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RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (13 दिसंबर, 2019)

  • 13 Dec 2019
  • 9 min read

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस

प्रतिवर्ष विश्व भर में 11 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ (International Mountain Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पर्वतीय क्षेत्र के सतत् विकास के महत्त्व के बारे में जानने और पर्वतीय क्षेत्र के प्रति दायित्वों के लिये जागरूक करना है। यह दिवस पहाड़ों में सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस की थीम Mountains Matter for Youth रखी गई है। इस साल की थीम का उद्देश्य युवाओं को पर्वतो के महत्त्व की जानकारी देना, आपदा जोखिम में कमी, पानी, भोजन एवं स्वदेशी लोगों और जैव विविधता के बारे में अवगत कराना है। संपूर्ण पृथ्वी की सतह के लगभग 22 प्रतिशत हिस्से पर पहाड़ हैं, जहाँ पर विश्व भर के 915 मिलियन लोग (विश्व की जनसंख्या का 13%) निवास करते हैं।


अंतर्राष्ट्रीय तटस्थता दिवस

संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 12 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय तटस्थता दिवस (International Day of Neutrality) मनाया जाता है। इसकी आधिकारिक घोषणा फरवरी 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा की गई थी और उसी वर्ष पहली बार 12 दिसंबर को इस दिवस को मनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय तटस्थता दिवस मनाए जाने का उद्देश्य निवारक कूटनीति के उपयोग को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में तटस्थता के मूल्य के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है।


सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage-UHC) दिवस प्रतिवर्ष 12 दिसंबर को मनाया जाता है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage-UHC) का मतलब देश के किसी भी भाग में बसे नागरिक की आय के स्तर, सामाजिक स्थिति, लिंग, जाति या धर्म के बिना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य वहनीय, उत्तरदायी, गुणवत्तापूर्ण एवं यथोचित स्वास्थ्य सेवाओं के आश्वासन को सुनिश्चित करना है। इसमें रोगों की रोकथाम, उपचार एवं पुनर्वास, देखभाल शामिल हैं। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत विकास लक्ष्य को भी शामिल किया गया है। इसके तहत आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रोगों की रोकथाम, उपचार, अस्पताल संबंधी देखभाल आदि को शामिल किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्वभर में लगभग एक अरब लोग आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसके कारण लगभग 150 मिलियन लोगों के समक्ष प्रतिवर्ष वित्तीय संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के भुगतान के परिणामस्वरूप 100 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं। सार्वभौमिक कवरेज’ WHO के 1948 के संविधान पर आधारित है, जो यह उद्घोषणा करता है कि स्वास्थ्य मनुष्य का आधारभूत अधिकार है तथा यह सभी के स्वास्थ्य के उच्चतम स्तर की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिये 10 सिद्धांत निर्देशित किये गए हैं, इनमें समानता, बहिष्कार एवं भेदभाव न करना, तर्कसंगत एवं गुणवत्तापूर्ण व्यापक देखभाल, वित्तीय सुरक्षा, रोगियों के अधिकारों का संरक्षण, मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये प्रावधान, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता, समुदाय की भागीदारी तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुँच शामिल हैं। इस वर्ष इस दिवस की थीम Keep the Promise रखी गई है।


भारत की विकास दर घटाई

एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया है। इससे पहले सितंबर और जुलाई में भी ADB ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया था। ADB ने वर्ष 2019-20 के लिये सितंबर में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी और उसके बाद 7.2 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। ADB के अनुसार, फसल खराब होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल स्थिति और रोज़गार की धीमी वृद्धि दर ने उपभोग को प्रभावित किया है तथा इसकी वजह से वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है। साथ ही उसने कहा कि अनुकूल नीतियों के कारण आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में मज़बूत होकर 6.5 फीसदी पर पहुँच जाने का अनुमान है। ध्यातव्य है कि हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी GDP अनुमान घटाया था। केंद्रीय बैंक के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान GDP में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर 5 फीसदी पर आ सकती है। जुलाई-सितंबर 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब विकास में कमी दर्ज की गई है। इससे पहले जनवरी-मार्च 2013 तिमाही में विकास दर 4.3 फीसदी रही थी।


बोगनविले द्वीप

संसाधन समृद्ध बोगनविले द्वीप (Bougainville Island) पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर विश्व के नक्शे पर नया देश बनने की राह पर अग्रसर है। इस ओर कदम बढ़ाते हुए पूर्ण स्वतंत्रता को लेकर बहुप्रतीक्षित जनमत संग्रह के लिये दो सप्ताह तक मतदान हुआ। मतदान के लिये बोगनविले के लगभग दो लाख 70 हज़ार लोग पंजीकृत थे। दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में स्थित बोगनविले ने पापुआ न्यू गिनी से आज़ादी हासिल करने के समर्थन में मत दिया। जनमत संग्रह में अलग देश के लिये 98% (176,928) लोगों ने मतदान किया जबकि सिर्फ 2% (3,043) नागरिक ही ऐसे थे जिन्होंने पापुआ न्यू गिनी के साथ रहने के समर्थन में मत दिया। जनमत संग्रह का परिणाम गैर-बाध्यकारी है और बोगनविले तथा पापुआ न्यू गिनी के नेताओं के बीच समझौते से आज़ादी का रास्ता बनेगा। इसके बाद पापुआ न्यू गिनी के सांसद इस पर फैसला करेंगे। प्राकृतिक संपदा की दृष्टि से बेहद धनी इस छोटे से द्वीप पर कई देशों का प्रभुत्व रहा है और समुद्र से घिरे प्राकृतिक संपदा संपन्न द्वीप ने लगातार संघर्ष किया। इस द्वीप पर आधिपत्य की कहानी 200 साल पुरानी है। पहले इस पर जर्मनी का अधिकार था जिसके बाद इस पर ऑस्ट्रेलिया ने अपना प्रभुत्व जमाया। उसके बाद जापान ने और फिर संयुक्त राष्ट्र ने इसका शासन अपने हाथ में लिया। आखिरी में इसे पापुआ न्यू गिनी को सौंपा गया।

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