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भारत-विश्व

व्यापार युद्ध पर अंकटाड (UNCTAD) की रिपोर्ट

  • 06 Feb 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) ने व्यापार युद्ध (Trade War) पर एक रिपोर्ट जारी की है।

  • UNCTAD द्वारा जारी इस नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जो दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव से लाभान्वित हो सकता।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध (पृष्ठभूमि)

  • अमेरिका और चीन तब से एक व्यापार युद्ध में लिप्त हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मार्च में आयातित इस्पात और एल्युमीनियम की वस्तुओं पर भारी शुल्क लगा दिया था, यह एक ऐसा कदम था जिसने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को जन्म दिया।
  • चीन ने भी अमेरिका के इस कदम का ‘जैसे को तैसा’ की तर्ज़ पर जवाब दिया और अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर शुल्क लगा दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापार संबंधी विवाद वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

व्यापार युद्ध के सकारात्मक प्रभाव

  • जिन देशों को अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव से सबसे अधिक लाभ होने की उम्मीद है, वे ऐसे देश हैं जो अधिक प्रतिस्पर्द्धी हैं और आर्थिक रूप से अमेरिकी और चीनी फर्मों को प्रतिस्थापित करने में सक्षम हैं।
  • अध्ययन के अनुसार, यूरोपीय संघ के निर्यात में सबसे अधिक वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद क्रमशः जापान, मेक्सिको, कनाडा, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया और भारत का स्थान आता है।
  • अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापर युद्ध के कारण लाभान्वित होने वाले देशों की सूची में शामिल अन्य देश हैं-
  • ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, ताइवान, वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, फिलिपींस, चिली, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, पाकिस्तान, पेरू तथा ईरान।

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नकारात्मक वैश्विक प्रभावों के हावी होने की संभावना

  • हालाँकि इस अध्ययन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि व्यापार युद्ध के कारण कुछ देशों के निर्यात में वृद्धि हुई है लेकिन इस व्यपार युद्ध के सभी परिणाम सकारात्मक नहीं होंगे।
  • एक सामान्य चिंता यह है कि इस व्यापार युद्ध का व्यापक प्रभाव कमज़ोर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर होगा।
  • एक आर्थिक मंदी अक्सर अपने साथ वस्तुओं की कीमतों, वित्तीय बाज़ारों और मुद्राओं तथा वे सभी चीज़ें जो एक विकासशील देश की अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण होती हैं, से संबंधित परेशानियाँ लेकर आती है।
  • इसका एक प्रमुख जोखिम यह है कि व्यापारिक तनाव करेंसी वॉर के रूप में तब्दील हो सकता है।
  • एक और चिंता यह है कि अन्य देश भी इस प्रकार के व्यापार युद्ध में शामिल हो सकते हैं तथा संरक्षणवादी नीतियाँ वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ सकती हैं। ये संरक्षणवादी नीतियाँ आम तौर पर कमज़ोर देशों को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाती हैं।

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD)

  • 1964 में स्थापित, व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development- UNCTAD) विकासशील देशों के विकास के अनुकूल उनके एकीकरण को विश्व अर्थव्यवस्था में बढ़ावा देता है।
  • यह एक स्थायी अंतर सरकारी निकाय है।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
  • इसके द्वारा प्रकाशित कुछ रिपोर्ट हैं:

♦ व्यापार और विकास रिपोर्ट (Trade and Development Report)
♦ विश्व निवेश रिपोर्ट (World Investment Report)
♦ न्यूनतम विकसित देश रिपोर्ट (The Least Developed Countries Report)
♦ सूचना एवं अर्थव्यवस्था रिपोर्ट (Information and Economy Report)
♦ प्रौद्योगिकी एवं नवाचार रिपोर्ट (Technology and Innovation Report)
♦ वस्तु तथा विकास रिपोर्ट (Commodities and Development Report)

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स्रोत : UNCTAD वेबसाइट

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