतर रसायनों के समग्र उपयोग में कमी को सुनिश्चित करेगा बल्कि ऑपरेटरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखेगा।
  • कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अन्य उपयोग और लाभ:
    • फसल निगरानी: ड्रोन मल्टी-स्पेक्ट्रल तथा फोटो कैमरों जैसी कई विशेषताओं से सुसज्जित हैं।
      • ड्रोन का उपयोग किसी भी वनस्पति या फसल क्षेत्र जो खरपतवार संक्रमण और कीटों से प्रभावित है, के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिये किया जा सकता है।
      • इष्टतम पोषक तत्त्व वितरण: एक आकलन के आधार पर संक्रमण से लड़ने हेतु आवश्यक रसायनों की सटीक मात्रा को  छिड़काव किया जा सकता है इस प्रकार किसान के लिये समग्र लागत का अनुकूलन किया जा सकता है।
      • इससे वर्ष 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
    • बेहतर फसल प्रबंधन: कई स्टार्ट-अप्स द्वारा ड्रोन प्लांटिंग सिस्टम भी विकसित किये गए हैं, जो ड्रोन को पॉड्स और मिट्टी में महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों को स्प्रे करने की अनुमति देती है। 
      • इस प्रकार यह तकनीक लागत को कम करने के अलावा फसल प्रबंधन की निरंतरता और दक्षता को बढ़ाती है।
      • इससे कृषि क्षेत्र की उत्पादकता के साथ-साथ दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
      • कृषि में ड्रोन का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोज़गार प्राप्त करने के पर्याप्त अवसर भी दे सकता है।

भारत में ड्रोन विनियमन हेतु नियम:

स्रोत: पीआईबी

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