लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

सामाजिक न्याय

राष्ट्रीय पोषण मिशन पर रिपोर्ट: नीति आयोग

  • 26 Nov 2020
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये

राष्ट्रीय पोषण मिशन

मेन्स के लिये

राष्ट्रीय पोषण मिशन पर रिपोर्ट से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों 

हाल ही में नीति आयोग ने "भारत में पोषण पर त्वरित प्रगति: राष्ट्रीयता मिशन या पोषण अभियान" पर तीसरी प्रगति रिपोर्ट जारी की है।

प्रमुख बिंदु

राष्ट्रीय पोषण मिशन:

  • वर्ष 2018 में शुरू किया गया यह मिशन बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करने के हेतु भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है।
    • राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission) नीति आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पोषण रणनीति (National Nutrition Strategy) द्वारा समर्थित है। इस रणनीति का उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करना है।

लक्ष्य

  • इसका उद्देश्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) और जन्म के समय कम वजन को क्रमशः 2%, 2%, 3% और 2% प्रतिवर्ष कम करना है।
  • मिशन-मोड में कुपोषण की समस्या का समाधान करना है।
  • कुल लागत का 50% विश्व बैंक या अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा दिया जा रहा है जबकि शेष 50% केंद्रीय बजटीय समर्थन के माध्यम से दिया जा रहा है।
  • बजटीय समर्थन को निम्न भागों में विभाजित किया गया है:
    • पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये 90:10 जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र द्वारा दिया जाएगा 10 प्रतिशत राज्यों द्वारा। 
    • बिना विधायिका के केंद्रशासित प्रदेशों की स्थिति में 100 प्रतिशत केंद्र द्वारा दिया जाएगा।
    • अन्य राज्यों की स्थिति में 60:40 जिसमें 60 प्रतिशत केंद्र द्वारा दिया जाएगा और 40 प्रतिशत राज्यों द्वारा।

प्रसार

  • 5 वर्ष से कम आयु वर्ग के एक तिहाई से अधिक बच्चे स्टंटिंग और वेस्टिंग की समस्या का सामना कर रहें हैं तथा 1 से 4 वर्ष के आयु वर्ग के 40% बच्चे एनीमिक हैं।
  • वर्ष 2016 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार, 50% से अधिक गर्भवती और गैर-गर्भवती महिलाओं में एनीमिया पाया गया है।

रिपोर्ट के संबंध में:

  • तीसरी प्रगति रिपोर्ट (अक्तूबर 2019-अप्रैल 2020) बड़े पैमाने पर डेटासेट के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर ज़मीनी कार्यान्वयन की चुनौतियों पर रोल-आउट की स्थिति का जायजा लेती है।
    • ये डेटासेट NFHS-4 और व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (CNNS) हैं।
  • मार्च 2020 में समीक्षा रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया गया था तब गरीबी और भुखमरी के स्तरीय कारक मौजूद नहीं थे जितना कोविड-19 के कारण और नीचे जाने की उम्मीद है।

चिंताएँ:

  • स्टंटिंग पर विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) द्वारा परिभाषित वैश्विक लक्ष्य की तुलना में भारत के लक्ष्य रूढ़िवादी हैं, जो कि स्टंटिंग के स्तर को वर्ष 2022 तक घटाकर 13.3% करने के भारत के लक्ष्य के विपरीत 5% स्टंटिंग की व्यापकता दर है।
  • गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के प्रसार स्तर को कम करने का लक्ष्य वर्ष 2016 में 50.3% और वर्ष 2022 में 34.4% तथा किशोर लड़कियों में वर्ष 2016 में 52.9% से 39.66% तक कम करने का लक्ष्य है, क्योंकि प्रचलन के स्तर को कम करने के WHA के लक्ष्य की तुलना में यह रूढ़िवादी भी माना जाता है।
  • महामारी के मद्देनज़र विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गरीबी और भूखमरी को प्रगाढ़ करना मिशन के तहत परिभाषित लक्ष्यों को प्राप्त करने में देरी हो सकती है।

सुझाव

  • स्टंटिंग पर:
    • एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) में व्यवहार परिवर्तन और पूरक भोजन की खुराक दोनों का उपयोग करके पूरक आहार में सुधार करना।
    • अन्य सामाजिक निर्धारकों के साथ लड़कियों और महिलाओं में निवेश की दिशा में काम करना (बचपन में शिक्षा, जल्दी शादी और गर्भावस्था को कम करना, गर्भावस्था के दौरान और बाद में देखभाल में सुधार करना)।
    • जल की गुणवत्ता में सुधार करने के लिये  स्वच्छता, साबुन से हाथ धोना और अन्य प्रभावी हस्तक्षेप के साथ बच्चों के मल का स्वच्छ निपटान करना।
  • वेस्टिंग पर:
    • गंभीर और तीव्र कुपोषण (Severe Acute Malnutrition- SAM) के उपचार से परे होने वाले ऐसे हस्तक्षेपों को शामिल करना और मध्यम वेस्टिंग को भी संबोधित करना जो वेस्टिंग में बड़ी गिरावट को प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं।
    • उन सभी को रोगी की देखभाल में SAM की सुविधा आधारित उपचार तक पहुँच को बढ़ाना।
    • राष्ट्रीय स्तर पर वेस्टिंग की रोकथाम और एकीकृत प्रबंधन के लिये तत्काल एक पूरी रणनीति जारी करना।
  • एनीमिया पर:
    • ऐसा परिदृश्य जो केवल स्वास्थ्य क्षेत्र के हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करता है जो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया में मामूली सुधार प्राप्त करेगा।

आगे की राह

  • चूँकि राष्ट्रीय पोषण मिशन भारत में कुपोषण के खिलाफ एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिये भारत को अब कई मोर्चों पर कार्रवाई में तेज़ी लाने की आवश्यकता है। अनुमान आशावादी हैं और स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं के लिये कोविड-19 अवरोधों के लिये फिर से समायोजित करने की आवश्यकता होगी।

स्रोत- द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2