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डेली न्यूज़


सामाजिक न्याय

उइगर तथा चीन

  • 20 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उइगर मुस्लिम

मेन्स के लिये:

उइगर मुस्लिमों से जुड़े विभिन्न मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में लीक हुए चीन के कुछ आधिकारिक दस्तावेज़ों ने चीन के पश्चिमी क्षेत्र ‘शिनजियांग’ (Xinjiang) में उइगर (Uighurs) तथा अन्य मुस्लिमों पर चीन की कठोर नीतियों को उजागर किया है।

मुख्य बिंदु:

  • संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के विशेषज्ञों का कहना है कि कम से कम 1 मिलियन उइगर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समूहों को शिनजियांग प्रांत के शिविरों में नज़रबंद रखा गया है।
  • लीक हुए दस्तावेज़ों के आधार पर ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ (The Newyork Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आतंकवाद, घुसपैठ और अलगाववाद के खिलाफ तानाशाही का उपयोग करते हुए तथा इन उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यक समूहों को प्रताड़ित करते हुए एक ‘ऑल आउट’ संघर्ष प्रारंभ किया है।
  • इन दस्तावेज़ों से पता चलता है कि अन्य देशों में हुए आतंकी हमलों तथा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से भी चीन को आतंकवादी हमले का भय सता रहा है।
  • हालाँकि चीन ने उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार संबंधित घटनाओं से इनकार किया है। चीन के अनुसार, वह उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों को इस्लामी चरमपंथ तथा अलगाववाद से बाहर लाने के लिये उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहा है।

उइगर मुस्लिम:

(Uighurs muslim):

  • उइगर मुस्लिम चीन के शिनजियांग प्रांत में निवास करने वाले अल्पसंख्यक हैं।
  • उइगर नृजातीय रूप से तुर्की के मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं।
  • चीन के शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है।

Xinjiang Province

अन्य तथ्य:

  • यूरोपीय संघ की संसद द्वारा इस वर्ष के सखारोव पुरस्कार के लिये उईगर बुद्धिजीवी ‘इल्हाम तोहती’ (Ilham Tohti) को चुना गया है।
  • इल्हाम तोहती को यह पुरस्कार चीन के उइगर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की आवाज़ उठाने के लिये प्रदान किया जा रहा है।
  • ध्यातव्य है कि उन्होंने उईगर और चीन के लोगों के मध्य बातचीत व परस्पर विश्वास को बढ़ाने के लिये निरंतर कार्य किया है।
  • इल्हाम तोहती बीज़िंग यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वर्ष 2014 में उन्हें चीन सरकार द्वारा ‘अलगाववादी’ होने के आरोप में आजीवन कारावास की सज़ा दी गई है।

स्रोत: द हिंदू

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