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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

"टीबी उन्मूलन" शिखर सम्मेलन : स्वस्थ भारत की ओर एक और कदम

  • 14 Mar 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?
“भारत मिशन मोड में तपेदिक की चुनौतियों से निपटने के लिये प्रतिबद्ध है। मुझे विश्‍वास है कि भारत 2025 तक तपेदिक मुक्‍त होगा।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात तपेदिक उन्‍मूलन शिखर सम्‍मेलन के उद्घाटन के दौरान कही।

आयोजन

  • इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (एसईएआरओ) तथा स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

  • दुनिया भर में तपेदिक को खत्म करने के लिये वर्ष 2030 तक का समय तय किया गया है, भारत विश्‍व के लक्ष्‍य से 5 वर्ष पूर्व 2025 तक तपेदिक को खत्म करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
  • तपेदिक से मुख्‍य रूप से सबसे गरीब तबका प्रभावित होता है और इस बीमारी को समाप्‍त करने की दिशा में उठाया गया प्रत्‍येक कदम गरीबों का जीवन सुधारने की दिशा में एक कदम है।
  • तपेदिक उन्‍मूलन में राज्‍य सरकारें काफी महत्त्‍वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अत: सहकारी संघवाद की भावना को मज़बूती देने के उद्देश्य से इस मिशन को शुरू किया गया है।
  • प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए आयुष्‍मान भारत कार्यक्रम के साथ-साथ स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में दो अन्य महत्त्वपूर्ण योजनाएँ और भी है।
  • राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति, 2017 में भारत की स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली की आधारशिला के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य और तंदरूस्‍ती की कल्‍पना की गई है।
  • इसके अंतर्गत 1.5 लाख केंद्रों के माध्यम से विस्‍तृत प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रणाली को लोगों के घरों तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • आयुष्‍मान भारत के अंतर्गत दूसरा प्रमुख कार्यक्रम, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा योजना के तहत 10 करोड़ गरीब और कमज़ोर परिवारों (करीब 50 करोड़ लाभार्थियों) को अस्‍पताल में इलाज के लिये प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा।
  • यह सरकारी सहायता दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को सरलता से लागू करने के लिये पर्याप्‍त धन प्रदान किया जाएगा।

राष्‍ट्रीय रणनीतिक योजना

  • अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए तपेदिक उन्‍मूलन के लक्ष्‍य को हासिल करने हेतु सरकार ने नई ‘राष्‍ट्रीय रणनीतिक योजना’ शुरू की है ताकि 2025 तक भारत को तपेदिक मुक्‍त किया जा सके।
  • इसके लिये अगले 3 वर्षों में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जाएगी ताकि तपेदिक के प्रत्‍येक मरीज़ तक गुणवत्‍तापूर्ण निदान, इलाज और सहायता की पहुँच सुनिश्‍चित हो सके।
  • सरकार द्वारा पोषण संबंधी सहायता, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के मॉडल का विस्‍तार और एचआईवी/एड्स जैसी सफलता का अनुसरण करने के लिये अपनी रणनीतियों को पंक्‍तिबद्ध करने हेतु नई योजना शुरू की गई है।
  • कार्यक्रम और इलाज के अनुपालन पर निगरानी रखने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्‍तेमाल किया जा रहा हैं।

उद्देश्य

  • नई राष्‍ट्रीय रणनीतिक योजना में एक बहुविध दृष्‍टिकोण अपनाया गया है, जिसका उद्देश्‍य तपेदिक के सभी मरीज़ों का पता लगाना है।
  • इसमें तपेदिक के मरीज़ों और अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में मरीज़ों तक पहुँचने, मरीज़ों पर केन्‍द्रित दृष्‍टिकोण अपनाकर सभी मरीज़ों का इलाज, अतिसंवेदनशील आबादी वाले समूहों में तपेदिक को उभरने से रोकने और कार्यान्‍वयन को सरल तथा कारगर बनाने के लिये अधिकार प्राप्‍त संस्‍थानों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

वर्तमान स्थिति

  • भारत में तपेदिक प्रमुख संक्रामक रोग है, जिससे अनेक लोगों की मृत्‍यु होती है। वर्ष 2016 में तपेदिक के अनुमानत: 28 लाख नए मामले सामने आए, जिसमें 4 लाख से अधिक लोगों की तपेदिक और एचआईवी से मृत्‍यु हो गई।
  • भारत तपेदिक उन्‍मूलन के लिये राष्‍ट्रीय रणनीतिक योजना को लागू कर रहा है। प्रधानमंत्री की 2025 तक तपेदिक उन्‍मूलन की कल्‍पना ने एसडीजी के 5 वर्ष पहले संशोधित राष्ट्रीय तपेदिक कार्यक्रम के प्रयासों को तेज़ कर दिया है, इसके अस्‍तित्‍व में आने के बाद 2 करोड़ से अधिक टीबी रोगियों का इलाज किया जा चुका है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य योजनाओं के लिये बजट कभी भी कोई मुद्दा नहीं होगा और इसकी झलक स्‍वास्‍थ्‍य के बजट में वृद्धि तथा आयुष्‍मान भारत के अंतर्गत दो ज़बरदस्‍त पहलों की घोषणा के ज़रिये दिखती है, जो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को संपूर्ण रूप से दूर करेगी।
  • गरीबों पर खर्च का बोझ कम करने के लिये सरकार ने इलाज के लिये देश भर में सस्‍ती दवाओं और भरोसेमंद आरोपण (अमृत) फार्मेसियाँ शुरू की हैं और आम आदमी के लिये स्‍टेंट और घुटना प्रत्‍यारोपण को सस्‍ता किया है।
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