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भारतीय विरासत और संस्कृति

आदिवासी कलाकारों के लिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म

  • 23 Mar 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?


हाल ही में तेलंगाना के दूरदराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स/चित्रों को पहली बार वैश्विक ई-कॉमर्स बाज़ार अमेज़न द्वारा वैश्विक मंच पर लाया गया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया।

प्रमुख बिंदु

  • आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स में इनके क्षेत्रों की सहजता एवं सरलता को दर्शाते हुए विभिन्न आदिवासी समुदायों के लोकाचार को दर्शाया गया है।
  • हालाँकि, कुछ समय पहले तक इन कलाकारों ने अपने पारंपरिक चित्रों को दिखाने की लोगों की मांग को स्वीकार नहीं किया था लेकिन तेलंगाना आदिवासी कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) द्वारा उनकी कला के संभावित संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कुछ चित्रों को मान्यता दी गई।
  • आदिवासी कलाकारों की सभी पेंटिंग्स में सरलता, अद्वितीय पैटर्न और प्रकृति से प्रेरित संदर्भ प्रदर्शित हैं।
  • कुछ महीने पहले अमेज़न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पहली बार बिक्री के लिये रखे गए पेंटिंग्स में से 17 पेंटिंग्स की बिक्री की गई जो गोंड, कोया और नाइकपोड समुदायों के कलाकारों द्वारा बनाई गई थी।
  • हैदराबाद में आदिवासी कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department in Hyderabad) के आवासीय परिसर में काम करने वाले कलाकारों ने अन्य 35 पेंटिंग्स पूरी कर ली हैं। इन्हें जल्द ही अमेज़न द्वारा ऑनलाइन बिक्री के लिये रखा जाएगा।
  • चित्रों को एक व्यापक मंच प्रदान करने का विचार उस समय आया जब आदिवासी कल्याण विभाग और जनजातीय संग्रहालय (Tribal Museum) के अध्यक्ष ने जनजातीय समुदायों के साथ मिलकर काम करते हुए उनकी पारंपरिक चित्रकला प्रथाओं की अपील को मान्यता प्रदान की।

पेंटिंग्स की विशेषताएँ
Gond Paintings

  • गोंड पेंटिंग्स (Gond Paintings) में चमकीले रंगों और जटिल रेखाओं का उपयोग किया जाता है।
  • गोंड कला में ज्यादातर पक्षियों जैसे कि मोर और जानवरों जैसे- बैल, घोड़े, हिरण, हाथी और बाघ से निकलने वाले पेड़ को दर्शाया गया है।
  • कोया कलाकार (Koya Artists) अपने पवित्र हरिवेनी पोस्ट्स (Hariveni’ posts), पवित्र झंडों (Sacred Flags) और तुम्बा (Big Bottle Gourds) आदि पर चित्रांकन करते हैं।
  • नाइकपोड आदिवासियों (Naikpod tribals) के चित्रों में उनके राजाओं के चेहरे के मुखौटे और पांडवों जैसे-भीम तथा ग्रामीण मंदिर के पारंपरिक देवताओं के प्रतिबिंब हैं।

स्रोत - द हिंदू

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