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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

श्रीलंका: नए संविधान का मसौदा

  • 24 Aug 2020
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये

मित्र शक्ति, SLINEX

मेन्स के लिये

भारत - श्रीलंका संबंध

चर्चा में क्यों

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (2019 में निर्वाचित) ने संसद के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीलंका एक नए संविधान का मसौदा तैयार करेगा और राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करने वाले 19वें संशोधन को समाप्त कर संसद की भूमिका को मज़बूत करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • श्रीलंका के नए मंत्रिमंडल में राजपक्षे परिवार के सदस्य शामिल हैं।
    • महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksha) श्रीलंका के प्रधानमंत्री हैं।
  • राजपक्षे की अगुवाई में श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (Sri Lanka People’s Party- SLPP) ने हाल ही में हुए संसदीय चुनावों (अगस्त 2020) में शानदार जीत हासिल की जिससे प्रभावशाली परिवार अगले पांच वर्षों के लिये सत्ता को मज़बूत कर सके।

  • 19वां संशोधन:
    • वर्ष 2015 में पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना (Maithripala Sirisena) और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के कार्यकाल (2015-19) के दौरान इसे पारित किया गया था।
    • इसने न केवल राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों को बढ़ाने की कोशिश की गई बल्कि न्यायपालिका, सार्वजनिक सेवा और चुनाव जैसे प्रमुख स्वतंत्र आयोगों को भी मज़बूत करने की मांग की गई।
      • इसने राष्ट्रपति पद के दो-कार्यकाल की सीमा को वापस ले लिया।
    • समकालीन श्रीलंका के इतिहास में प्रगतिशील कानून के रूप में नागरिक समाज के सदस्यों सहित कई लोगों द्वारा इसका स्वागत किया गया था।
    • हालाँकि राजपक्षे कैंप द्वारा 19वें संशोधन के खंडों को अपने नेताओं की सत्ता में वापसी को रोकने के लिये मुख्य रूप से देखा गया।
      • इस संशोधन ने दोहरे नागरिकों को चुनाव लड़ने से रोका। उस समय वर्तमान राष्ट्रपति सहित राजपक्षे परिवार के दो सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका और श्रीलंका के दोहरे नागरिक थे।
    • इसके उन्मूलन से राजपक्षे की सत्ता पर पकड़ मज़बूत होगी क्योंकि देश अपनी पिछली संवैधानिक स्थिति में वापस आ जाएगा जिसमें राष्ट्रपति पुलिस, न्यायपालिका एवं सार्वजनिक सेवा के लिये अधिकारियों की नियुक्ति कर सकते हैं और एक वर्ष के बाद कभी भी संसद को भंग कर सकते हैं।
  • नया संविधान:
    • राष्ट्रपति ने कहा कि नया संविधान ‘सभी लोगों के लिये एक देश, एक कानून’ की अवधारणा को प्राथमिकता देगा।
      • वर्ष 1978 से अब तक 19 बार श्रीलंका का संविधान बदला गया है, जिससे बहुत सारी अनिश्चितताएँ और भ्रम पैदा हुए हैं।
    • आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के लाभदायक पहलुओं को बनाए रखते हुए संसद की स्थिरता और लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिये परिवर्तन किये जाएंगे।
    • अधिकार कार्यकर्ता संविधान में नियोजित बदलावों को SLPP और राजपक्षे भाइयों के मुख्य रूप से बौद्ध, सिंहली भाषी मतदाताओं को और सशक्त बनाने के प्रयास के रूप में देखते हैं।
      • राजपक्षे परिवार जिसने वर्ष 2005 से वर्ष 2015 तक सरकार पर अपना वर्चस्व कायम रखा, देश के लंबे गृहयुद्ध (1983-2009) के चरमोत्कर्ष का गवाह बना।
      • युद्ध ने श्रीलंका को नृजातीय रेखाओं के साथ विभाजित कर दिया, जिसने अल्पसंख्यक बौद्ध सिंहली-बहुल सरकार को तमिल विद्रोहियों के खिलाफ खड़ा कर दिया जो एक अलग राज्य चाहते थे।
      • वर्ष 2009 में सरकारी बलों द्वारा विद्रोहियों को हराया गया था।
  • भारत - श्रीलंका संबंध:
    • भारत की पहल:
      • हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जो COVID-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित है।
      • इससे पहले भारत ने महामारी से लड़ने के लिये अप्रैल और मई 2020 में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की चार खेप (Consignments) भेजकर श्रीलंका की सहायता की थी।
      • भारतीय आवास परियोजना (Indian Housing Project) भारत सरकार की श्रीलंका को विकासात्मक सहायता की प्रमुख परियोजना है। इसकी आरंभिक प्रतिबद्धता गृह युद्ध से प्रभावित लोगों के साथ-साथ बागान क्षेत्रों में संपदा श्रमिकों के लिये 50,000 घरों का निर्माण करना है।
    • द्विपक्षीय सहयोग:
      • भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास (मित्र शक्ति) और नौसेना अभ्यास (SLINEX) करते हैं।
      • दोनों देशों के क्षेत्रीय जल की निकटता को देखते हुए मछुआरों के भटकने की घटनाएँ आम हैं विशेष रूप से पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी की घटनाएँ। दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार करते हुए दोनों ओर के मछुआरों की स्थिति से निपटने के लिये कुछ व्यावहारिक व्यवस्थाओं पर सहमति व्यक्त की है।
    • चिंता:
      • श्रीलंका के नए सत्तारूढ़ कबीले LAC और क्षेत्र में चीन के साथ भारत की परेशानियों के बारे में काफी जागरूक हैं। राजपक्षे चीन का भारत के प्रति प्रतिकार के रूप में उपयोग करते रहेंगे।

आगे की राह

  • श्रीलंका के लिये नई सरकार की संविधान-निर्माण प्रक्रिया श्रीलंका के लोकतंत्र को मज़बूत करेगी और सभी के लिये समृद्धि प्राप्त करने हेतु देश के लिये एक समावेशी मंच प्रदान करेगी।
  • भारत द्वारा श्रीलंका की सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए श्रीलंका में तमिलों के लिये सुलह के प्रयासों पर ज़ोर देना चाहिये।

स्रोत- द हिंदू

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