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वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण में वर्णित बैंक को प्रोत्साहित करने का संकेत दिया

  • 04 Feb 2017
  • 7 min read

पृष्ठभूमि

वित्त मंत्री द्वारा 3 फरवरी को बैंकों की गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों (Non-Performing Assets- NPAs) तथा अत्यधिक ऋणी कंपनियों (Over-Indebted Corporates) की ‘जुडवाँ बैलेंस शीट’ (Twin Balance Sheet) की समस्या से निपटने के लिये “बेड बैंक” (Bad Bank) की स्थापना के रूप में एक बेहतर विकल्प की संभावना व्यक्त की गई है|

प्रमुख बिंदु

  • बजट प्रस्तुत किये जाने से पूर्व उद्योग मंडल (Industry chamber) से हुई बातचीत में वित्त मंत्री ने इस बात का संकेत दिया है कि सरकार इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण में “खराब ऋणों’ (Bad loans) से निपटने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की परिसंपत्तियों के लिये एक पुनर्वास एजेन्सी (Public Sector Asset Rehabilitation Agency - PARA) की स्थापना करने पर विचार कर रही है|
  • बैंकों में और अधिक मात्रा में पूंजी का प्रवाह सुनिश्चित करने हेतु बजट 2017-18 के अंतर्गत 10,000 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है| इस धनराशि का उपयोग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में सुधार हेतु आरंभ किये गए “इन्द्रधनुष कार्यक्रम” के तहत किया जाना सुनिश्चित किया गया है|
  • वित्त मंत्री द्वारा इस बात का भी संकेत दिया गया है कि ‘खराब ऋणों’ से निपटने के लिये सरकार बैंकों को मात्र बजट के माध्यम से वित्त पोषित करने के विषय पर ही गौर नहीं कर रही है, बल्कि इसके लिये अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है|
  • वित्त मंत्री द्वारा स्पष्ट किया गया है कि “बुरे बैंक” की स्थापना से पूर्व सरकार क्षेत्रीय गतिविधियों में विस्तार चाहती है|  
  • ध्यातव्य है कि सरकार द्वारा बजट में बैंकों को 10,000 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराने तथा “बुरे बैंक” की स्थापना की सम्भावना प्रकट करने के बावजूद बैंकों की गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों में वृद्धि दर्ज की गई है|
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks) की गैर- निष्पादनकारी परिसंपत्तियों में सितंबर 2015 (9.83%) की तुलना में सितंबर 2016 में अधिक (11.82%) वृद्धि दर्ज की गई है| इस प्रकार, सितंबर 2016 तक सरकारी बैंकों की कुल गैर- निष्पादनकारी परिसंपत्तियाँ 15.88% के स्तर पर पहुँच गई हैं| 


“बुरे बैंक” की स्थापना का विचार 

  • ध्यातव्य है कि “बुरे बैंक” (bad bank) की अवधारणा के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्तियों का अधिग्रहण करने तथा उन्हें बैंकों की सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों की ओर केन्द्रित करने पर बल दिया जाता है|
  • “बुरे बैंक” की अवधारणा को बैंकों की वाणिज्यिक अचल संपत्ति पोर्टफोलियो (Commercial Real-Estate Portfolio) की समस्या का निदान करने के उद्देश्य से सर्वप्रथम वर्ष 1988 में मेल्लोन बैंक (Mellon Bank) के पिट्सबर्ग (Pittsburgh) मुख्यालय में प्रस्तुत किया गया था| 
  • मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Co.) के अनुसार, "बुरे बैंक" की अवधारणा को स्वीडन, फ्राँस तथा जर्मनी के बैंकिंग संकट के समय भी लागू किया गया था। 
  • 31 जनवरी को प्रस्तुत किये गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह स्पष्ट किया गया है कि ‘पारा’ को लागू किये जाने से ऋणों से संबंधित लगभग सभी बड़े, सबसे मुश्किल तथा राजनैतिक रूप से कठिन निर्णय भी लिये जा सकेंगे| 
  • सर्वेक्षण में इस बात पर बल दिया गया है कि इससे पहले कि ‘जुड़वाँ बैलेंस शीट’ एक बड़ी समस्या बनकर उभरे, बेहतर होगा कि उससे पहले ही इस समस्या का समाधान खोज लिया जाए|


अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • वित्त मंत्री द्वारा स्पष्ट किया गया है कि इस वर्ष के बजट में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation) को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है|
  • इस बार के बजट में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) जीडीपी  के 3.2 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है|
  • विदित हो कि बहुत जल्द भारत सरकार ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (Goods and Services- GST) को लागू करने जा रही है जिसका अंतिम प्रारूप तैयार किया जा रहा है और एक बार समस्त कानूनी प्रक्रिया समाप्त होने के पश्चात् इस मसौदे को आगे की कार्यवाही हेतु संसद के पटल पर रखा जाएगा|
  • उक्त कार्य के साथ-साथ जीएसटी के सफल कार्यान्वयन हेतु इसके अंतर्गत संबद्ध होने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को सूचीबद्ध करने के कार्य को संपन्न करने पर भी बल दिया जा रहा है| 
  • विभिन्न वस्तुओं के संबंध में जीएसटी की दरें निर्धारित करने के लिये नई दरों को मौजूदा दरों के अनुरूप ही तैयार किया जा रहा है|
  • जहाँ तक नई दरों को मौजूदा दरों के अनुरूप तैयार किये जाने का सवाल है तो उसके लिये चार स्लैब्स बनाए गए हैं|
  • वर्तमान में लागू ‘वैट-सह-उत्पाद शुल्क’ (VAT plus excise duty) अथवा ‘वैट-सह-सेवा कर’ (VAT plus service tax) के अनुरूप ही ‘जीएसटी स्लैब’ (GST slab) का भी निर्माण किया गया है|
  • इसके अतिरिक्त, पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये बजट 2017-18 में किफायती आवास मुहैया कराने के मुद्दे को भी शामिल किया गया है जिसमें और अधिक सुधार करने के लिये सरकार द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गए हैं|
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